लोकसभा में जदयू संसदीय दल के नेता और मुंगेर के सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए गए हैं। 27 दिसम्बर, 2020 को नीतीश कुमार के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद छोड़ने के बाद इस पद को संभालने वाले केन्द्रीय इस्पात मंत्री आरसीपी सिंह ने नई दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय मुख्यालय में शनिवार शाम हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में खुद ललन सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव रखा। नीतीश कुमार, बशिष्ठ नारायण सिंह, उपेन्द्र कुशवाहा, केसी त्यागी समेत सभी वरिष्ठ नेताओं ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया। जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने सर्वसम्मति से इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी।
बिहार विधान परिषद, राज्यसभा और अब तीसरी बार मुंगेर से लोकसभा पहुंचे ललन सिंह की गिनती जदयू के कद्दावर नेता के रूप में होती है। जदयू के वे पांचवें राष्ट्रीय अध्यक्ष होंगे। स्व. जार्ज फर्णांडिस, शरद यादव, नीतीश कुमार और आरसीपी सिंह के बाद उन्हें पार्टी की कमान सौंपी गयी है। जदयू के संगठन के साथ ही प्रदेश की सरकार तक में महत्वपूर्ण भूमिकाओं को मजबूती से निभाया है।
Lalan Singh elected as JD(U) chief at party’s national executive meet#JDU #LalanSingh #NitishKumar #Biharhttps://t.co/J0Pa3X31Sm
— IndiaToday (@IndiaToday) July 31, 2021
पहले से लगाये जा रहे थे कयास
नीतीश कुमार द्वारा ललन सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद सौंपे जाने के कयास पहले से ही लगाये जा रहे थे। दरअसल, जुलाई माह के आरंभ में केन्द्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार में जदयू के दो नेताओं के नाम प्रमुखता से उछल रहे थे। आरसीपी सिंह के मंत्री बनने तथा उसके बाद राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाए जाने से इसे और बल मिला था। शनिवार को इस बैठक में शामिल होने जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने दिल्ली स्थित 6 कामराज लेन से एक ही गाड़ी में ललन सिंह और आरसीपी सिंह के साथ निकले तो यह स्पष्ट हो गया कि नीतीश कुमार ललन सिंह को ही राष्ट्रीय अध्यक्ष का जिम्मा सौंपने जा रहे हैं। बहरहाल ललन सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाकर जदयू ने एक सवर्ण चेहरे को आगे करके एक बड़ा संदेश भी देने की कोशिश की है। इसे जदयू की ओर से सामाजिक समीकरण को दुरुस्त करने की पहल के रूप में भी देखा जा रहा है।
समता पार्टी के जमाने से नीतीश कुमार के साथ
जदयू के प्रमुख नेता व बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भरोसेमंद ललन सिंह समता पार्टी के जमाने से उनके साथ हैं। वह जदयू में इसके स्थापना काल से जुड़े रहे हैं। उनको लम्बा सांगठनिक अनुभव भी है। बिहार की सत्ता में पिछले 16 साल से काबिज जदयू के बिजेन्द्र प्रसाद यादव के बाद वे दूसरे प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं। दिसम्बर 2005 से फरवरी 2010 तक करीब सवा चार साल प्रदेश अध्यक्ष के रूप में उन्होंने पार्टी को मजबूत बनाने में काम किया है।
चारा घोटाले का मामला कोर्ट तक पहुंचाने में रही भूमिका
बिहार में लालू प्रसाद के राजनीतिक वर्चस्व को तोड़ने में उनकी भूमिका इस मायने में महत्वपूर्ण मानी जाती है कि उन्होंने लालू प्रसाद के खिलाफ चारा घोटाले का मामला कोर्ट तक पहुंचाने में भूमिका निभाई।