दिल्ली के ‘कांस्टीट्यूशन क्लब’ में ‘शिक्षक कल्याण फाउंडेशन’ और एआईसीटीई के संयुक्त तत्वाधान में ‘राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान समारोह- 2021’ का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि भारत सरकार के शिक्षा राज्यमंत्री डॉ० सुभाष सरकार औऱ विधि एवं न्याय राज्यमंत्री प्रोफेसर एस.पी. सिंह बघेल मौजूद रहे। साथ ही विशिष्ट अतिथि के रूप में भारतीय राजस्व सेवा (IRS) अधिकारी एवं राज्यसभा की संयुक्त सचिव डॉ० शिखा दरबारी, जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय की पहली महिला वाईस चांसलर डॉ नजमा अख़्तर, एनसीईआरटी के डायरेक्टर डॉ० श्रीधर श्रीवास्तव, मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी के चांसलर डॉ० फिरोज बख्त अहमद और महाबोधी इंटरनेशनल मेडिटेशन सेंटर (लद्दाख) के संस्थापक वेट० भीखू सेनसंगा की गरिमामयी उपस्थिति रही। समारोह में स्वागत सम्बोधन फाउंडेशन के अध्यक्ष एम. के. सेठ ने किया।
इस दौरान फाउंडेशन के संयोजक जगदीश कुमार विग ने अपने संबोधन में शिक्षकों से जुड़ी समस्याओं, असंगठित क्षेत्र में कार्य करने वाले अध्यापकों और निर्धन परिवार के बच्चों की शिक्षा की आवश्यकता और शिक्षा के घोर बाजारीकरण पर नियंत्रण लगाने से जुड़े सुझाव सरकार के प्रतिनिधियों के समक्ष प्रस्तुत किये। उन्होंने कहा कि वर्तमान में जो भारी संख्या में बीएड प्रशिक्षित लोग बेरोजगार हैं, यदि सरकार उनका सदुपयोग करते हुए गरीब और सड़क किनारे रहने वाले करोड़ों बच्चों की शिक्षा की व्यवस्था में लगाये तो इससे उन बच्चों को देश की मुख्यधारा से जोड़ा जा सकेगा। उन्होंने CTET की अनिवार्यता के बाद बी.एड. की प्रासंगिकता पर भी सवाल उठाया। श्री विज ने कहा कि शिक्षकों के सशक्तिकरण से ही नई शिक्षा नीति का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन होगा और तभी आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना भी सिद्ध होगी। उनके इन सभी सुझावों को माननीय मंत्री जी ने गम्भीरता से दर्ज़ किया और सदन को इससे अवगत भी कराया।
इस समारोह में देश के विभिन्न प्रांतों से आए शिक्षा जगत के सितारों ने ‘विविधता में एकता’ की भारतीय संस्कृति को जीवंत कर दिया। इस समारोह में सम्मानित किये गए शिक्षकों में प्राथमिक विद्यालय के अध्यापक/अध्यापिका से लेकर विभिन्न उच्च शिक्षण संस्थानों एवं विश्वविद्यालयों के प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष भी शामिल रहे। इसके साथ ही शिक्षा की उन्नति में उल्लेखनीय योगदान देने वाले सरकारी और गैर-सरकारी क्षेत्र के नामचीन चेहरे भी मौजूद रहे। इस समारोह का कुशलतापूर्वक संचालन- सत्यवती कॉलेज ( दिल्ली विश्वविद्यालय) की प्रोफेसर रचना बिमल ने किया। जबकि संस्था के कार्यों और उद्देश्यों की जानकारी सीईओ यू. एन. खवारे और एफडीपी एडवाइजर आनंद प्रकाश ने दी।
समारोह में सम्मानित किए गए शिक्षक/ शिक्षिकाओं ने अपने विचार साझा किए। वहीं गणमान्य अतिथियों ने उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए शिक्षा की महत्ता और इससे जुड़ी चुनौतियों व कार्यों के बारे में महत्वपूर्ण विचार प्रकट किए। केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री डॉ० सुभाष सरकार ने प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सरकार के द्वारा किये जा रहे निरंतर प्रयासों के बारे में विस्तार से बताया। वहीं केंद्रीय विधि एवं न्याय राज्यमंत्री प्रोफेसर एस.पी. सिंह बघेल ने आजादी के बाद से लेकर अब तक शिक्षा के क्षेत्र में मौजूद विसंगतियों और चुनौतियों पर अपने विचार साझा किए। साथ ही सभी शिक्षकों से आह्वान किया कि नई शिक्षा नीति (NEP) सहित शिक्षा के द्वारा सशक्तिकरण के लिए सरकार के सभी प्रयासों को गांव-गांव तक पहुंचाने का काम करें। इससे पहले राज्यसभा की जॉइंट सेक्रेटरी डॉ० शिखा दरबारी ने शिक्षा को सभी के लिए सुगम, सुलभ और सदुपयोग बनाने हेतु सरकार की ओर से किए जा रहे निरंतर कार्यों के बारे में जानकारी दी और साथ ही सभी से अपने उपयोगी सुझाव भेजने का भी आग्रह किया।
शिक्षक कल्याण फाउंडेशन (रजि०) के राष्ट्रीय मीडिया सह प्रभारी अजीत राय ‘विश्वास’ ने बताया कि समारोह में पधारे दोनों मुख्य अतिथि एवं प्रमुख अतिथियों का फाउंडेशन के पदाधिकारियों द्वारा गुलदस्ता और अंगवस्त्र देकर स्वागत और अभिनंदन किया गया। सभी पुरस्कृत शिक्षकों को माननीय अतिथियों के द्वारा ‘प्रशस्ति-पत्र’ देकर सम्मानित किया गया। इस समारोह के बेहतर आयोजन और शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले सितारों को सम्मानित करने की इस परंपरा का स्वागत करते हुए सभी ने ‘शिक्षक कल्याण फाउंडेशन’ और फाउंडेशन के संयोजक जगदीश कुमार विग के प्रति हार्दिक आभार प्रकट किया।