स्टील हो या प्लास्टिक, बॉटल से पानी पिएंगे तो हो सकते हैं बीमार !

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गर्मियां आ गई हैं। कहीं भी आएं-जाएं पानी की बॉटल साथ रखकर ही चलते हैं। लोग रियूजेबल बॉटल को सेफ मानते हैं इसलिए उससे पानी मुंह लगाकर पीते हैं और उसे रोजाना साफ भी नहीं करते। यही बॉटल के अंदर बैक्टीरिया पनपने की वजह बनता है। जिससे हम बीमार पड़ते हैं। अमेरिका में हुई वॉटरफिल्टरगुरु डॉट कॉम की एक रिसर्च में बताया गया कि बार-बार यूज होने वाली पानी की बॉटल में टॉयलेट सीट से 40 हजार गुना ज्यादा बैक्टीरिया हो सकते हैं। जो लोग अपनी पानी बॉटल एक-दो बार पानी से खंगालकर भर लेते हैं और सोचते हैं कि बॉटल साफ हो गई वो आज जरूरत की खबर जरूर पढ़ें।

सबसे पहले जानते हैं कि पानी की बॉटल पर हुई रिसर्च क्या कहती है

इसे इन पॉइंट से समझते हैं…

  • अमेरिका के रिसर्चर्स की एक टीम ने रियूजेबल पानी की बॉटल की सफाई को लेकर जांच की।
  • उन्होंने बॉटल के सारे पार्ट्स यानी उसका ऊपरी हिस्सा, ढक्कन, उसका मुंह सबको तीन-तीन बार टेस्ट किया।
  • रिसर्च के मुताबिक, बॉटल पर दो प्रकार के बैक्टीरिया की मौजूदगी पाई गई, जिनमें ग्राम-नेगेटिव बैक्टीरिया और बैसिलस बैक्टीरिया शामिल हैं।
  • ग्राम-नेगेटिव बैक्टीरिया कई तरह के इन्फेक्शन पैदा करने के लिए रिसपॉन्सिबल होते हैं।
  • बेसिलस बैक्टीरिया गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल प्रॉब्लम यानी पेट संबंधित समस्या पैदा कर सकते हैं।
  • रिसर्च में बॉटल को किचन के बाकी सामानों से कंपेयर किया गया है जिसमें पाया गया कि बॉटल में बर्तनों के सिंक से भी दोगुना ज्यादा जर्म्स होते हैं।

    प्लास्टिक की बॉटल से पानी पीना क्यों सेफ नहीं होता है?

    नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एनवायरनमेंटल हेल्थ साइंसेज के मुताबिक प्लास्टिक की बॉटल को बनाने में BPA नाम के केमिकल को यूज किया जाता है।
  • 1890 में पहली बार BPA की खोज हुई। मगर 1950 में यह महसूस किया गया कि इसका इस्तेमाल मजबूत और लचीले पॉली कार्बोनेट प्लास्टिक बनाने में हो सकता है।
  • इसके नुकसान के रिजल्ट सामने आने के बाद निर्माताओं ने BPA फ्री उत्पाद बनाने की शुरुआत की।
  • प्लास्टिक की बोतल से होने वाले नुकसान
  • इससे ब्लड प्रेशर, टाइप-2 डायबिटीज, हार्ट अटैक की आशंका बढ़ जाती है।
  • पुरुषों की स्पर्म क्वालिटी को खराब करता है।
  • महिलाओं में हार्मोन डिसबैलेंस का कारण बनता है।

    फ्रिज में पानी रखने के लिए ज्यादातर लोग प्लास्टिक बॉटल ही यूज करते हैं। इनमें आपके अनुमान से कहीं ज्यादा बैक्टीरिया होते हैं, जो आपको बीमार बना सकते हैं। इसलिए सस्ती प्लास्टिक की बॉटल यूज न करें। हाई क्वालिटी वाली बॉटल हर दो से तीन दिन में क्लीन जरूर करें।

इस रिसर्च के हिसाब से क्या पानी की बॉटल को डेली साफ करना चाहिए? या फिर सिर्फ गर्मी के मौसम में ही साफ करना जरूरी होता है?

जिस तरह आप अपने घर के दूसरे बर्तनों को यूज करते हैं, वैसे ही बॉटल को भी यूज करें। गर्मी में बैक्टीरिया के पनपने की संभावना ज्यादा होती है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि सिर्फ गर्मी में ही, बल्कि किसी भी मौसम में जब भी पानी की बॉटल यूज करें, तो उसे साफ जरूर करें।

हो सके तो कभी-कभी कुछ देर के लिए धूप में सूखने के लिए भी रख दें, ताकि उसमें से आने वाली बदबू चली जाए और मौजूद बैक्टीरिया खत्म हो जाएं। अमेरिका में हुई रिसर्च में भी सलाह दी गई है कि पानी की बोतल को दिन में कम से कम एक बार साबुन, गर्म पानी या फिर हफ्ते में एक बार सैनिटाइज जरूर कर लेना चाहिए।

विशेष रिपोर्ट-
दिनेश कुमार जैन
‘नेशनल कॉरस्पॉडेंट’ -ELE India News

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