50 मिनट तक 12 फुट के कमरे में राहुल और प्रियंंका गांधी की पीड़िता के परिजनों से हुई बात

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हाथरस में कथित गैंगरेप का शिकार हुई पीड़िता के परिवारवालों से कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शनिवार को मुलाकात की। दिल्ली से हाथरस मिलने गए राहुल और प्रियंका ने पीड़ित परिवार को ढांढस बंधाया और कहा कि वे न्याय दिलाने में पूरी मदद करेंगे। 

किसी करीबी रिश्तेदार की तरह दोनों भाई बहनों ने जमीन पर बैठकर पीड़ित परिवार से बात की। पीड़िता के पिता, मां, भाई व भाभी को सांत्वना दी। पीड़िता की मां व भाभी को प्रियंका ने गले लगाया तो वह रोने लगी। करीब 50 मिनट तक बेहद भावुक माहौल में परिवार से कांग्रेस के दो दिग्गज नेता मिले। कमरे में उनके साथ कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी थे। छोटे से कमरे में बैठने के लिए कुर्सी भी नहीं थी। राहुल प्रियंका खड़े होकर बात करते रहे। करीब 33 मिनट बाद प्रियंका गांधी जमीन पर बैठीं। राहुल गांधी खड़े रहे। कुछ मिनट बाद राहुल भी जमीन पर बैठ गए। परिवार ने बैठने के लिए चादर देने की कोशिश की तो राहुल ने हाथ हिलाकर मना कर दिया। शुरुआती बातचीत में राहुल ने घटना की जानकारी ली। परिवार ने जब बताया कि अंतिम समय में वह अपनी बेटी का चेहरा भी न देख सके तो राहुर्ल ंप्रयका ने खुद को संभालने को कहा। कमरे में रखा एक पंखा काफी देर तक चला नहीं था। लिहाजा राहुल प्रियंका पसीने से तरबतर थे।

हाथ जोड़कर रोने लगे पिता :

बातचीत के दौरान पिता कई बार रोने लगे। वह एक ही बात कह रहे थे कि उनकी बेटी को बिना उनकी अनुमति के जला दिया गया। वह दो ढाई घंटे और शव को घर पर रखने की गुजारिश कर रहे थे, लेकिन किसी ने नहीं सुनी। राहुल ने उन्हें कंधे पर हाथ रखकर समझाया।

भाभी ने बताई राहुल को बात:  पिता, मां, भाई व भाई से एक एककर राहुल गांधी ने बात की। भाभी ने कहा कि उन लोगों को किस प्रकार अफसरों ने धमकाया। राहुल गांधी के बराबर बैठी हुई मृतका की भाभी अपनी बात कहते कहते रो पड़ीं। जब राहुल प्रियंका जाने लगे तो मृतका की भाभी व मां को उन्होंने गले लगाया। भाभी काफी देर तक प्रियंका से गले मिलकर रोती रही। मृतका की दादी से भी राहुल मिले।

गांव में लाइट भी नहीं थी:

दूसरी कोशिश में गांव बूलगढ़ी आने की इजाजत मिलने पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी शनिवार की रात अंधेरे को चीरते हुए गांव पहुंचे और हैवानियत की शिकार युवती के परिजनों से मिलकर गम साझा किया। इस मौके पर प्रियंका ने घर की महिलाओं को लगे लगाकर भावुक अंदाज में सांत्वना दी। राष्ट्रीय राजमार्ग-93 से गांव बूलगढ़ी की दूरी लगभग डेढ़ किलोमीटर है। लगभग आठ फुट की सड़क गांव तक जाती है। शनिवार रात करीब सवा सात बजे राहुल-प्रियंका का काफिला हाईवे से गांव को मुडा। गांव में लाइट नहीं थी। अंधेरे को चीरते हुए राहुल का काफिला गांव की और बढ़ा।  बूलगढ़ी में पहुंचने पर कांग्रेस नेता राहुल-प्रियंका ने लगभग 50 मिनट तक परिजनों से बात की। इस दौरान उन्होंने परिजनों से प्रदेश सरकार के एक्शन पर राय ली। इस दौरान राहुल ने परिजनों को भरोसा दिलाया कि जब भी वे लोग उन्हें याद करेंगे तो वह हाजिर होंगे और उनके लिए न्याय की लड़ाई लड़ेंगे।     

मीडियावालों को लगानी पड़ी दौड़:

नोएडा से ही काफिले के पीछे आ रही मीडियाकर्मियों की गाड़ी को बाहर ही बैरीर्केंडग पर रोक दिया गया। इस पर हक्के-बक्के मीडिया वालों को पैदल ही गांव के लिए दौड़ लगानी पड़ी। पीड़िता के मकान से लगभग तीस मीटर दूर सड़क पर गाड़ियां रुकीं तो मीडिया के कैमरों की फ्लैश चमचमा उठी। लगभग दो मिनट गाड़ी में ही बैठे रहने के बाद दोनों बाहर आए। मीडिया ने उन्हें घेरा पर बिना जवाब दिए आगे बढ़ गए। 

बूलगढ़ी की चार फुट चौड़ी, बीस फुट लंबी गली में राहुल-प्रियंका
वहां से गांव बूलगढ़ी में बीस कदम चलकर चार फुट चौड़ी और बीस फुट लंबी गली में राहुल-प्रियंका गांधी भारी सुरक्षा बंदोबस्त के बीच आगे बढ़े तो कई बार उन्हें धक्के भी लगे। गली में घुसते ही राहुल ने पीछे रह गई प्रियंका गांधी को आवाज देकर साथ बुला लिया। लगभग सौ गज में बने पीड़िता के मकान का आंगन और छत पहले ही मीडियावालों से लदी हुई थी। उस घर में 12 फुट लंबे और आठ फुट चौड़े कमरे में परिवार के छह लौग मौजूद थे। सुरक्षाकर्मियों ने कमरे का दरवाजा बंद करके मीडिया को बाहर निकाल दिया। 

प्रियंका गांधी के सवाल
हाथरस के पीड़ित परिवार के प्रश्न:
1. सुप्रीम कोर्ट के जरिए पूरे मामले की  न्यायिक जाँच हो
2. हाथरस ऊट को सस्पेंड किया जाए और किसी बड़े पद पर नहीं लगाया जाए
3. हमारी बेटी के शव को बगैर हमसे पूछे पेट्रोल से क्यों जलाया गया?
4. हमें बार-बार गुमराह किया, धमकाया क्यों जा रहा है?

राहुल गांधी का वादा
मैं हाथरस के पीड़ित परिवार से मिला और उनका दर्द समझा। मैंने उन्हें विश्वास दिलाया कि हम इस मुश्किल वक़्त में उनके साथ खड़े हैं और उन्हें न्याय दिलाने में पूरी मदद करेंगे। सरकार चाह कर भी मनमानी नहीं कर पाएगी क्यूँकि अब इस देश की बेटी को इन्सा़फ दिलाने पूरा देश खड़ा है। 

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