हरियाणा में ‘ओल्ड पेंशन स्कीम’ को लेकर बवाल, सड़कों पर उतरे कर्मचारी तो पुलिस ने किया लाठीचार्ज

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हरियाणा में बजट सत्र से पहले ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) को लेकर बवाल हो गया। OPS की मांग को लेकर रविवार को प्रदेशभर के करीब 20 हजार कर्मचारियों ने पंचकूला से चंडीगढ़ कूच किया। चंडीगढ़ पुलिस ने इन कर्मचारियों को बॉर्डर पर रोक लिया। जिसके बाद दोनों पक्षों में जमकर झड़प हुई। हालांकि इसके बाद शाम को कर्मचारियों को CM मनोहर लाल से बातचीत का न्यौता मिल गया।

कर्मचारियों ने बैरिकैडिंग हटाकर चंडीगढ़ में घुसने की कोशिश की, पुलिस ने उन्हें रोका तो प्रदर्शनकारियों ने धक्का-मुक्की शुरू कर दी। काफी प्रयास के बाद भी जब कर्मचारी नहीं रुके तो पुलिस ने उन्हें हटाने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल किया और आंसू गैस के गोले भी छोड़े।

पानी की तेज बौछारों और पुलिस के साथ हुई धक्का-मुक्की में कई कर्मचारियों को चोटें आईं। इसके बावजूद भी कर्मचारी नहीं रुके तो पुलिस ने उन पर जमकर लाठियां भांजी।

CM से कल मिलेगा कर्मचारियों का 20 सदस्यीय शिष्टमंडल

पुरानी पेंशन बहाली संघर्ष समिति के राज्यप्रधान विजेंदर धारीवाल ने सरकार और प्रशासन की इस कार्रवाई का विरोध करते हुए कहा कि कर्मचारी किसी भी लाठी या डंडे से डरने वाले नही हैं। वे अपना हक पुरानी पेंशन लेकर रहेंगे।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल के OSD भूपेश्वर दयाल ने प्रदर्शन स्थल पर पहुंचकर 20 फरवरी को CM के साथ 20 सदस्यीय समिति शिष्टमंडल के साथ सकारात्मक बातचीत का आश्वासन दिया है, जिसके बाद समिति आगे का फैसला लेने के लिए स्वतंत्र होगी, लेकिन फिलहाल जब तक CM के साथ कोई चर्चा नहीं होती है कर्मचारियों का एक दल भूख हड़ताल जारी रखेगा।

सुबह ही सील कर दिया पंचकूला-चंडीगढ़ बॉर्डर

हरियाणा के सरकारी कर्मचारियों ने चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्‌टर के सरकारी आवास के घेराव का ऐलान किया था। इसे देखते हुए रविवार सुबह ही पंचकूला और चंडीगढ़ पुलिस ने सीमाओं को सील किया है। साथ ही भारी मात्रा में पुलिस बल की तैनाती कर दी गई।

प्रदर्शन को 1.74 लाख कर्मचारियों का समर्थन

2006 के बाद राज्य के विभिन्न विभागों में तैनात हुए 1.74 लाख कर्मचारी ओल्ड पेंशन स्कीम की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी कर्मचारियों का कहना है कि इस मांग को लेकर वह आरपार की लड़ाई करेंगे। उन्होंने बताया कि उन्हें केंद्र की NPS योजना को लेकर कोई रूचि नहीं है। उन्हें सिर्फ ओल्ड पेंशन स्कीम ही मिलनी चाहिए।

हरियाणा में गूंजेगा ओपीएस मुद्दा

हरियाणा में 20 फरवरी से शुरू होने जा रहे बजट सत्र काफी हंगामेदार होने वाला है। हरियाणा कांग्रेस सदन में ओपीएस की मांग का मुद्दा उठाएगी। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा 2024 में राज्य में कांग्रेस की सरकार आने पर ओपीएस को लागू किए जाने की घोषणा कर चुके हैं। सीएलपी की मीटिंग में भी कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर सदन में सरकार को घेरने की योजना बना चुकी है।

कांग्रेस शासित 3 राज्यों में लागू हो चुकी OPS

हर राज्य में राज्य सरकार के कर्मचारी लंबे समय से नई पेंशन योजना की बजाय पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी मांगों को अनसुना कर रही है। अभी तक राजस्थान, छत्तीसगढ़ और हिमाचल प्रदेश में OPS लागू की जा चुकी है। हाल ही में हिमाचल प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में ओपीएस की दम पर ही कांग्रेस ने जीत दर्ज कर चुकी है। हाल ही में राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्‌डा ने नोटिस देकर राज्यसभा में मुद्दा उठाने की मांग की।

डिप्टी CM भी मुद्दे पर संकेत दे चुके

हरियाणा के डिप्टी CM दुष्यंत चौटाला भी ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) पर बयान दे चुके हैं। उनका कहना है कि इस मामले में मुख्यमंत्री मनोहर लाल से बातचीत हुई है। ओपीएस और एनपीएस में मात्र 4 फीसदी का ही अंतर है। 10 प्रतिशत हम जमा करते हैं और वह 14 प्रतिशत जमा करते हैं। हरियाणा भी जल्द प्रस्ताव लेकर आएगी कि हम एनपीएस में ही इस अंतर को खत्म कर दें, जिससे इस स्कीम को बदलने की जरूरत ही न पड़े। इससे कर्मचारियों को बड़ी राहत मिलेगी। उन्होंने बताया कि केंद्र में भी इस मामले को उठाया जा चुका है।

विशेष रिपोर्ट-
अजीत राय ‘विश्वास’
चीफ एडवाइजर- ELE India News

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