कुछ अरबपतियों की नजर किसानों की जमीन और फ़सल पर है, मोदी उनके कठपुतली हैं- राहुल गाँधी

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कृषि कानूनों के खिलाफ देश के कई राज्यों में किसानों के लगातार विरोध के बीच आज कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने रविवार को पंजाब के मोगा में ‘खेती बचाओ यात्रा’ के दौरान निर्णायक ऐलान किया। राहुल गांधी ने कहा कि सत्ता में आते ही तीनों कानूनों को कूड़ेदान में फेंक देंगे।

राहुल गांधी ने मोगा में कहा, ”मैं आपको गारंटी देता हूं कि जिस दिन कांग्रेस पार्टी सत्ता में आती है, हम तीनों काले कानूनों को खत्म कर देंगे और उसे कूड़ेदान में फेंक देंगे।” राहुल गांधी ने कहा कि अगर किसान इन कानूनों से खुश हैं तो वे देशभर में विरोध प्रदर्शन क्यों कर रहे हैं? पंजाब में सभी किसान विरोध क्यों कर रहे हैं। राहुल गाँधी ने कहा- ” ये अडानी और अंबानी की सरकार है। मोदी जी को अंबानी और अडानी चलाते हैं, कैसे? मीडिया में मोदी जी का चेहरा दिखाकर, चौबीस घंटे, सीधा सा रिश्ता है, मोदी जी इनके लिए ज़मीन साफ करते हैं और ये पूरा समर्थन नरेन्द्र मोदी को मीडिया में देते हैं..”

राहुल गांधी ने शनिवार को हाथरस की यात्रा का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मैं उत्तर प्रदेश में था, जहां पर एक बेटी की हत्या कर दी गई। जिन्होंने उसे मारा, उसके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया गया। परिवार जिसकी बेटी की हत्या हुई, उसी को घर में बंद कर दिया गया। डीएम और सीएम ने धमकी दी। भारत में ये हालात हैं। अपराध करने वालों को कुछ नहीं होता है, लेकिन पीड़ित के खिलाफ ही कार्रवाई कर दी जाती है।

राहुल गांधी रविवार दोपहर मोगा पहुंचे थे। वह आज से शुरू हुई तीन दिवसीय ट्रैक्टर रैलियों का नेतृत्व कर रहे हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, कांग्रेस महासचिव एवं पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश रावत, पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़, राज्य के वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल और अन्य नेता भी रैली में शामिल होने के लिए मोगा पहुंचे। ‘खेती बचाओ यात्रा’ के नाम से निकाली जा रही ट्रैक्टर रैलियां करीब 50 किलोमीटर से अधिक दूरी तय करेगी और विभिन्न जिलों तथा निर्वाचन क्षेत्रों से गुजरेंगी। उल्लेखनीय है कि नए कृषि कानूनों का पंजाब के किसान विरोध कर रहे हैं।

आपको बता दें कि किसानों को आशंका है कि केंद्र द्वारा किए जा रहे कृषि सुधार से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को समाप्त करने का रास्ता साफ होगा और वे बड़ी कंपनियों की दया पर आश्रित रह जाएंगे। हालांकि, सरकार का कहना है कि एमएसपी प्रणाली में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। गौरतलब है कि संसद ने हाल में तीन विधेयकों- कृषक उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) विधेयक-2020, ‘किसान (सशक्तीकरण और संरक्षण) मूल्य आश्वासन अनुबंध एवं कृषि सेवाएं विधेयक 2020 और आवश्यक वस्तु संशोधन विधेयक-2020 को पारित किया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मंजूरी के बाद तीनों कानून 27 सितंबर से प्रभावी हो गए।

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