कानून मंत्रालय ने लोकसभा में बताया कि 25 हाईकोर्टों मे 419 और सुप्रीम कोर्ट में जजों की चार रिक्तियां है। सरकार ने कहा है कि ये रिक्तियां कितने समय में भर दी जाएंगी, कहा नहीं जा सकता। जजों की सबसे ज्यादा रिक्तियां दिल्ली, कोलकाता और बंबई हाईकोर्ट में क्रमशः 31, 40 और 30 रिक्तियां हैं। सरकार ने बताया की पिछले तीन वर्षों (2018,19 और 20) में हाई कोर्ट कोलेजियम से 505 सिफारिशें प्राप्त हुई थीं, सुप्रीम कोर्ट की सिफरिश पर इनमें से 177 सिफारिशें को विभिन्न हाईकोर्ट में नियुक्ति दी गई।
वहीं 134 नामों को सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने खारिज कर दिया और हाईकोर्ट को वापस भेज दिया। सरकार उन्ही सिफारिशें को नियुक्ति के लिए मंजूर करती हैंजो सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम से क्लियर हो जाती हैं।
सरकार के पास विभिन्न हाईकोर्ट से प्राप्त 194 सिफारिशें हैं जो सरकार और सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम में विभिन्न स्तरों पर प्रक्रियागत है। सरकार ने कहा की जजों की रिक्तियां भरना एक सतत प्रक्रिया है। सरकार और न्याय पालिका के सहयोग से जजों की नियुक्तियां की जाती हैं। इसके लिए विभिन्न संवैधानिक प्राधिकारों से विभिन्न स्तरों पर परामर्श भी किया जाता है। इसलिए उच्च न्यायपालिका मे जजों की रिक्तियों को भरने के लिए कोई समय सीमा नहीं बताई जा सकती।