सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई को डोमिनिकन गणराज्य की नागरिक और मुंबई स्थित एक निजी कंपनी की चेयरमैन सुमन विजय गुप्ता के जवाब पर प्रत्युत्तर दाखिल करने की अनुमति दी है, जिन्हें एक मामले के कारण संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा करने से रोक दिया गया था, जिसमें उन पर बैंक के साथ 3,300 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप है।
शीर्ष अदालत ने 16 मार्च को बंबई उच्च न्यायालय के उस आदेश के खिलाफ भारतीय स्टेट बैंक की अपील पर तत्काल सुनवाई की थी जिसमें उशदेव इंटरनेशनल लिमिटेड (यूआईएल) की अध्यक्ष गुप्ता को निजी हलफनामा देने के बाद विदेश जाने की अनुमति दी गई थी।
पीठ ने कहा, ”सॉलिसीटर जनरल (तुषार मेहता) ने कहा कि आवेदक (गुप्ता) जिसने अपने खाते को गैर निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) घोषित करने के बाद डोमिनिकन गणराज्य की नागरिकता ली थी, उसे बंबई उच्च न्यायालय की खंडपीठ के 10 मार्च और 14 मार्च 2023 के आदेशों के तहत यात्रा करने की अनुमति दी गई है।
चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली पीठ ने 16 मार्च को की थी मामले की सुनवाई
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने 16 मार्च को कहा, ”अगले आदेश तक इन आदेशों के क्रियान्वयन पर रोक रहेगी।” न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की पीठ ने गुरुवार को एसबीआई की याचिका पर सुनवाई की इस दौरान गुप्ता की ओर से पेश वकील संदीप कपूर ने आग्रह किया कि उनके मुवक्किल ने बैंक की याचिका पर अपना जवाब दाखिल कर दिया है और उन्हें विदेश जाने की अनुमति दी जाए। उन्होंने कहा कि बंबई हाई कोर्ट की ओर से उन्हें विदेश जाने की अनुमति देने का फैसला सही है।
3300 करोड़ रुपये की गड़बड़ी से संबंधित है मामला
दूसरी ओर, बैंक की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि उन्हें गुप्ता के जवाब पर प्रत्युत्तर दाखिल करने का समय दिया जाए। इस पर पीठ ने कहा कि भारतीय स्टेट बैंक को प्रत्युत्तर हलफनामा दाखिल करने की अनुमति दी है और यदि जरूरत पड़े तो विशेष अनुमति याचिकाओं को 14 अप्रैल को सूचीबद्ध करें। बता दें कि गुप्ता एक ऐसी कंपनी की चेयरपर्सन हैं जिसने 3,300 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था। उक्त ऋण को एनपीए घोषित कर दिया गया था। सुमन विजय गुप्ता उसने भारत की नागरिकता छोड़ कर डोमिनिका की नागरिकता हासिल कर ली थी। इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है।
विशेष रिपोर्ट-
अजीत राय ‘विश्वास’
चीफ एडवाइजर- ELE India News