ठंड की दस्तक और त्योहारों के सीजन के बीच एक बार फिर से कोरोना के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं। दिल्ली, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र सहित देश के कई हिस्सों में संक्रमितों की संख्या में फिर उछाल आ रहा है। ऐसे में सरकारें दोबारा सख्ती, नाइट कर्फ्यू से लेकर लॉकडाउन तक पर विचार करने लगी हैं। कई जगह तो इस तरह के कदम उठा भी लिए गए हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या हम दोबारा मार्च वाली स्थिति में पहुंच रहे हैं, जब कोरोना ने सभी को घरों के भीतर कैद कर दिया था। डब्ल्यूएचओ की चेतावनी और कई यूरोपीय देशों के अनुभव तो इसी ओर इशारा कर रहे हैं। हालांकि, कुछ जानकार यह भी बता रहे हैं कि पूरे देश या राज्य में लॉकडाउन तो नहीं होने जा रहा है, लेकिन अधिक केसों वाले जिलों और शहरों में फिर लॉकडाउन लग सकता है।
यूपी के गढ़मुक्तेश्वर में 25 से 30 नवंबर तक लॉकडाउन
यूपी के हापुड़ जिले के गढ़मुक्तेश्वर में 25 से 30 नवंबर के बीच लॉकडाउन लगा दिया गया है। हालांकि, यहां लॉकडाउन अधिक कोरोना केसों की वजह से नहीं लिया गया है, बल्कि गंगा किनारे लोगों के जुटान को रोकने के लिए ऐसा किया गया है। गढ़मुक्तेश्वर में कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान के लिए हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु जुटते हैं। इस बार कोरोना की वजह से यहां भारी भीड़ ना जुटे इसलिए स्थानीय प्रशासन ने यह फैसला लिया है। यहां केवल शादी के लिए आने वाले वाहनों को छूट दी जाएगी। वेस्ट यूपी के मेरठ, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद, जैसे जिलों में श्रद्धालुओं को रोकने के लिए पत्र भेजा गया है। वहीं मेरठ, बुलंदशहर, नोएडा और गाजियाबाद की सीमा पर बेरिकेडिंग की जा रही है, जिससे भारी संख्या में श्रद्धालु ना आ पाए। हापुड़ जिले में धारा 144 लागू कर दिया गया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक दीप दान के लिए आने वालों को छूट दी जा सकती है। बताया जा रहा है कि गंगा स्नान के लिए यहां विभिन्न प्रदेशों से 50 लाख लोग आते हैं। इस बार कार्तिक पूर्णिमा 30 नवंबर को है।
अहमदाबाद में 57 घंटे का कर्फ्यू
गुजरात के अहमदाबाद शहर में कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए शुक्रवार से निगम सीमा अंतर्गत 57 घंटे का कर्फ्यू लगाने का निर्णय लिया गया है। मौजूदा हालात के मद्देनजर गुजरात सरकार ने राज्य में 23 नवंबर से माध्यमिक स्कूल और कॉलेज खोलने के अपने फैसले पर रोक लगा दी है। अधिकारियों ने कहा कि अहमदाबाद शहर में शुक्रवार (20 नवंबर) रात 9 बजे से कर्फ्यू शुरू होगा, जो सोमवार (23) सुबह 6 बजे तक जारी रहेगा। अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव कुमार गुप्ता ने कहा कि इस ”पूर्ण कर्फ्यू” के दौरान केवल दूध और दवा की दुकानें ही खुली रहेंगी। गुप्ता ने शाम को घोषणा की थी कि शुक्रवार (20 नवंबर) से अगले आदेश तक रोजाना रात नौ बजे से सुबह छह बजे तक रात्रि कर्फ्यू लागू रहेगा। हालांकि इसके कुछ घंटों बाद ही गुप्ता ने कहा कि शुक्रवार रात से सोमवार सुबह तक ”पूर्ण कर्फ्यू” लागू होगा।
दिल्ली में सख्ती
राजधानी दिल्ली में तो कोरोना का ग्राफ तेजी से ऊपर की ओर भाग रहा है। रिकॉर्ड संख्या में लोगों के संक्रमित होने और जान गंवाने की वजह से दिल्ली को लेकर टेंशन बढ़ गई है। अरविंद केजरीवाल सरकार ने एक तरफ जुर्माना राशि में वृद्धि कर दी है तो सादियों में मेहमान की संख्या में कमी कर दी गई है। छठ पूजा पर लोगों को नदियों और तालाबों के किनारे जाने की इजाजत नहीं दी गई है तो राज्य सरकार एक बार फिर बड़े बाजारों में लॉकडाउन पर विचार करने को मजबूर हो गई है। पिछले 24 घंटे में यहां 8 हजार से अधिक केस मिले हैं। दिल्ली में नवंबर के शुरुआती 16 दिनों में ही 1 लाख से अधिक नए केस सामने आए हैं तो 12 सौ से ज्यादा लोगों की मौत हुई। ऐसे में राजधानी दिल्ली में एक बार फिर लोगों को सख्त नियमों का पालन करना पड़ सकता है।
मध्य प्रदेश में आज मंथन
मध्यप्रदेश में कोरोना के मामले एक बार फिर बढ़ने के बीच सरकार शुक्रवार को उच्च स्तरीय बैठक में कोरोना संबंधी मामलों की समीक्षा करेगी। राज्य के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने यहां मीडिया से कहा कि दिन में 3 बजे एक उच्च स्तरीय बैठक में कोरोना संबंधी मामलों की समीक्षा होगी। इसमें कोरोना पर अंकुश लगाने के लिए नए निर्णय लिए जा सकते हैं। डॉ. मिश्रा ने संकेत दिए कि शाम तक गृह विभाग कोरोना संबंधी नए दिशानिदेर्श जारी कर सकता है। इसमें लॉकडाउन से संबंधित दिशानिर्देश भी शामिल हो सकते हैं। भोपाल और इंदौर समेत सभी जिलों में पिछले कुछ दिनों से कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। राजधानी भोपाल में गुरुवार को लगभग 450 नए मरीज मिले। इसके बाद आज सुबह फिर लगभग 350 नए संक्रमित मिलने की सूचनाएं हैं।
डब्ल्यूएचओ ने चेताया
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के क्षेत्रीय निदेशक ने कहा है कि सर्दियों के करीब आते ही पूरे पश्चिम एशिया में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। बड़ी संख्या में मौतों को रोकने के लिए देशों को पाबंदियों को और कड़ा करने और बचाव के कदम उठाने की जरूरत है। डब्ल्यूएचओ के पूर्वी भूमध्यसागरीय क्षेत्र के निदेशक अहमद अल मंधारी ने काहिरा में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि इस क्षेत्र के देशों ने वर्ष की शुरुआत में कड़े लॉकडाउन लागू किए लेकिन अब वे ढिलाई बरत रहे हैं। उन्होंने कहा कि महामारी से बचने के मूलभूत उपायों-सामाजिक दूरी का पालन करने से ले कर मास्क लगाने तक का हमारे क्षेत्र में पूरी तरह से पालन नहीं हो रहा है और इसी का परिणाम है कि क्षेत्र भर के अस्पताल मरीजों से भरे पड़े हैं। दुनिया के कई देशों में दोबारा लॉकडाउन लगाया जा रहा है।