ज़ाकिर खान बॉम्बे के रहने वाले हैं इनकी शिक्षा बाम्बे मैं ही हुई हैं जाकिर खान को एक नशा था कि मुझे फ़िल्म इंडस्ट्री वॉलीवुड मैं जाना है एक सफल कलाकार बनना है तथा इज्जत शोहरत नाम कामना हैं तथा घर परिवार माता पिता औऱ देश का नाम रोशन करना है ,
आज जाकिर खान को देश ही नही विदेशो मैं इज्जत के साथ पहचाना जाता हैं औऱ नाम लिया जाता हैं औऱ जाकिर खान का नाम किसी पहचान का मोहताज नही है जाकिर खान ने कई फिल्मों मैं काम किया है तथा नाम कमाया है , ज़ाकिर खान बहुत अच्छे कॉमेडियन भी हैं और बहुत ही अच्छे शायर भी हैं ज़ाकिर खान एक सफल एक्टर और मल्टी टेलेंटेड व्यक्तित्व के धनी हैं , इतनी सारी प्रतिभाएं एक ही व्यक्ति मैं होना खुदा का प्रसाद ही कहेंगे , एक ऐसे कलाकार हैं जिन्हें आप मस्त मलंग, हरफनमौला और दावे के साथ Multi-talented
कह सकते हैं, बेसिकली ये एक best versatile actor, हैं , इनकी खासियत ये है की ये बहुत अच्छे शायर और कॉमेडियन भी हैं, मंचों पर शायरी, कविताएं, कॉमेडी और मिमिक्री पेश करने का इनका अंदाज़ ही अलग और निराला है, इनकी एक्टिंग की शुरुवात महज़ १२ साल की उमर में *आमिर ख़ान साहब की फिल्म *जो जीता वही सिकंदर से हुई उस फिल्म में आमिर खान के साथ ये क्राउड में सायकल चलाए और जिला गाजियाबाद में संजय दत्त के साथ गन ….बहरहाल हर कामयाब इंसान की शुरुवात कुछ इस तरह से ही होती है,। लेकिन कुछ लोग अपनी लगन और मेहनत के बल पर खुद का अलग मुकाम हासिल कर ही लेते हैं…जैसे की इन्होंने किया छोटे परदे पर इन्होंने तकरीबन 3000 से भी ज्यादा television episodes कर चुके हैं और आज भी काम के लिए जुझारू हैं और रनिंग में कई सारे project कर रहे हैं।
खलनायकी के किरदार में इन्होंने कई सारे सुपरहिट tv सीरियल किए जैसे की सुशांत सिंह राजपूत के साथ पवित्र रिश्ता, प्रतुष्या बनर्जी के साथ बालिका बधू, आज के डेट की television की नंबर 1 हीरोइन दिव्यंका त्रिपाठी के पति का रोल कर चुके हैं इसके अलावा C.I.D. सावधान इंडिया, क्राइम पेट्रोल, पुलिस फाइल, तारक मेहता का उल्टा चश्मा, चाचा चौधरी, उतरन, लाडो, महादेव, *महाभारत, महाराणा प्रताप, वीर शिवाजी, श्री गणेश, गणेश लीला, *ॐ नमो शिवाय, *कालभैरव गंगा, छोटी बहु, पुलिस फाइल, फेयर फाइल, श्री कृष्णा, स्वामी नारायण, शनि देव, रक्त संबंध, खुशियों की गुल्लक आशी, सौभाग्यवती भवः, दो दिल मिल गए, वीर शिवाजी, परवरिश, भाग्य विधाता, विक्रम बेताल, गुटर गु, आहट, दहशत, सबकी लाडली बेबो, ऑफिस ऑफिस, क्यों की सास भी कभी बहू थी,
..वगैरा वगैरा…..इसके अलावा और भी काफी टीवी सीरियल हैं..
इन सीरियलों के अलावा
कई सारी फिल्में भी की है इन्होंने जैसे की …….जिला गाजियाबाद , फंटूश, टुमारो, सैटरडे नाइट, मुंबई मिडनाइट,
शाहरुख बच्चन, रसगुल्ला, ओपन एडमिशन, साढ़े सात फेरे,
नासीरान, मैरेट टू अमरीका, द ग्रेट कामदेव, ETC….
इसके अलावा इन्होंने ने एक दौर में जींस की मॉडलिंग भी की है
जींस के ब्रांड थे ….बोसोको जींस, फाइट मैन, और जेड मैन.
ऐसे काफी सारी ब्रांड्स है जिनके लिए एक दौर में ये चहेते मॉडल हुआ करते थे,
आने वाले महीनों में इनकी २ फिल्में मुख्य खलनायक के तौर पर रिलीज होने वाली हैं …. एक का नाम है गैंग्स ऑफ सारण डिस्टिक और दूसरी का नाम अनटाइटल है अभी तक ….
साथ साथ कई सारी वेब सीरीज भी कर रहे हैं जो की क्राइम स्टोरी पर आधारित है….
ये बहुत ही दूरदर्शी और महत्वाकांक्षी इंसान हैं हमेशा खुश रहने वाले इंसान हैं ….
और इनकी खुशी का सबसे बड़ा राज ये है की जिस संस्था ने किंग खान यानी शाहरुख ख़ान को अवार्ड दिया उसी संस्था ने वही अवार्ड इन्हे भी दिया … उस अवार्ड का नाम है
दादा साहेब फाल्के फिल्म फाउंडेशन अवार्ड।
इस अवार्ड को पाने का हासिल करने का फिल्म इंडस्ट्री के हर ऐक्टर्स का सपना होता है ज़ाकिर ख़ान को भी दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड हासिल करने में ३० सालों से ज्यादा का वक्त लग गया…..लेकिन वो कहते हैं कि शुक्र है खुदा का मिला तो सही , और बहुत कुछ दिया है उसने , ।।।।।
ज़ाकिर ख़ान का कहना है की फिल्म इंडस्ट्री में किसी भी ऐक्टर्स या टेक्नीशियनस के कैरियर की स्टेबिलिटी नही है यहां किसी का भी फ्यूचर स्टेबल नही है कभी भी किसी के भी करियर में डाउनफॉल आ सकता है बस कुछ सुपर स्टारों को छोड़कर हाला की वो भी कुछ ना कुछ साइड बिजनेस करते हैं, इस रिवाज का क्रेडिट मैं शाहरुख खान साहेब को दूंगा क्यों की उन्होंने इस सिलसिले को शुरू किया और उनका देखा देखी बहुत सारे ऐक्टर्स ऐक्टिंग के अलावा साइड बिजनेस करना शुरू कर दिए हैं, वरना सबसे पहले सुपर स्टार बनने वाले राजेश खन्ना साहेब (काका) के कैरियर में भी ऐसा दौर आया की वो भी घुटन भरी जिंदगी जीने पर मजबूर हो गए थे क्यों की उन्होंने अपनी पूरी लाइफ सिर्फ ऐक्टिंग और फिल्में की , इसके लिए मेरा मानना है की हर वो एक्टर जो भी ऐक्टिंग की फील्ड में है उसके पास ऐक्टिंग की कमाई के अलावा कहीं ना कहीं से साइड इनकम का स्रोत होना बहुत ही जरूरी है।।
लिहाजा अपने मकसद के लिए अपने सपने के लिए अपने पैशन के लिए अपने परिवार मां बाप , भाई बहन, बेटा बेटी को तकलीफ ना दें , आने वाली नस्लों के भी अरमान होते हैं आप ही उनके जिम्मेदार हैं ,
भगवान ना करे की आप उनकी जिम्मेदारियों के दबाव में आकर डिप्रेशन में चले जाएं फेरेस्टेड हो जाएं और फेरेस्टेशन में आकर कोई गलत फैसला कर लें या गलत कदम उठा लें ऐसा करने से अकेले आप ही नही आपका पूरा परिवार बिखर जाता है इसलिए मेरा मशविरा है की एक्टिंग को पूजा और इबादत की तरह समझें रोजाना इसकी पूजा और इबादत करते रहिए, जैसे की दुनिया का हर इंसान भगवान की पूजा और इबादत करता है बिलकुल उसी तरह,
भगवान प्रसन्न हो गए तो हो सकता है आपको वरदान मिल जाए और आपका उद्धार हो जाए,
वैसे इंसान पूरी जिंदगी भगवान की पूजा इबादत करता है बगैर किसी लालच के बिलकुल ऐक्टिंग भी इसी तरह है,
ज़रूरी नहीं हर एक्टर शाहरुख खान के जैसे ऐक्टिंग करके मन्नत बना ले और भी जरूरी नही इंसान पूजा इबादत करके जन्नत बना ले,
और सबसे इंपोर्डेट जानकारी ये है की नई पीढी नए बच्चे या नए लोग जो बॉलीवुड या ऐक्टिंग में आना चाहते हैं उनके लिए मेरी सलाह है की जिस भी काम के लिए आप आ रहे हैं उसकी तैयारी होनी बहुत जरूरी है सिर्फ खूबसूरत होना या जिम जाकर बॉडी बना लेना ही काफी नही है,
मैं मानता हूं की ये आपका प्लस प्वाइंट हो सकता है बॉडी अच्छी होगी हाइटेड होंगे खूबसूरत होंगे तो आपको ज्यादा तवज्जो या अटेंशन मिलेगा बट एक्टर के लिए कुछ और हार्ड वर्क्स और तैय्यारियां होती हैं,
क्यों की अगर आप तैयारी करके नही आयेंगे तो आपको यहां बेवकूफ बनाने और मिस गाइड करने वाले काफी लोग टकराएंगे दुनिया भर की लालच देंगे नए नए शगूफे छोड़ेंगे आपको ब्रेक दिलाने के नाम पर आपको हीरो बनाने के नाम पर किसी न किसी बहाने से आपसे पैसा अठेंगे और आपका कीमती टाइम बर्बाद करेंगे ,
इसके लिए दोस्तों मेरा कहना है की तरीके से आइए तैयारी से आइए और सलीके से प्रोडक्शन हाउसेस में ऑडिशन दीजिए हर प्रोडक्शन हाउस को अच्छे ऐक्टर्स की जरूरत है,
चाहे वो आदित्या चोपड़ा का यशराज फिल्म्स हो या एकता कपूर की बालाजी टेलीफिल्म्स.
मैं परमानेंट मुंबई में रहता हूं मेरे मशविरे की या मेरे सहयोग की जरूरत हो तो जरूर याद कीजिए जैसे की किसी भी प्रोडक्शन हाउस का एड्रेस चाहिए या कास्टिंग डारेक्टर्स कहा ऑडिशन लेते हैं मैं ये सब आपके लिए मुहैया करा दूंगा,
सबसे अहम बात आप फेक और मक्कार लोगों के चंगुल से बचें क्यों की इस किस्म के लोग सिर्फ आपका पैसा ही नही टाइम भी बर्बाद करते हैं,
दोस्तों फिल्म लाइन में मेरी शुरुवात की कहानी काफी दिलचस्प है मेरे अब्बू हाजी नमाज़ी थे जो की मेरे फिल्म लाइन में काम करने के सख्त खिलाफ थे बहरहाल बाप का गुस्सा औलाद के अरमानों के सामने ठंडा पड़ गया, वैसा मेरा कोई भी फैमिली फिल्मी बैकराउंड नही है और ना ही कोई फिल्म लाइन में गॉडफादर लेकिन उमंग और हसरत से बढ़कर कोई चीज नही होती है इंसान के सपनो के लिए यूं कह लीजिए की मेरे अंदर एक यूनिक स्केल थी बचपन से महज़ १२ साल की उमर में ही लोगों को हंसाने की कला आ गई थी मुझे और यकीन मानिए यही सबसे बड़ी वजह बनी मेरे फिल्म इंडस्ट्री में आने की।।।।
जिन लोगों को में हंसाता था अक्सर वही लोग मजाक उड़ाने वाले अंदाज में बोलते थे की फिल्म लाइन में हीरो क्यों नही बन जाता फिल्मों में काम क्यों नही करता दरअसल अगर मैं सच कहूं तो बाहरी लोगों को फिल्म लाइन सबसे आसान लगती है उनको लगता है यहां काम बहुत आसानी से मिल जाता है ,,, जब की फिल्म लाइन में काम करना और यह टिके रहना नाकों चने चबाना जैसा है।
मेरी तो ये सोच है की हिंदी फिल्मों का सुपर स्टार अमिताभ बच्चन होना प्रधान मंत्री बनने से भी ज्यादा मुश्किल काम है
क्यों की प्रधान मंत्री बनने के लिए ना आपको डांस आना जरूरी है ना ही फाइट आना ना ही घुड़सवारी और ना ही एक्शन की जरूरत है और साथ साथ ना गुड लुकिंग की जरूरत है और अगर आपकी भाषा पे भी कमांड ना हो तो भी चलेगा और सबसे खास चीज एक सुपर स्टार को ८० साल की उमर तक अपने पेट को अपने दायरे में रखना पड़ता है जब की प्रधान मंत्री का पेट ५० साल की उमर में ही बाहर आ जाए तो कोई बात नही
मतलब सारी ये चीज़ें एक प्रधान मंत्री के लिए लागू नही होती हैं लेकिन एक सुपर स्टार के लिए इन सारी क्वालिटीज का होना अति आवश्यक है,
और एक बात २५/३० सालों के तालीम के बाद लाखों में एक कोई आईपीएस ऑफिसर बनता है और उस आईपीएस की सैलरी मंथली २ लाख से लेकर ३ लाख तक ही होती है लेकिन एक एक्टर पर डे का १०००० हजार से ५० लाख तक से भी ज्यादा लेता है कुछ हीरो तो ऐसे हैं जो एक फिल्म का ५० करोड भी लेते हैं और शोहरत इज्जत की सीमा ही नही है तो जरा सोचिए
जहा जिस काम की इतनी ज्यादा कीमत मिलती हो तो वहा पे कैसी मेहनत होगी कहने का तत्पर्य मेरा है की जितना आसान लोगों को लगता है उतना आसान भी नही है।।।।
बहरहाल मेरे फिल्मी सफर की शुरुवात क्राउड से हुई मैने कई फिल्मों में काउड में काम किया भीड़ का हिस्सा रहा जैसे की फिल्में हैं, जो जीता वही सिकंदर, साजन, रूप की रानी चोरों का राजा, इंदिरा, चाहूंगा मैं तुझे, ऐसी बहुत सारी फिल्में हैं,
ये सिलसिला चलता रहा लेकिन ऐक्टिंग का कीड़ा बढ़ता रहा इसके उलट ऐक्टिंग की तमीज़ भी नही थी,
ये १९९० की बात है बस यूं ही भटकते भटकते एक दिन बांद्रा वेस्ट पहुंचा १९९० के दौर में सारे न्यू कमर ऐक्टर्स का अड्डा और जमावड़ा बांद्रा वेस्ट ही होता था बांद्रा वेस्ट नेशनल कॉलेज के पास सुनील दत्त साहेब की ऑफिस थी वो फिल्म बना रहे थे ये आग कब बुझेगी वहा काम मांगने गया तो वो बड़े प्यार से बोले बेटा इस फिल्म की सारी कास्टिंग हो गई है अगली फिल्म के कास्टिंग के दरम्यान मुल्कात करना कुछ ना कुछ जरूर काम मिलेगा बहरहाल वहा काम तो नही मिला लेकिन उनके ऑफिस के बगल में रंग भवन मंदिर है और उसी रंग भवन मंदिर में एक ऐक्टिंग इंस्टीट्यूट हुआ करता था जिसका नाम था पीपुल ऑफ़ द वर्ल्ड इसी इंस्टीट्यूट से मैंने ऐक्टिंग सीखी और डिप्लोमा मिला, ऐक्टिंग सीखने के बावजूद भी काम मिलना दुश्वार था बहरहाल मैं बांद्रा आना जाना जारी रखा, और वही से इत्तेफाकन एक दिन एक नुक्कड़ नाटक करने वाले ग्रुप से मुलाकात हुई सुनने में आया की इस नुक्कड़ नाटक ग्रुप की मार्गदर्शन देने वाली शबाना आज़मी साहिबा हैं,
मैं भी उस ग्रुप में शामिल हो गया और १९९१ से लेकर १९९५ तक उनके साथ मिलके लगभग २५० नुक्कड़ नाटक किया अंधेरी से लेकर चर्चगेट तक स्टेशनों के आसपास ही हमारा नुक्कड़ होता था,
यहाँ से मेरे ऐक्टिंग की शुरुवात हुई और मुझे अब लगने लगा कि मैं कमरे के सामने ऐक्टिंग कर सकता हूं लेकिन अभी तक dd1 के अलावा प्राइवेट चैनल की भरमार नहीं हुई थी इसी वजह से काम मिलना अभी भी मुश्किल था बहरहाल dd1 चैनल की कई टीवी सीरियल किया जैसे एक सीरियल में अक्सर मैं इंस्पेक्टर का रोल करता था जिसका नाम था तलाक़ क्यों , जो की महिलाओं के उत्पीड़न पर आधारित था एपीसोडिक स्टोरी हुआ करती थी,
उसी दौरान एकता कपूर की दूसरी टीवी सीरियल शुरू हुई हम पांच, ये सीरियल पांच बहनों की कॉमेडी पर आधारित था जिसमें विद्या बालन एक बहन का किरदार निभा रही थीं
इस tv सीरियल के राइटर थे मेरे दोस्त के बड़े भाई इम्तियाज पटेल जो की अब दुनिया में नही हैं करोना की वजह से उनका इंतकाल हो गया।
यहां से काम मिलना शुरू तो हुआ बट संतुष्टि वाला काम अभी भी नही मिल पा रहा था लेकिन जोश और जज़्बा कायम रहा
और इस पंक्ति के साथ आगे बढ़ता गया।।।
फैसला होने से पहले मैं भला क्यों हार मानूं,।
जग अभी जीता नहीं है मैं अभी हारा नहीं हूं।
देखते ही देखते दौर आ गया 97 और 98 का उस वक्त टीवी चैनल्स और टीवी सीरियल की भरमार हो गई काम मिलना शुरू हो गया उसी दरम्यान सीआईडी tv सीरियल शुरू हुई 1998 में,
सीआईडी में मुझे बहुत ही मनपसंद किरदार मिलने शुरू हो गए ,
और सीआईडी television इतिहास का ऐसा सीरियल रहा जो की टीवी पर 20 सालों तक चला सबसे लंबे समय तक चलने वाला शो रहा और सबसे दिलचस्प बात ये है की 24 घंटे लगातार शूट हुआ है बगैर किसी कट के वन शॉट ये रिकॉर्ड दर्ज है गिनीस बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड में,
मैंने काफी सारे किरदार निभाए सीआईडी में गैंगस्टर का किड्डनेपर का किलर का वगैरा वगैरा लगभग 250 से भी ज्यादा स्टोरी की मैंने सीआईडी की,
1998 से लेकर 2018 तक चला ये सिरियल।
काफी काम किया टीवी सीरियल और फिल्मों में लेकिन एक्टर की ख्वाहिश होती है की बड़े परदे पर मेरा क्लोज लगे तभी लोग नाम से जानेंगे और जब एक्टर को आवाम नाम से जानने लगती है तब उसकी मार्केट उसके मन मुताबिक होती है बहरहाल जो भी हासिल किया मैंने उसमें संतुष्टि बहुत है अपने चाहने वाले दोस्तों का शुभचिंतकों का और खुदा का मैं दिल की गहराइयों से शुक्र अदा करता हूं
हर किसी के जिंदगी में जद्दोजेहद चलती रहती है कुछ नया करने की मेरी भी है मैं हर बार कुछ नया करने की कोशिश करता हूं आप दोस्तों की दुवाओं से कामयाब और सन्तुष्ट भी हूं।
बस दिल से यही कामना करता हूं की आप चाहने वाले दोस्तों का साथियों का शुभचिंतकों का यूं ही प्यार , स्नेह और सहयोग बना रहे भला इससे बड़ी दौलत और नियामत क्या हो सकती है.
दिल की बात।।।।।।
ऐक्टिंग मेरा पैशन है प्रोफेशन नही …
प्रोफेशन के लिए मैं रेडिमेड गारमेंट्स का बिजनेस करता हूं
एक बार मैं अपना प्रोफेशन बंद भी कर सकता हूं लेकिन पैशन नही छूटेगा ये मौत के साथ खत्म होगी क्यों की एक्टिंग खून के बूंद बूंद में है।।।।
साथियों दुनिया का कोई भी काम मुश्किल नही है क्यों की हमारे और आपके जैसे ही लोग करते हैं क्यों की मेरे साथ ये दौर गुजरा है की एक वक्त था मैं अपना परिचय भी नही दे पाता था लेकिन आज की डेट में मै 50000 हजार लोगों के सामने अकेला खड़ा होकर घंटों बोलता हूं और उनको एंटरटेन करता हु
मैंने कुंभ के मेले में शाही स्नान के दिन अकेला 4 घंटे परफॉर्मेंस किया,
और कमाल की बात ये है की महापुरुषों के सामने,,,,,,
इसके लिए कहा गया गया है हिम्मतें मर्दा
तो मद ते खुदा
याद रहे कोई भी पेट में सीख कर नही आता है सब दुनिया में ही सीखते हैं।
बस ईमानदारी से अपना कर्म करते जाइए फल जरूर मिलेगा
गीता में भी लिखा है,
जैसा कर्म करेगा वैसा फल देगा भगवान।
ये है गीता का ज्ञान ये है गीता का ज्ञान ।।।।।।।
बहुत बहुत धन्यवाद 🙏
Ele इंडिया न्यूज औऱ राष्ट्रीय विकास गति मासिक पत्रिका
ज़ाकिर खान के उज्जवल भविष्य की कामना करते है
फोन पर हुई चर्चा अनुसार ,
ज़ाकिर कहते हैं कि
जिंदगी तुझ से पाया बहुत है,
पर यार तूने रुलाया बहुत है.
मध्य प्रदेश स्टेट ब्यूरो चीफ प्रकाश बारोड़ और सहयोगी रईस खान की रिपोर्ट