भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चल रहे तनाव पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज विस्तार से लोकसभा में बयान दिया। आपको बता दें कि विपक्ष चीन के साथ चल रहे तनाव पर लगातार सरकार से बयान की मांग कर रहा था। राजनाथ ने कहा कि सीमा पर भारतीय जवान पूरी सर्तकता के साथ तैयार हैं। राजनाथ ने चीन को बातचीत का प्रस्ताव देते हुए कहा कि अगर ड्रैगन सीमा पर कोई हरकत करेगा तो हमारे जवान उसे माकूल जवाब भी देंगे।
सदन को आश्वस्त रहना चाहिए कि हमारी armed forces इस चुनौती का सफलतापूर्वक सामना करेंगी।
Covid-19 के चुनौतीपूर्ण समय में, हमारी सेनाओं और ITBP की तेजी से deployment हुई है। उनके प्रयासों को ज़रूर सराहा जाना चाहिये। pic.twitter.com/Px3Gr2DqD9
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) September 15, 2020
लद्दाख में मुश्किल दौर, देश का जवानों के संग खड़ा होने का वक्त
राजनाथ ने कहा कि सेना के लिए विशेष अस्त्र-शस्त्र और गोला बारूद की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। उनके रहने के तमाम बेहतर सुविधाएं दी गई हैं। उन्होंने कहा कि लद्दाख में हम एक चुनौती के दौर से गुजर रहे हैं। यह समय है कि यह सदन अपने जवानों को वीरता का एहसास दिलाते हुए उन्हें संदेश भेजे कि पूरा सदन उनके साथ खड़ा है।
जवानों का हौसला बुलंद
राजनाथ ने कहा कि मौजूदा स्थिति पहले से अलग है। हम सभी परिस्थितियों से निपटने के लिए तैयार हैं। जब भी देश के समक्ष कोई चुनौती आई है इस सदन ने सेना के प्रति पूरी प्रतिबद्धता दिखाई है। हमारे सेना के जवानों का जोश और हौसला बुलंद है।
शांतिपूर्ण समाधान के लिए तत्पर है भारत
राजनाथ ने कहा, ‘हम सीमाई इलाकों में मुद्दो का हल शांतिपूर्ण तरीके से किए जाने के प्रति प्रतिबद्ध है। हमने चीनी रक्षा मंत्री से रूस में मुलाकात की। हमने कहा कि इस मुद्दे का शांतिपूर्ण तरीके से हल करना चाहते हैं, लेकिन भारत की संप्रभुता की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। 10 सितंबर को एस जयशंकर को चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की। जयशंकर ने कहा कि अगर चीन पूरी तरह से समझौते को माने तो विवादित इलाके से सेना को हटाया जा सकता है।’
कोविड-19 के बाद ही तैयारी में रहे हम बेहतर
रक्षा मंत्री ने कहा कि कोविड-19 की चुनौतीपूर्ण दौर में सैन्य बल और ITBP की तुरंत तैनाती की गई है। सरकार ने सीमा के विकास को प्राथमिकता दी है। हमारी सरकार ने सीमा के विकास के लिए काफी बजट बढ़ाया है। सीमाई इलाके में काफी रोड और ब्रिज बने हैं। और सैन्य बलों को बेहतर सपोर्ट भी मिला है।
चीन ने कर रखी है बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती
राजनाथ ने सदन को बताया कि अभी की स्थिति के अनुसार चीन ने LAC के अंदरूनी क्षेत्रों में बड़ी संख्या में सैनिक और गोला बारूद जमा कर रखे हैं। चीन की कार्रवाई के जवाब में हमारी सेना ने पूरी काउंटर तैनाती कर रखी है। सदन को आश्वस्त रहना चाहिए कि हमारी सेना इस चुनौती का सफलतापूर्वक सामना करेगी।
29-30 अगस्त की रात क्या हुआ राजनाथ ने बताया
राजनाथ सिंह ने चीन की एक-एक नापाक करतूतों की जानकारी सदन को दी। उन्होंने बताया कि 29-30 अगस्त की रात को पैंगोंग लेक के साउथ बैंक इलाके में यथास्थिति बदलने का प्रयास था। हमारे सेना ने उनके प्रयास विफल कर दिया गया। चीन ने द्विपक्षीय संबंधों का अनादर पूरी तरह दिखता है। LAC का सम्मान करना और इसे 1993-1996 के समझौते में स्पष्ट रूप से स्वीकार किया गया है। चीन की तरफ से ऐसा नहीं हुआ है, उनकी कार्रवाई के कारण के सीमा पर झड़प हुए हैं।
गलवान में हमारे सैनिकों ने दिया माकूल जवाब
राजनाथ ने कहा कि 15 जून को चीन के साथ गलवान घाटी में खूनी संघर्ष में हमारे जवानों ने बलिदान दिया और चीनी पक्ष को भी भारी नुकसान पहुंचाया। जहां संयम की जरूरत थी वहां हमारे जवानों संयम रखा और जहां शौर्य की जरूरत थी वहां शौर्य प्रदर्शित किया है। किसी को भी हमारी सीमा की सुरक्षा के प्रति हमारे प्रतिबद्धता पर सवाल नहीं उठाया जाना चाहिए।
अप्रैल से चीन के धोखे के बारे में सदन को बताया
राजनाथ सिंह ने चीन के एक-एक धोखे के बारे में सदन को बताया। उन्होंने क हा कि अप्रैल माह से पूर्वी लद्दाख की सीमा पर चीन से सैनिकों की संख्या में वृद्धि की गई और मई में गलवान घाटी में चीन ने व्यवधान उत्पन्न किया जिसके कारण संघर्ष की स्थिति उत्पन्न हुई। इसी बीच मई महीने के बीच चीन ने कोंकला, गोदरा और पैंगोंग लेक में कुछ हरकत करने की कोशिश की। यहां पर भारतीय सेना ने चीन को पूरा जवाब दिया।
यथास्थिति बदलने पर चीन को दिया करारा जवाब
राजनाथ सिंह ने कहा कि हमने चीन को राजनयिक तरीके से बता दिया कि सीमा पर यथास्थिति बदलने की स्थिति का करारा जवाब दिया जाएगा। हमने चीन को साफ कहा कि किसी भी पक्ष को यथास्थिति का उल्लंघन करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। सभी शर्तों का दोनों पक्ष सही तरीके से पालन करें। इस मुद्दे का समाधान शांति से निकालना जरूरी है। अभी चीन ने माना है कि बातचीत के जरिए ही शांति हो सकती है।
इस सदन की एक गौरवशाली परम्परा रही है, कि जब भी देश के समक्ष कोई बड़ी चुनौती आयी है तो इस सदन ने भारतीय सेनाओं की दृढ़ता और संकल्प के प्रति अपनी पूरी एकता और भरोसा दिखाया है। pic.twitter.com/xsWP2YDlON
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) September 15, 2020
LAC को लेकर है दोनों पक्षों में विवाद
राजनाथ ने कहा कि LAC को लेकर भारत और चीन की धारणा अलग-अलग है। LAC पर शांति बहाल की जाएगी यह बात दोनों पक्षों ने माना है। भारत का मानना है कि द्विपक्षीय संबंधों को विकसित किया जा सकता है। साथ ही साथ ही सीमा मुद्दे पर चर्चा की जा सकती है। LAC पर किसी भी हरकत का द्विपक्षीय संबंधों पर असर पड़ेगा। समझौते में जिक्र है कि LAC पर दोनों देश कम से कम सेना रखेंगे। भारत और चीन की सीमा को ड्रैगन नहीं मानता है। हम मानते हैं कि यह निर्धारण सही तरीके का है। चीन यह भी मानता है कि सीमा अभी भी औपचारिक रूप से निर्धारित नहीं है। 1950-60 के दशक से बात कर रहा है।
चीन ने कर रखा है 38 हजार स्क्वेयर किलोमीटर भूमि पर कब्जा
चीन ने 38 हजार स्क्वेयर किलोमीटर भूमि पर अनिधिकृत कब्जा लद्दाख में कर रखा है। चीन अरुणाचल प्रदेश की सीमा से लगे लगभग 90 हजार स्क्वेयर किलोमीटर की भूमि को भी अपना बताता है।
LAC पर भारत-चीन में पिछले 5 महीने चल रही है तनातनी
LAC पर भारत और चीन के बीच पिछले करीब 5 महीने से तनातनी जारी है। दोनों देशों के सैनिक आमने सामने हैं। भारतीय सेना ने दक्षिण पैंगोंग शो झील के कई ऊंचाई वाले इलाकों में अपनी स्थिति बेहद मजबूत कर ली है। लद्दाख में जारी तनाव के बीच भारत ने कई अहम ऊंचाई वाली जगहों पर मजबूत पैठ बना ली है।