वरिष्ठ नागरिकों को SC से झटका, रेलवे किराया में रियायतों की बहाली वाली याचिका खारिज

0
160

सुप्रीम कोर्ट से शुक्रवार को वरिष्ठ नागरिकों की उम्मीदों को झटका लगा। शीर्ष अदालत ने उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें रेलवे द्वारा कोविड महामारी से पहले वरिष्ठ नागरिकों को दी जाने वाली ट्रेन किराए में रियायत की बहाली की मांग की गई थी। अदालत का कहना है कि चूंकि यह शासकीय नीति का मामला है इसलिए अदालत के लिए सरकार को निर्देश जारी करना उचित नहीं होगा।

जस्टिस एसके कौल और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ एमके बालाकृष्णन द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए बंद की गई रियायतों की बहाली की मांग की गई थी। पीठ ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत एक याचिका में परमादेश (Mandamus) रिट जारी करना इस अदालत के लिए उचित नहीं होगा। सरकार को वरिष्ठ नागरिकों की जरूरतों और राजकोषीय नतीजों को ध्यान में रखते हुए इस मुद्दे पर फैसला करना है। इसलिए याचिका खारिज की जाती है। पीठ ने याचिकाकर्ता के तर्क को खारिज करते हुए कहा कि वरिष्ठ नागरिकों को रियायतें देना सरकार का दायित्व है।

केंद्र ने 2020 में कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए लोगों की आवाजाही को कम करने के लिए वरिष्ठ नागरिकों को दी जाने वाली रियायतें बंद कर दी थीं। एक संसदीय स्थायी समिति ने हाल ही में महामारी की शुरुआत से पहले वरिष्ठ नागरिकों को दी गई रियायतों को फिर से शुरू करने की सिफारिश की थी। भारतीय रेलवे कोरोना महामारी से पहले 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के पुरुषों को किराए में 40 प्रतिशत की छूट और 58 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं को 50 प्रतिशत की छूट प्रदान करता था।

विशेष रिपोर्ट-

दिनेश कुमार जैन
‘नेशनल कॉरस्पॉडेंट’ -ELE India News

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here