चुनाव के बाद अक्सर ईवीएम को लेकर शिकायतों का दौर शुरू हो जाता है। इसके बाद हारने वाली पार्टियां बैलट पेपर से चुनाव कराने की दुहाई देने लगती हैं। अब दिल्ली हाई कोर्ट में दायर एक याचिका में लोकतंत्र को बचाने की दुहाई देते हुए आने वाले सभी चुनाव बैलट पेपर से कराने की मांग की गई है। वकील सीआर जया सुकिन ने यह याचिका दायर की है।
जया सुकिन का कहना है कि भारत में लोकतंत्र को बचाना है तो आने वाले सभी चुनावों में हमें ईवीएम हटाकर एक बार फिर से बैलट पेपर से चुनाव कराने होंगे। उन्होंने आगे कहाकि दुनिया के कई देशों मसलन, इंग्लैंड, फ्रांस, जर्मनी, हॉलैंड, और अमेरिका ने भी ईवीएम पर प्रतिबंध लगा दिया है। दिल्ली हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस ज्योति सिंह की डिवीजन बेंच ने तीन अगस्त तक के लिए मामले की सुनवाई स्थगित कर दी है। याचिकाकर्ता ने आगे कहाकि भारतीय संविधान की धारा 324 कहती है कि चुनाव आयोग द्वारा कराए जाने वाला चुनाव साफ-सुथरा होना चाहिए। साथ ही इसमें वोटर्स की सहमति की झलक मिलनी चाहिए।
याचिकाकर्ता का कहना है कि पूरे भारत में ईवीएम को रिप्लेस कर दिया जाना चाहिए। उनके मुताबिक किसी भी देश में मतपत्रों से चुनाव ज्यादा भरोसेमंद और पारदर्शी प्रक्रिया है। वकील ने अपनी याचिका में यह भी कहाकि तमाम विकसित देशों, अमेरिका, जापान, जर्मनी और अन्य ने चुनाव में ईवीएम का इस्तेमाल करना बंद कर दिया है। इसकी जगह पर वहां मतपत्रों से चुनाव कराए जा रहे हैं। इससे संकेत मिलता है कि ईवीएम चुनाव कराने के लिए संतोषजनक उपकरण नहीं है। इसे हैक किया जा सकता है, लेकिन बैलट पेपर पूरी तरह से सुरक्षित है।