राज्यसभा चुनाव- विधायकों के टूटने के बावजूद राज्यसभा सीट मैनेज करने में जुटी बीएसपी !

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यूपी राज्यसभा चुनाव से पहले बसपा को जोरदार झटका लगा है। बसपा के प्रत्यशी रामजी गौतम के 10 प्रस्तावकों में से 5 प्रस्तावकों ने अपना प्रस्ताव वापस लिया। इनमें असलम चौधरी ,असलम राईनी, मुज्तबा सिद्दीकी ,हाकम लाल बिंद ,गोविंद जाटव शामिल हैं। राज्यसभा की 10 सीटों पर हो रहे चुनाव में बुधवार को दिनभर चली उठा-पटक के बीच एसपी समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी प्रकाश बजाज का पर्चा खारिज हो गया। बीएसपी प्रत्याशी रामजी गौतम के प्रस्तावकों में ही सेंधमारी कर उनका पर्चा खारिज करवाने की एसपी की रणनीति पर अंतत: बीएसपी भारी पड़ गई। इस पूरे घटनाक्रम से बीजेपी, बीएसपी और एसपी के लिए तीन बड़े संदेश निकलकर सामने आए हैं। जो कि इस प्रकार हैं:-

1. दोस्ती या दुश्मनी
धुंधली उम्मीद में भी जीत की चमक तलाशने वाली बीजेपी का एक्स्ट्रा वोट होने के बाद भी बीएसपी को ‘वॉकओवर’ देना नए समीकरणों की जन्म दे रहा है। इसके बाद बीएसपी पर बीजेपी की ‘बी’ टीम होने का आरोप एसपी-कांग्रेस और मुखर करेंगी। बीजेपी इसे दलित हितैषी होने के तौर पर पेश कर सकती है।

2. बीएसपी की दरकती जमीन
राज्यसभा में बीएसपी भले ही नंबर बढ़ाने में सफल रही हो, लेकिन विधानसभा में उसका ‘नंबर’ खिसक गया। एक-तिहाई विधायकों की खुली बगावत दरकती जमीन और छूटती पकड़ का संकेत है। आगे खतरा और बढ़ेगा।

3. परसेप्शन का फायदा
सियासत में परसेप्शन मायने रखता है। एसपी समर्थित प्रत्याशी का पर्चा भले ही खारिज हो गया, लेकिन बीएसपी में सेंधमारी कर उसने अपने इरादे जता दिए हैं। यह भी संदेश जाता है कि बीजेपी की खिलाफ लड़ने वालों को एसपी ही मुख्य विकल्प दिख रही है।

कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे प्रकाश बजाज
चुनाव आयोग ने रामजी गौतम का पर्चा सही पाया। इसके साथ ही सभी प्रत्याशियों का निर्विरोध निर्वाचन तय हो गया। वहीं, पर्चा खारिज किए जाने के खिलाफ प्रकाश बजाज ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया है। यूपी की 10 सीटों पर हो रहे राज्यसभा चुनाव में बीजेपी ने आठ, एसपी और बीएसपी ने एक-एक प्रत्याशी उतारे थे। मंगलवार को आखिरी मौके पर एसपी विधायकों के समर्थन से प्रकाश बजाज ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पर्चा भर दिया।

पर्चों की जांच के दौरान आया निर्णायक मोड़
बुधवार को पर्चों की जांच होनी थी। सामान्य से दिख रहे घटनाक्रम में एकाएक नाटकीय मोड़ तब आया जब बीएसपी के ही चार विधायकों ने पार्टी प्रत्याशी रामजी गौतम के प्रस्तावक के तौर पर अपना नाम वापस लेने का दावा कर दिया। इन विधायकों ने एसपी मुखिया अखिलेश यादव से मुलाकात भी की। हालांकि, मंगलवार शाम को अधिकारियों ने बीएसपी प्रत्याशी का पर्चा स्वीकार कर लिया। उनका कहना था कि नामांकन के तीन सेट थे। दो सेट में उन विधायकों के नाम और हस्ताक्षर थे, जिन्होंने आपत्ति की थी। वहीं, तीसरे सेट में ऐसा कोई प्रस्तावक नहीं था, जिसे ऐतराज हो इसलिए रामजी गौतम का नामांकन पत्र जांच में सही करार दिया गया।

ये चुने जाएंगे निर्विरोध!
अगर कोर्ट से प्रक्रिया प्रभावित नहीं हुई तो बीजेपी प्रत्याशी हरदीप सिंह पुरी, अरुण सिंह, नीरज शेखर, बृजलाल, बीएल वर्मा, हरिद्वार दुबे, सीमा द्विवेदी और गीता शाक्य, एसपी प्रत्याशी रामगोपाल यादव और बीएसपी प्रत्याशी रामजी गौतम का निर्विरोध निर्वाचन हो जाएगा। हालांकि, इसकी अधिकृत घोषणा दो नवंबर तक नाम वापस लिए जाने की अवधि समाप्त होने के बाद ही होगी।

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