कोरोना महामारी में आज हर तबका आर्थिक समस्या से जुझ रहा है. ऐसे में अब राज्य सरकार ने आजीविका का संकट झेल रहे 33 लाख निराश्रित, असहाय एवं जरूरतमंद परिवारों को इस वर्ष की दूसरी किश्त के रूप में एक हजार रूपए की सहायता राशि देने के आदेश जारी कर दिए हैं. इसके लिए 330 करोड़ रूपए की वित्तीय स्वीकृति जारी की गई है. इनमें से 300 करोड़ रूपए आरआईएसएल तथा 30 करोड़ रूपए जिला कलक्टरों को हस्तांतरित किए गए हैं.यह राशि जरूरतमंद परिवारों के बैंक खातों में सीधे हस्तांतरित की जाएगी.
यह सहायता कोरोना महामारी के कारण ठेला चलाकर गुजारा करने वाले, छोटे दुकानदारों, रिक्शा चालकों, निर्माण श्रमिकों, बीपीएल, स्टेट बीपीएल, अंत्योदय योजना में शामिल, स्ट्रीट वेंडर आदि ऐसे गरीब एवं असहाय परिवार, जिन्हें सामाजिक सुरक्षा योजना का लाभ नहीं मिल रहा है, उन लोगों को दी जाएगी. ऐसे परिवारों को संबल देने के लिए इस वित्तीय वर्ष की 1000 रूपए की पहली किश्त का वितरण माह अप्रेल 2021 में पहले ही किया जा चुका है.
गौरतलब है कि कोविड की पहली लहर तथा लॉकडाउन के कारण आजीविका संकट से प्रभावित इन जरूरतमंद परिवारों को मजबूती देने के लिए वित्त वर्ष 2020-21 में भी प्रत्येक परिवार को 3500 रूपए की सहायता राशि उपलब्ध कराई थी. जिस पर राज्य सरकार ने 1 हजार 155 करोड़ रूपए वहन किए थे. इसके बाद वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट में इन परिवारों को दो किश्तों में अतिरिक्त सहायता राशि देने की घोषणा की थी.
इस प्रकार राज्य सरकार ने संकट की घड़ी में कुल 1 हजार 815 करोड़ रूपए वहन कर अब तक प्रत्येक परिवार को 5500 रूपए की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई है. सीएम अशोक गहलोत का कहना है कि इससे जरुरतमंद लोगों को काफी सहायता मिलेगी.
बता दें की कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए लाकडाउन लागू है. हालांकि अभी थोड़ा अनलॉक किया है. लेकिन, इससे भी रोज कमाने वालों का गुजारा नहीं हो पा रहा है. समाज का एक बड़ा तबका ऐसा है जो रोज कमाता है और रोज खाता है. यदि वे रोज ना कमाएं तो उनके घर का बजट बिगड़ जाता है. ऐसे लोगों के लिए ये राहत की खबर है.