मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया, “कायाकल्प अभियान” की शुरुआत !

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मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि शहरों और कस्बों में सड़कों के मेंटेनेंस के लिए अब आर्थिक संकट बाधा नहीं बनेगा। प्रदेश के 413 निकायों को सड़कों की मरम्मत के लिए 750 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। भोपाल के मिंटो हॉल में आयोजित ‘कायाकल्प अभियान’ में CM ने बतौर पहली किश्त 350 करोड़ रुपए सिंगल क्लिक के जरिए ट्रांसफर भी कर दिए। वहीं कार्यक्रम में इंदौर के मेयर पुष्यमित्र भार्गव ने टेंडर निकालने की समय सीमा का वक्त कम करने का अनुरोध किया, जिसे CM ने स्वीकार कर लिया।

मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा, हमारे हाईवे तो सारे चकाचक हो गए, लेकिन शहर के अंदर की सड़कें, वार्डों की सड़कें ठीक नहीं हैं। कई जगह ये शिकायत मिलती थी कि मरम्मत नहीं हो रही है। सड़कों की मरम्मत की जिम्मेदारी स्थानीय निकायों की होती है। बाकी सड़कें शानदार हो और वार्ड में धूल उड़े तो लोग सुबह-सुबह पार्षद को ही पकड़ेंगे। पहली बार राज्य के बजट से सड़कों की मरम्मत के लिए पैसा दिया है। 750 करोड़ में से 350 करोड़ आज खातों में डाले हैं।

CM ने सभी निकायों के अधिकारियों से कहा, 15 से 20 दिन में टेंडर की प्रोसेस पूरी हो जानी चाहिए। मई में काम खत्म करना है। इसके बाद बारिश आ जाएगी। मंत्री और अधिकारी इसका ध्यान रखें। कोई इस चक्कर में न पडे़ कि ये ठेकेदार आ जाए, पहचान का आए, तो बहुत अच्छा। इस सब में न पड़ें। सही एजेंसी का चयन हो जाए। क्वालिटी कंट्रोल बहुत जरूरी है। डामर चुपड़ दिया, बाद में वो उखड़ गया, ऐसा न हो।

शिवराज ने कहा, पेयजल, सीवेज की लाइन डालने के बाद सड़क खोद दी जाती है। इसके लिए जरूरी है कि सड़कों के रीस्टोरेशन का काम भी किया जाए। जेसीबी से सड़क खोदकर लोग निकल जाते हैं। सड़क कटर से कटनी चाहिए और उसका रीस्टोरेशन होना चाहिए।

बडे़ शहरों में बिल्डिंग परमिशन के साथ जोड़ें घरेलू सोलर पैनल, सरकार देगी सब्सिडी

CM ने कहा- बड़े शहरों में बिल्डिंग परमिशन से पहले घरेलू सोलर पैनल लगवाएं। इसके लिए सरकार सब्सिडी भी देगी। कोई शहर इसकी शुरुआत करे। निकाय को स्वयं की आय के स्त्रोत विकसित करने चाहिए। निकायों के जनप्रतिनिधि डरते हैं कि टैक्स वसूल मत करो, लोग नाराज हो जाएंगे। मामा से ही मांग लो। जब तक आय के साधन खडे़ नहीं होंगे, तब तक निकाय प्रगति नहीं कर सकते। अगर 24 घंटे पीने का पानी आने लगा, तो पैसा देना चाहिए। लोग शाम को आइसक्रीम खा लेते हैं। होटल में खाने चले जाते हैं। अगर हम अपने स्थानीय निकाय को ठीक से खड़ा नहीं करेंगे तो विकास नहीं कर पाएंगे। जो सुविधा दे रहे हैं, उसका वाजिब पैसा भी मिलता रहे।

दुकान पर नहीं पी पाएंगे, घर पर बहनों को कह दूंगा- सही कर दो इनको

CM ने कहा- वर्षों से शराब की दुकान में पीने की व्यवस्था थी। अहाते में पीकर लोग डोलते हुए निकलेंगे, कोई नाले में गिरेगा, कोई आपराधिक घटना कर देगा। इसलिए मन में कई दिनों से बेचैनी थी। अहाते बंद होंगे। जिसको पीना है, वो घर ले जाए। घर पर भी मैं बहनों से कह दूंगा- सही कर दो इनको। लाडली बहना योजना के फॉर्म 5 मार्च से भरे जाएंगे। सभी 413 निकायों को 5 मार्च को जोड़ेंगे। जिनकी आय ढाई लाख तक है, उन सभी बहनों को इसका लाभ मिलेगा। रंगपंचमी के बाद वार्ड में शिविर लगेंगे। दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। बडे़ शहरों में मोहल्लेवार शिविर लगेंगे। जून से पैसे खातों में आने चालू हो जाएंगे।

पानी पर CM ने कहा-, खंडवा वाले विशेष ध्यान रखें

CM ने कहा, फरवरी में ही गर्मी पड़ने लगी है। अभी से पीने के पानी की व्यवस्था कर लें। बडे़ शहर 133 हैं। पहली बार मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना बनाई है। मेंटेनेंस भी देख लें, पता चले कि गर्मियों में पानी की पाइपलाइन फूट रही। खंडवा वाले विशेष ध्यान रखें। शेष निकाय नल-जल योजना बना ली है। 12,174 करोड़ रुपए अमृत योजना के द्वितीय चरण में दिए जाएंगे। पहले तो 50 लाख रुपए भी मिल जाते थे तो बड़ी बात होती थी। हमने वो जमाना भी देखा है, जब दिग्विजय मुख्यमंत्री थे, तब पैसे नहीं होते थे। कहीं 25 हजार की मुरम डलवा दी, तो दाल-बाफले खिला देते थे। लेकिन, हम 12 हजार करोड़ खर्च करने जा रहे हैं।

स्वच्छता सर्वे पर कहा, जरा सी लापरवाही हमें पीछे ले जाएगी

CM ने कहा, एक अपील और करना है- स्वच्छता में हम नंबर वन हैं। फरवरी जाने वाली है, मार्च में स्वच्छता सर्वेक्षण होगा। मध्यप्रदेश को स्वच्छता में नंबर वन रहना चाहिए। अभी से जुट जाएं। नागरिकों से संवाद करें, प्रशासन को सक्रिय करें। जरा सी लापरवाही से हम बहुत पीछे चले जाएंगे। हमारे शहर को हमें नंबर वन बनाना है। नगरों में स्वच्छता प्रतियोगिताएं शुरू करा दें। शहरों में अलग-अलग मार्केट होते हैं, उनके बीच प्रतियोगिताएं शुरू कराएं। अपने नगरीय निकाय को स्वच्छतम बनाने में कोई कसर न छोड़ें।

इंदौर जैसे ग्रीन बॉन्ड भोपाल में भी भरेंगे

CM ने कहा- इंदौर ने अभी ग्रीन बॉन्ड जारी किया। इंदौर ने तय किया कि नर्मदा जी का पानी मोटर से खींचते हैं। ऐसे में उन्होंने बिजली के बिल को कम करने के लिए नगर निगम का सोलर पॉवर प्लांट लगाने का फैसला किया। प्लांट लगाने के लिए ग्रीन बॉन्ड जारी किया। इंदौर को 244 करोड़ रुपए प्लांट के लिए चाहिए थे। लोगों ने 725 करोड़ के बॉन्ड भर दिए। कल भोपाल में बॉन्ड भरने का काम करेंगे। यहीं कार्यक्रम करेंगे। इस पैसे से जब इंदौर प्लांट लगाएगा तो बिजली बिल का पैसा बचेगा। इस बिजली से इंदौर जगमग होगा। 3 मई को इंटरनेशनल सोलर-डे है। हमारा सांची शहर देश का पहला सोलर शहर हो जाएगा। थर्मल पावर प्लांट की बिजली नहीं चलेगी।

अवैध कॉलोनियों को वैध करने की प्रोसेस जल्द शुरू होगी

CM ने कहा- अवैध कॉलोनियों को वैध करने की प्रक्रिया शुरू कर रहे हैं। बिल्डर प्लॉट काटकर निकल गया, लोगों के जीवन भर की कमाई लग गई। नई अवैध कॉलोनी नहीं बनने देंगे। ये धन कमा लेते हैं, बाद में जनता आपका गला पकड़ती है। अगर कोई ऐसे प्लॉट काटेगा तो हम उस पर कड़ी कार्रवाई करेंगे। कब तक लोग अवैध कॉलोनी के कलंक को ढोएंगे।

इंदौर मेयर की मांग पर CM बोले- हो जाएगा

इंदौर के मेयर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि टेंडर निकालने में 30 दिन का नियम है। समय सीमा में काम पूरा करने के लिए इसे 15 दिन का कर दिया जाए। CM ने इस अनुरोध को स्वीकार करते हुए कहा- ये दो हफ्ते का कर दिया जाएगा।

विशेष रिपोर्ट-

प्रवीण यादव
सह-संस्थापक : ELE India News

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