राजस्थान में क्या है वसुंधरा का महत्व? पूरी तस्वीर बयां कर रहा भाजपा कार्यालय के बाहर लगा पोस्टर

0
75

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा 23 जनवरी 2023 को जयपुर में कोर कमेटी की बैठक के लिए पहुंचे थे। इस दौरान विपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौर, पूर्व सांसद ओम माथुर और नारायण पंचारिया और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने एक होर्डिंग पर चर्चा की। जिस पर राजस्थान के मैप के साथ BJP के प्रतीक कमल की तस्वीर बनी हुई है और साथ ही पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का भी चेहरा है।

BJP कार्यालय के बाहर लगा पोस्टर

इस होर्डिंग पर छोटे और मध्यम आकार के कमलों से घिरा एक विशाल कमल था। इस पर राजेंद्र राठौर की नजर पड़ी तो उन्होंने गुलाब चंद कटारिया के साथ चुटकी लेते हुए कहा, “उस राजस्थान के मैप में 200 विधानसभा सीटें हैं। हमारी सीटों में एक छोटा कमल है जबकि बीच में एक बहुत बड़ा है।” जिसके जवाब में कटारिया ने कहा कि हमें यह समझना होगा कि यह बड़ा क्यों है। राठौर ने शेखावत की ओर इशारा कर हंसते हुए कहा, “आज कल भाईसाहब दिल्ली बड़ी हो रही है।”

चर्चा में भाजपा के पोस्टर पर वसुंधरा राजे का चेहरा

अक्सर पार्टियों के पोस्टर और होर्डिंग्स से संकेत मिलता है कि हवा किस तरफ बह रही है। राजनेता अक्सर पोस्टरों पर अपना चेहरा पाने के लिए खींचतान में लगे रहते हैं। उसी संदर्भ में जयपुर में BJP के राज्य कार्यालय के बाहर एक चेहरे के साथ एक होर्डिंग पिछले कुछ दिनों से चर्चा का विषय बना हुआ है। वह चेहरा पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का है, जिनके समर्थकों ने कभी भी राज्य में शीर्ष पद पर लौटने के उनके संकल्प के बारे में कोई शिकायत नहीं की। हालांकि, आलाकमान की इस बारे में स्पष्ट अनिच्छा रही।

भाजपा कार्यालय के बाहर लगे इस होर्डिंग में पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा बाएं कोने में थे जबकि गुलाब चंद कटारिया और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया दाईं ओर थे। होर्डिंग में वसुंधरा राजे नहीं थीं लेकिन अब कटारिया और पूनिया की आकार में मिलती-जुलती तस्वीरों के बीच राजे हैं।

हालांकि, पूनिया के करीबी जो राजस्थान भाजपा में राजे के मुख्य विरोधियों में से एक हैं इस बात से इनकार करते हैं कि पोस्टर का कोई मतलब है। एक पूनिया समर्थक ने कहा, “कुछ महीने पहले जन आक्रोश यात्रा के पोस्टरों में भी उनकी तस्वीर थी। तो यह कोई नई बात नहीं है।”

विशेष रिपोर्ट-
चेतन पांचाल
स्टेट ब्यूरो चीफ- राजस्थान

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here