संघर्ष ही जीवन में सफलता की कुंजी है। जीवन में अगर सफलता प्राप्त करना है तो संघर्ष करना ही पड़ता है । कुछ ऐसी ही कहानी है सुरैया शेख की। जिन्हें सभी प्यार से सिमरन के नाम से जानते पहचानते और पुकारते हैं। जिन्होंने जीवन में कभी हार नहीं मानी और सदा हर परिस्थितियों का जमकर मुकाबला किया और लक्ष्य हासिल किया। सिमरन कहती हैं संघर्ष ही जीवन है, कुछ पाना है तो संघर्ष तो करना ही पड़ेगा।
वो एक शेर कहती हैं-
हर जुबान पर एक दिन तेरा नाम होगा
हर कदम पे तेरे दुनिया का सलाम होगा
जीवन में संघर्ष करना तू डटकर..
देखना समय भी तेरा गुलाम होगा ।
पुणे, महाराष्ट्र के एक मुस्लिम परिवार में जन्मी सिमरन के माता पिता शिक्षक थे। इसलिए वह समझते थे कि शिक्षा क्या होती है और इसीलिए उन्होंने अपने बच्चों को न सिर्फ सारी सुविधाएं मुहैया कराई अपितु बच्चों को पढ़ाया-लिखाया। सिमरन ने भी अपने माता-पिता के सपनों को पूरा करने के लिए कमर कस ली तथा जी तोड़ मेहनत की। मेडिकल की पढ़ाई के साथ ही टीचर, आर्ट और क्राफ्ट तथा होम साइंस, पाक कला में निपुण सुरैया ने ह्यूमन राइट्स का काम करते हुए लोगों को मदद करने तथा न्याय दिलाने के लिए कदम बढ़ाए।
सिमरन ने सोशल मीडिया पर अपनी सक्रियता रखते हुए फ़िल्मों में करियर बनाने की इच्छा रखी तथा उस में सफलता भी प्राप्त की। इसी राह पर चलते हुए फिल्मों में अपना करियर बनाने वाले लोगों को मदद देने का काम और उन्हें फिल्मों में काम दिलवाने के लिए अपने संपर्क का उपयोग किया और मदद करने का प्रयास किया।
सिमरन के पिता अक्सर कहते थे कि दूसरों के लिए जिया जाने वाला जीवन ही असल मायने में कामयाब है। इस बात को सिमरन ने अपने जीवन में आत्मसात कर लिया। माता पिता और परिवार से नर सेवा नारायण सेवा की सीख मिलने के कारण उन्होंने अपना ‘मित्र समूह’ भी तैयार किया। जो हर समय सेवा के संकल्प को साथ में लेकर सिमरन के साथ कदम ताल करते रहते हैं। इस हेतु अपने कार्यों को प्रचार प्रसार से दूर रखा।
वो आम लोगों से अपील करती हैं और कहती हैं कि-
आप भी कीजिये जितना हो सके उतना,
मानवता की सेवा करने वाले हाथ उतने ही धन्य होते हैं,
जितने परमात्मा की प्राथना करने वाले होंठ…
सिमरन ने अब तक अनेक अवॉर्ड जीते हैं। वो मुस्कुराहट को ही अपना सबसे अनुपम गहना मानती हैं। इसलिए सिमरन के चेहरे पर सदैव मुस्कुराहट बनी रहती है और गुस्से को वे अपने आप से दूर रखती हैं। उनका कहना है कि लोगों को अपने बच्चों को गलत कामों से दूर रखना चाहिए तथा अपने करियर के साथ ही अपने घर परिवार, मानव सेवा और देश सेवा की ओर ध्यान देना चाहिए। युवाओं के प्रति उनका विशेष ध्यान है और वे युवाओं को सदैव सक्रिय रहने की सलाह देती हैं तथा अच्छे कार्यों में सक्रियता तथा अपनी जीवनशैली को राष्ट्र सेवा के लिए समर्पित करने की सलाह देती हैं। वर्तमान हालातों पर उनका कहना है कि जात पात से दूर रहकर अपने जीवन को आगे बढ़ाने के बारे में सोचना चाहिए जिससे कि घर परिवार का जीवन शांतिपूर्ण हो तथा वे तनाव मुक्त रह सकें।
सिमरन का मानना है कि दुनिया में अच्छे काम करने वालों की पहचान होती है तथा लोग उन्हें बरसों- बरस तक याद रखते हैं। यही सब कुछ करने की आवश्यकता है, ताकि काम करने की वालों की अलग पहचान बनें और न सिर्फ काम अपितु नाम से लोगों में पहचाने जाएं।
वो युवाओं के लिए कहती हैं कि-
कर जज्बे को तू बुलंद जवान
तेरे पीछे है खड़ी अवाम
हर पत्ते को मार गिराएंगे
जो हमसे देश बटवाएँगे ।।
उन्होंने इस दौरान हमारे वेब न्यूज़ पोर्टल ‘ELE India News’ और RVG मासिक पत्रिका से चर्चा के दौरान अनेक सामाजिक एवं राष्ट्रीय विषयों पर विचार-विमर्श किया।
विशेष रिपोर्ट-प्रकाश बारोड़
स्टेट ब्यूरो चीफ़- मध्य प्रदेश