सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए जारी सरकारी की नई गाइडलाइन को लेकर बवाल मचा हुआ है। व्हाट्सएप ने दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा भी खटखटा दिया है। व्हाट्सएप ने कहा है कि सरकार की नई गाइडलाइन को लागू करने से उसके यूजर्स की प्राइवेसी खत्म हो जाएगी और यह संविधान का उल्लंघन भी होगा। इसी बीच फेसबुक ने कहा है कि उसे नई गाइडलाइन से कोई एतराज नहीं है। फेसबुक के बाद अब गूगल ने भी कहा है कि वह सरकार की नई गाइडलाइन के मुताबिक ही भारत में अपनी सेवाएं देगा।
गूगल के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘हमने महसूस किया है कि अपने प्लेटफॉर्म को हम पूरी तरह से सिक्योर रखने में कभी सफल नहीं हुए लेकिन हम अपने प्रयास को नहीं छोड़ेंगे। हम अपनी पॉलिसी को जहां तक संभव होगा पारदर्शी रखेंगे। हम भारत सरकार के कानून का सम्मान करते हैं। भारत सरकार के साथ हमारा एक लंबा इतिहास है कि जब भी किसी आपत्तिजनक कंटेंट को लेकर शिकायत आती है तो हम उसकी जांच करते हैं और फिर जरूरत पड़ने पर उसे हटाते भी हैं। हम पूरी तरह से स्थानीय कानून का पालन करेंगे।’
इससे पहले फेसबुक ने भी मंगलवार को कहा कि वह सरकार की नई गाइडलाइन के मुताबिक ही काम करेगा, हालांकि फेसबुक ने यह भी कहा कि कई अन्य मुद्दों पर सरकार के साथ उसकी बातचीत चल रही है।
बता दें कि इसी साल फरवरी में भारत सरकार में संचार, इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी और विधि एवं न्याय के कैबिनेट मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि सरकार आलोचना और असहमति के अधिकार का स्वागत करती है, लेकिन सोशल मीडिया के यूजर्स के लिए शिकायत करने का एक मंच होना बहुत जरूरी है। नए नियमों के तहत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के पास शिकायत निवारण तंत्र होना चाहिए, उन्हें एक शिकायत अधिकारी का भी नाम बताना होगा जो 24 घंटे के भीतर शिकायत दर्ज करेगा और 15 दिनों में निपटारा करेगा।