हिंदू शास्त्रों में सर्वाधिक शक्तिशाली महा नर्वाण मंत्र “ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे” समस्त सुखों को देने वाला हैं। नर्वाण मंत्र सप्तशती का अनुभूत मंत्र है तथा कामना पूर्ति के लक्ष्य से इसका जप किया जा सकता है।
नवार्ण मंत्र 9 अक्षरों से बना है। आद्य देवी मां शक्ति का सबसे शक्तिशाली मंत्र जो कि आत्म कल्याण व जनकल्याण के लिए सर्वश्रेष्ठ है। 9 अक्षरों से बना मंत्र जिसे श्रद्धा व विश्वास से देवी को भजते हुए जो भी भक्त इस मंत्र को जपता हैं वह निसंदेह काम, क्रोध ,लोभ, मोह, मद, ईर्ष्या, द्वेष, मत्सर, छल इन 9 सागरो से पार पा सकता है ।
ऐं (वाणी-सरस्वती ) , ह्री,(माया-लक्षमी) , क्लीं (काम-काली) , चामुंडायै विच्चे अर्थात में चामुंडा में अर्पण होना चाहता हूं, चामुंडा अर्थात जिसमें विश्व की उत्पत्ति स्थिति और लय समाया हुआ है, उस विश्व संचालिका शक्ति चंड वेगेति चामुंडा अर्थात तीव्र गति में, विच्चे अर्थात शरण या स्थिति मांगता हुआ ।
“ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे” अर्थात- हे चित्र स्वरूपिणी महासरस्वती, हे सद्गुणी महालक्ष्मी, हे आनंद रूपिणी महाकाली ब्रह्मविद्या पाने के लिए हम सब तुम्हारा ध्यान करते हैं महाकाली महालक्ष्मी महासरस्वती स्वरूपिणी चंडीके तुम्हें नमस्कार है, अविद्या रुपी रज्जू की दृढ ग्रंथि खोलकर मुझे मुक्त करो, नवार्ण मंत्र उपासकों को ब्रह्म सायुज्य एवं आनंद देने वाला है। नवरात्रि पर्व से प्रारंभ कर इस मंत्र का जाप अधिक से अधिक संख्या में प्रतिदिन श्रद्धा भक्ति से जाप करते रहें।
भव्यशक्ति ज्योतिष अनुसंधान- ध्यान योगी श्री रोहित गुरु जी द्वारा किसी भी ज्योतिष परामर्श के लिए हमें अपना प्रश्न अपने डिटेल्स के साथ- eleindianews.in@gmail.com पर ईमेल या 9650148575 पर व्हाट्सएप कीजिए ।