हमने अब तक कई आईएएस और आईपीएस अधिकारियों की सफलता की कहानियां सुनी हैं। लेकिन, ऐसे होनहारों के बारे में कम ही पढ़ा है जो कई बार विफल हुए लेकिन फिर एक न दिन सफलता की बुलंदियों को छूते हुए कुछ ऐसा कर गुजरते हैं कि लोगों के लिए मिसाल बन जाते हैं। एक ऐसे ही शख्स हैं आईपीएस अधिकारी अक्षत कौशल।
आईएएस अधिकारी अंकिता मिश्रा से शादी
अक्षत कौशल ने बताया कि चार बार फाइनल रिजल्ट में नाम नहीं आने पर उन्हें काफी निराशा हुई थी। वे मानने लगे थे कि शायद यह उनकी किस्मत में नहीं है लेकिन सिविल सेवा परीक्षा के पांचवें प्रयास में सफलता की नई कहानी गढ़ दी। पुलिस सेवा में शामिल होने और आईपीएस बनने के बाद, अक्षत ने आईएएस अधिकारी अंकिता मिश्रा से शादी की। उनकी लव स्टोरी और शादी के भी खूब चर्चे रहे।
चार बार विफल रहे तो लोगों ने बनाया मजाक
अक्षत का कहना है कि उन्होंने ठान लिया था कि वह अफसर बनेंगे, लेकिन एक वक्त ऐसा भी आया जब लोग उनका मजाक उड़ाने लगे। हर दूसरा व्यक्ति यही पूछता था कि कुछ हो पाएगा? कुछ दोस्तों ने समझाया कि हार नहीं माननी चाहिए तो पांचवीं बार ट्राई करने की सोची और मां ने भी बेटे का हौंसला बढ़ाया। तब प्रीलिम्स में सिर्फ 16 दिन बचे थे। अक्षत ने 2017 के इन 16-17 दिनों में परीक्षा की तैयारी की और परीक्षा में 55वीं रैंक हासिल की।
दूसरों की गलतियों से सीखें और खुद बचें
अक्षत अब यूपीएससी की तैयारी कर रहे सभी युवाओं को सफलता के मंत्र भी देते हैं। उन्होंने ही सबसे पहले कहा था कि धैर्य रखें और खुद पर भरोसा रखें। अब ऐसे कई प्लेटफॉर्म हैं, जिनके जरिए आप यूपीएससी का सैंपल पेपर हल कर सकते हैं या जिस विषय में आपकी पकड़ नहीं है, उसकी कोचिंग कर सकते हैं। अक्षत कहते हैं कि सिविल सर्विस की तैयारी के लिए परीक्षा के पैटर्न को समझना जरूरी है। तैयारी के दौरान कई बार ऐसा लगता है कि यह विषय मुझे अच्छे से आता है, इसलिए इसे पढ़ना जरूरी नहीं, लेकिन ऐसा सोचना ही गलत है।
युवाओं के लिए अक्षत का सफलता मंत्र
अक्षत कहते हैं कि तैयारी के समय एक सही समूह का चयन करें, जो न केवल आपको सही सलाह देगा बल्कि आपकी गलतियों पर आपको आंकेगा भी। अगर आप किसी विषय को अपनी ताकत मानते हैं तो परीक्षा के दौरान उस पर ज्यादा भरोसा न करें। इस विषय से बाहर निकलते ही अपने से अधिक अनुभवी लोगों से इस बारे में बात करें। अपने दिल की सुनें और वही करें जो आप करना चाहते हैं। कई बार सफलता देर से मिलती है लेकिन जब मिलती है तो छप्पर फाड़ के मिलती है।
विशेष रिपोर्ट-
सुरेन्द्र कुमार
‘एक्सपर्ट एडवाइजर’ -ELE India News