“वाणी का संयम विवादों से और मन का संयम मनुष्य को कैंसर से बचाता है” – आचार्य श्रीप्रमुख सागर जी महाराज

0
291

मध्यप्रदेश में जावरा (रतलाम) के बीएलएम पैलेस में आयोजित धर्म सभा को संबोधित करते हुए आचार्य श्री प्रमुख सागर जी महाराज ने कहा कि- “वाणी का संयम मनुष्य को विवादों एवं मन का संयम लोगों को कैंसर से बचाता है। संयम ऐसा करें कि बेटे बेटियों की पहचान मां बाप के नाम से और मां-बाप की पहचान बेटे बेटियों के नाम से हो।

संयम पर अनुपम उदाहरण देते हुए राष्ट्रसंत जी ने कहा कि भगवान आदिनाथ की 2 बेटियां थी ब्राह्मणी और सुंदरी। जब उन्हें मालूम हुआ कि उनका संबंध होने वाला है तब उन्होंने भगवान आदिनाथ से पूछ लिया कि आप तो आदिनाथ भगवान हैं और हमारी शादी के समय आपको एक भोगी व्यक्ति के सामने सिर झुकाना पड़ेगा, तब भगवान आदिनाथ अपनी दोनों बेटियों ब्राह्मणी वसुंदरी से कहा कि हां यह तो एक परंपरा है इस पर ब्राह्मण सुंदरी ने भगवान आदिनाथ से कहा कि हम एक भोगी के कारण आपके सिर को झुकने नहीं देंगे इसलिए अविवाहित रहकर संयमित जीवन बिताएंगे। हम ऐसा कभी नहीं होने देंगे कि बेटियों के कारण हमारे पिता का सिर कहीं झुक जाए, इस प्रकार भगवान आदिनाथ के स्वयं का जीवन तो संयमित था ही लेकिन उससे कहीं ज्यादा उनकी बेटियों ने संयमित जीवन की अवधारणा को आत्मसात किया और सफल बनाया।

इस बारे में आचार्य श्री ने लोगों को बताया कि 84 लाख योनियों में मनुष्य जीवन इसलिए मिलता है कि वह पृथ्वी पर रहकर संयम का पालन करे। जो लोग मौन साधना करते हैं वह संयमित जीवन वाले कहलाते हैं यदि कोई व्यक्ति संकल्प कर ले तो वह सब कुछ कर सकता है क्योंकि इस जन्म में जो भगवान जैसा होता है वही भगवान की पालकी उठा सकता है। स्वर्ग के देवताओं को भी भगवान की पालकी उठाने का अवसर नहीं मिलता है लेकिन मानव जीवन में यह संभव हो रहा है। किसी भी शिष्य को जबरन नियम देंगे तो लोग उन नियमों को छोड़ देंगे नियम दिए नहीं बल्कि लिए जाते हैं । जबरदस्ती के थोपे हुए नियम टूट जाते हैं किंतु जिनमें भी नियम के प्रति स्वतः जिज्ञासा एवं ललक उत्पन्न होगी ऐसे लोग संयमित आदर्श जीवन अपना सकते हैं।

इस कार्यक्रम के दौरान प्रवक्ता रितेश जैन ने बताया कि कार्यक्रम का शुभारंभ समाजसेवी जितेंद्र कोठारी एवं राजेश कोठारी की उपस्थिति में हुआ । इसके पूर्व राष्ट्रसंत जी ने सभागार में मौजूद सभी तपस्वियों को शक्ति संकल्प दिलाया । इस मौके पर समाजसेवी पारसमल गंगवाल, हिम्मत गंगवाल, पूनम चंद जैन और आगम पाटनी को सपरिवार मंच पर प्रतीक चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम का संचालन विजय ओरा एडवोकेट ने किया। सभी आगंतुकों ने महाराज जी के आशीर्वचनों को ग्रहण करने का सौभाग्य प्राप्त किया।

(विशेष रिपोर्ट द्वारा- प्रकाश चंद बारोड़)

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here