कहते हैं इंसानियत से बड़ा कोई धर्म नहीं होता और इसकी नज़ीर पेश की है इंदिरापुरम सोसायटी, गजियाबाद उत्तरप्रदेश निवासी फ़िल्म कलाकार सलीम खान और मुस्लिम समुदाय के उनके साथियों ने… इस कदम से उन्होंने समाज के लिए एक मिशाल कायम की है।
आपको बता दें कि पिछले दिनों सोसायटी में रहने वाली एक वृद्ध महिला की मृत्यु कोरोना से हो गई। उनके परिवार के दो और सदस्य कोरोना ग्रसित हैं। ऐसे में महिला के निधन के बाद कोरोना के डर से सोसायटी में पास पड़ोस के लोग और जानकर शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाने से घबरा रहे थे।
इनके अंतिम संस्कार के लिए कथित रूप से कोरोना वायरस के भय से जब कोई पड़ोसी एवं रिश्तेदोरों में से नहीं आया तो यहीं रहने वाले फ़िल्म कलाकार सलीम ख़ान और मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने उनको कंधा दिया और एम्बुलेंस बुलाकर अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट लेकर गए।
इस बारे में सलीम खान ने बताया कि- “ये महिला मूल रूप से चेन्नई की रहने वाली थीं, इनकी बेटी और दामाद भी करोना की चपेट हैं। बेटी के ससुर की मृत्यु भी कोरोना से ही हो गई। ऐसे में महिला के निधन के बाद कोरोना के डर से कोई भी पड़ोसी और रिश्तेदार हाथ लगाने नहीं आ रहा था। तब हमने और मुस्लिम समुदाय के मेरे कुछ मित्रों ने उन्हें कंधा देकर एंबुलेंस बुलाया और अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट ले गए। माना कि कोरोना बहुत बड़ी महामारी है लेकिन फिर भी हमें इंसानियत के नाते लोगों की मदद करनी चाहिए..”
विशेष रिपोर्ट- संवाददाता रईश ख़ान