मध्य प्रदेश में बारिश से अभी दो-तीन राहत नहीं मिलने वाली। पांच सिस्टम मध्यप्रदेश के मौसम को प्रभावित कर रहे हैं। रुक-रुककर बारिश का दौर जारी है। कहीं-कहीं ओले भी गिर रहे हैं। सोमवार को भी नौ जिलों में ओलावृष्टि और बिजली गिरने की प्रबल संभावना जताई जा रही है। दो-तीन दिन मौसम का मिजाज इसी तरह बना रह सकता है। इसके बाद तापमान में फिर उछाल आने की संभावना बन रही है।
मौसम केंद्र के मुताबिक बीते 24 घंटों के दौरान प्रदेश के नर्मदापुरम, उज्जैन, भोपाल संभाग के जिलों में अधिकांश स्थानों पर, जबलपुर, सागर, इंदौर तथा ग्वालियर संभागों के जिलों में अनेक स्थानों पर, शहडोल, चंबल, रीवा व संभागों के जिलों में कहीं-कहीं वर्षा दर्ज की गई। खजुराहो, खकनार, देपालपुर, बदरवास, बुरहानपुर, जावरा, सिलवानी में 3, नेपानगर, नवीबाग, आष्टा, कोलारस, मुलताई, नटेरन, मलाजखंड में 2 सेमी तक पानी गिरा है। खजुराहो में 33, मलाजखंड में 16.4, भोपाल में 10.4, खंडवा में 8.1, बैतूल में 6.8, गुना में 5.4, मंडला में 5.2, रतलाम में 5.0, सागर में 4.1, उज्जैन में 3.0, नर्मदापुरम में 1.6, सिवनी में 1.4, रायसेन में 1.4, दमोह में 1.0 और इंदौर में 0.2 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। अधिकतम तापमान उज्जैन संभाग के जिलों में काफी बढ़े, जबलपुर संभाग के जिलों में काफी गिरे।
अगले 24 घंटों का पूर्वानुमान कहता है कि भोपाल, शहडोल, जबलपुर, नर्मदापुरम, रीवा, सागर, ग्वालियर व चंबल संभागों के जिलों में कुछ स्थानों, इंदौर, उज्जैन संभागों के जिलों में कहीं-कहीं पर वर्षा या गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं। मौसम विभाग ने ऑरेंज और यलो अलर्ट भी जारी किए हैं। ऑरेंज अलर्ट बता रहा है कि शहडोल संभाग के जिलों में तथा मंडला, डिंडौरी, बालाघाट, नर्मदापुरम, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, सिंगरौली एवं सिवनी जिलों में कहीं-कहीं ओलावृष्टि एवं बिजली गिर सकती है। यलो अलर्ट के अनुसार सागर, भोपाल, उज्जैन, इंदौर, ग्वालियर, चंबल संभागों के जिलों में तथा जबलपुर, कटनी, बैतूल, हरदा, रीवा, सतना, सीधी जिलों में कहीं-कहीं बिजली गिरने की आशंका जताई गई है।
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार अलग-अलग स्थानों पर बने पांच वेदर सिस्टम के कारण प्रदेश में बादल छाए हुए हैं। रुक-रुककर वर्षा भी हो रही है। वर्तमान में एक पश्चिमी विक्षोभ जबलपुर के आसपास एक्टिव है। एक नया पश्चिमी विक्षोभ ईरान और अफगानिस्तान के बीच में हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात के रूप में बना हुआ है। राजस्थान के मध्य में हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। राजस्थान और उससे लगे पश्चिमी मध्य प्रदेश पर हवा के ऊपरी भाग में भी चक्रवात बना हुआ है। साथ ही इस चक्रवात से लेकर छत्तीसगढ़, ओडिशा होते हुए बंगाल की खाड़ी तक एक ट्रफ लाइन बनी हुई है। अलग-अलग स्थानों पर बनी इन पांच मौसम प्रणालियों के असर से अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से नमी आने का सिलसिला बना हुआ है। दो-तीन दिन मौसम का मिजाज इसी तरह बना रह सकता है।
विशेष रिपोर्ट-
प्रवीण यादव
सह-संस्थापक : ELE India News