मोदी सरकार के कृषि विधेयकों के विरोध में किसानों ने किया है आज भारत बंद का ऐलान

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कोरोना महामारी के बीच अध्यादेश की शक्ल में लाए गए कृषि बिलों के अब दोनों सदनों से भी पारित होने के बाद किसानों का विरोध प्रदर्शन और तेज़ होने की संभावना है। इसी क्रम में विभिन्न किसान संगठनों ने शुक्रवार को बिल के विरोध में देशव्यापी बंद का ऐलान किया है। हरियाणा और पंजाब में बिल का सर्वाधिक विरोध किया जा रहा है। इसके अलावा अन्य कई राज्यों में भी किसान संगठनों के साथ-साथ राजनीतिक दल भी विधेयक के विरोध में सड़कों पर उतरने के लिए तैयार हैं। किसान कांग्रेस के संगठन प्रभारी और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुरेंद्र सोलंकी ने भी किसानों के साथ खड़े होते हुए ‘भारत बंद’ के समर्थन का ऐलान किया है।

पंजाब-हरियाणा में ‘टोटल शटडाउन’
कृषि विधेयकों के पास होने के विरोध में किसानों के अलग-अलग संगठनों ने शुक्रवार को ‘भारत बंद’ का ऐलान किया है। सबसे ज्यादा असर पंजाब, हरियाणा और वेस्ट यूपी में दिख सकता है। किसान सड़कों पर चक्का जाम और रेलवे ट्रैक पर प्रदर्शन करने की तैयारी में हैं। इसे देखते हुए पंजाब-हरियाणा से होकर गुजरने वाली कई ट्रेनें अगले दो दिनों के लिए रद कर दी गई हैं।

पंजाब में किसानों ने गुरुवार से ही ‘रेल रोको’ प्रदर्शन शुरू कर दिया। वे राज्य के अलग-अलग हिस्सों में रेलवे ट्रैक पर बैठ गए। किसान मजदूर संघर्ष समिति और भारतीय किसान यूनियन से जुड़े लोग इसमें शामिल हुए। हरियाणा में सभी हाई-वे पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। ट्रैक्टर पर बैठे लोगों को हाई-वे से पहले ही रोका जा रहा है। डीजीपी ने सभी जिलों के पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया है कि अगर किसान भीड़ इकट्ठा करते हैं या अनाज मंडियों में सभाएं करते हैं, तो उन्हें रोका जाए।

31 दलों का पंजाब बंद आंदोलन
शुक्रवार को 31 किसान संगठनों ने पंजाब बंद का आह्वान किया है। वहीं हरियाणा में भारतीय किसान यूनियन समेत कई किसान संगठनों ने बिल के विरोध में किसानों की हड़ताल का समर्थन करने का ऐलान किया है। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी किसानों को उनकी लड़ाई में समर्थन देने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को प्रदेश में धारा 144 के उल्लंघन की कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की जाएगी।

सीएम ने किसान प्रदर्शनकारियों से अपील करते हुए कहा कि आंदोलन के दौरान कानून व्यवस्था का उल्लंघन नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आंदोलन के दौरान लोगों को असुविधा न होने पाए और सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान न पहुंचे इसका भी ध्यान रखा जाना चाहिए। हरियाणा में बीकेयू समेत कई किसान संगठनों ने बिल के विरोध में देशव्यापी हड़ताल को अपना समर्थन दिया है। प्रदेश की बीजेपी सरकार भी आंदोलन को ध्यान में रखते हुए प्रदेश की सुरक्षा व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए तैयारी कर ली है। प्रदेश के गृहमंत्री अनिल विज ने गृह विभाग और पुलिस अधिकारियों के साथ मीटिंग की। उन्होंने डीजीपी को हड़ताल के दौरान किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के निर्देश दिए हैं।

बॉर्डर पर दिल्ली पुलिस अलर्ट
ज्यादातर किसानों ने अपने-अपने इलाकों में रहते हुए प्रदर्शन का ऐलान किया है और राजधानी दिल्ली में न जाने का फैसला किया है।। फिर भी दिल्ली पुलिस शुक्रवार को अलर्ट पर रहेगी। इस मद्देनजर पुलिस ने हरियाणा बॉर्डर सील करने की तैयारी कर ली है। हालांकि, गुरुवार को दिल्ली-हरियाणा मार्ग पर यातायात सामान्य था। किसान समूहों ने आह्वान किया है कि वे कल सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक चक्का जाम करेंगे।

किसानों के प्रदर्शन को विभिन्न राजनीतिक दलों का समर्थन मिल रहा है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने गुरुवार को ऐलान किया कि वह किसानों के ‘भारत बंद’ को अपना समर्थन देगी। पार्टी ने कहा कि लाखों पार्टी वर्कर्स किसानों के समर्थन में खड़े रहेंगे और धरना प्रदर्शन में हिस्सा लेंगे। पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि किसान और खेतिहर मजदूर कठिन मेहनत से देश के लोगों का पेट भरते हैं। मोदी सरकार उन्हीं किसानों और उनके खेतों पर हमला कर रही है।

सपा ने भी दिया किसानों को समर्थन
उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी भी किसानों के विरोध प्रदर्शन में शामिल होगी। पार्टी ने कृषि बिलों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन को अपना समर्थन दिया है और कहा है कि वे हर जिले में विरोध प्रदर्शन आयोजित करेंगे और जिलाधिकारियों के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन सौपेंगे। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने कृषि बिल को हानिकारक बताते हुए कहा कि यह किसानों और मजदूरों के हितों को चोट पहुंचाती है।

‘वेस्ट यूपी रहेगा जाम’
वहीं वेस्ट यूपी में किसान संगठनों ने शुक्रवार को यातायात के सभी रास्ते बंद करने की चेतावनी दी है। साथ ही दिल्ली को सब्जी-दूध आपूर्ति रोकने का भी दावा किया है। भारतीय किसान यूनियन के मुताबिक, ऐम्बुलेंस और आवश्यक वस्तुओं को रोका नहीं जाएगा। यूनियन नेता राकेश टिकैत ने कहा, ‘हम चक्का जाम करेंगे। किसान झुकेगा नहीं। पूरा वेस्ट यूपी जाम रहेगा।’

संसद में विरोध करने के बाद कांग्रेस पूरे देश में कृषि बिलों का विरोध करने की तैयारी में है। पार्टी ने कहा, 28 सितंबर को देश के तमाम राज्यों में कांग्रेस प्रदेश कार्यालयों से राजभवन तक पैदल मार्च निकला जाएगा। राज्यपालों को ज्ञापन सौंपा जाएगा। किसानों का हस्ताक्षर अभियान शुरू होगा, जो 31 अक्टूबर तक चलेगा। फिर दस्तखत वाला ज्ञापन राष्ट्रपति को सौंपा जाएगा। वहीं, लखनऊ में भी कांग्रेस 28 सितंबर को विधान भवन घेरेगी। गुरुवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने मीडिया से बात करते हुए ये जानकारी दी।

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