कोविड-19 संकट के बीच सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर ने कई ट्वीट्स डिलीट किए हैं। खबर के मुताबिक, केंद्र सरकार ने सख्त रवैया अपनाते हुए उन पोस्ट्स को डिलीट करने के लिए कहा था जो कोरोना महामारी को लेकर गलत या भ्रामक जानकारी दे रहे हैं। हालांकि, अब इस पर राजनीति शुरू हो गई है। कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी पार्टियां यह दावा कर रही हैं कि इन सोशल मीडिया पोस्ट्स को इसलिए डिलीट करवाया गया है क्योंकि इनमें सरकार की आलोचना थी। इस बीच केंद्र सरकार ने बयान जारी कर स्पष्ट किया है कि जिन ट्वीट्स को डिलीट करवाया गया है उनके जरिए कोरोना को लेकर गलत जानकारी प्रसारित की जा रही थी।
केंद्र सरकार ने बयान में कहा है, ‘कोरोना महामारी को लेकर दहशत फैलाने के मकसद से कुछ यूजर्स द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों का दुरुपयोग किए जाने के बाद गृह मंत्रालय के सुझाव पर सूचना प्रसारण मंत्रालय ने 100 सोशल मीडिया पोस्ट्स और यूआरएल डिलीट करने को कहा था। इन पोस्ट्स के जरिए कोरोना महामारी से असंबंधित, पुरानी तस्वीरों, सांप्रदायिक तौर पर संवेदनशील और भ्रामक जानाकारियां साझा की गई थीं। कोरोना महामारी से लड़ाई में बाधा से बचने के लिए यह फैसला लिया गया।’
My legal notice to @rsprasad @OfficeOfRSP & @Twitter for pulling down of my tweet exposing double standards on #KumbhMela & #tablighijamaat
श्री रवि शंकर प्रसाद एवं ट्विटर को मेरे कुम्भ मेला व तबलिग़ी जमात पर दोहरे मापदंड पर किए ट्वीट हटाने को चुनौती देते हुए क़ानूनी नोटिस pic.twitter.com/VKLu3wBcr6— Pawan Khera (@Pawankhera) April 25, 2021
बता दें कि जिन लोगों का ट्वीट डिलीट हुआ है उनमें कांग्रेस नेता पवन खेड़ा भी शामिल हैं। अब पवन खेड़ा ने ट्वीट किया है कि वह इस मामले में भारत सरकार को कानूनी भेजेंगे। उन्होंने कहा कि भारत सरकार उनके ट्वीट कि अवैधता को साबित करे।
केंद्र सरकार ने अपने बयान में यह भी कहा है कि जब पूरा देश कोरोना से युद्ध के लिए ईमानदार कोशिश कर रहा है, तब कुछ लोग समाज में अव्यवस्था फैलाने के मकसद से सोशल मीडिया का दुरुपयोग कर रहे हैं। सरकार आलोचनाओं और कोरोना से युद्ध के लिए सुझावों का स्वागत करती है लेकिन उन यूजर्स के खिलाफ ऐक्शन लेना जरूरी है जो अपने अनैतिक मकसदों के लिए ऐसे समय में भी सोशल मीडिया का दुरुपयोग कर रहे हैं।