मध्य प्रदेश विधानसभा की 28 सीटों पर हुए उपचुनाव में से 19 सीटों पर सत्तारूढ़ भाजपा ने जीत दर्ज की है, जबकि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के खाते में 9 सीटें गई हैं। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार भाजपा ने जो 19 सीटें जीती हैं, वे हैं…. अम्बाह, ग्वालियर, भांडेर, पोहरी, बमोरी, अशोक नगर, मुंगावली, सुरखी, मलहरा, अनूपपुर, सांची, हाटपिपल्या, मांधाता, नेपानगर, बदनावर, जौरा और सुवासरा, मेहगांव और सांवेर । कांग्रेस ने 9 सीटों, सुमावली, मुरैना, दिमनी, गोहद, डबरा, करैरा, ग्वालियर पूर्व ब्यावरा और आगर पर जीत दर्ज की है। इस तरह से 230 सदस्यों वाले विधानसभा में भाजपा के 126 सदस्य हो गए हैं, जबकि कांग्रेस के 96।
‘उपचुनाव में जीत से साबित हुआ कि जनता सिंधिया और उनके समर्थकों के कदम का समर्थन कर रही है..’
230 सदस्यीय सदन में बहुमत हासिल करने के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भाजपा की इस जीत से साबित हो गया है कि जनता तत्कालीन कमलनाथ सरकार को गिराने के ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके साथी कांग्रेस विधायकों के कदम का स्वागत करती है।
चौहान ने उपचुनाव में पार्टी को मिली जीत के उपलक्ष्य में यहां प्रदेश भाजपा कार्यालय में आयोजित विजय उत्सव में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि कमलनाथ के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने प्रदेश को भ्रष्टाचार और दलाली का अड्डा बना दिया था। उन्होंने प्रदेश का विकास ठप्प कर दिया था और हमारी सारी योजनाएं बंद कर दी थीं।
मुख्यमंत्री ने कहा, ”चुनाव के दौरान उन्होंने (कांग्रेस नेताओं) खूब गालियां दीं, कई तरह के आरोप लगाए। गद्दार, बिकाऊ और पता नहीं क्या-क्या कहा लेकिन भाजपा की इस जीत ने साबित कर दिया कि सिंधिया और उनके साथियों ने कमलनाथ सरकार को गिराने का जो काम किया था, जनता उसका समर्थन करती है।
चौहान ने कहा, ”ये जीत विकास की जीत है, जनता के कल्याण की जीत है, हमारे विचार, संस्कार और विनम्रता की जीत है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा, ”दंभ और अहंकार को पराजित होना पड़ा। उन्होंने कहा कि जो कांग्रेस विधायक सदन की सदस्यता से त्यागपत्र देकर हमारे साथ आये थे, उन्होंने अपना राजनीति करियर दांव पर लगाया था।
मध्यप्रदेश में कांग्रेस पर भारी पड़ी शिवराज-सिंधिया की जोड़ी
मध्य प्रदेश के विधानसभा उपचुनावों ने भाजपा की शिवराज सिंह सरकार को बरकरार रखने के साथ और और ज्यादा मजबूती दे दी है। इन नतीजों ने एक बार फिर कांग्रेस को करारा झटका दिया है और भाजपा अपनी रणनीति में सफल साबित हुई है। कांग्रेस से अपने समर्थकों के साथ बगावत कर भाजपा का दामन थामने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया का दांव भी सफल रहा है और वे उपचुनावों में अपने अधिकांश समर्थकों को जिताने में सफल रहे हैं। इस जीत से भाजपा में शिवराज व सिंधिया दोनों का कद बढ़ा है।