मध्य प्रदेश के सीधी में हुए बस हादसे ने कम से कम 47 परिवारों को उजाड़ दिया है, जिनके अपने बस के साथ 20 फीट गहरी नहर में समा गए। 7 खुशकिस्मत मौत के मुंह से निकलने में कामयाब रहे तो 5 अब भी लापता हैं। हादसे के बाद चालक की गलती बताई गई। शॉर्टकट चुनने, संकरे रास्ते और ओवरटेकिंग जैसी वजहों को जिम्मेदार बताया गया तो अब पता चला है कि 32 सीटों वाली इस बस में 60 से अधिक लोग सवार थे। ओवरलोडिंग को लेकर अब प्रशासन पर भी सवाल उठ खड़ा हुआ है।
पुलिस ने बताया कि मिनी बस का चालक कूदने में कामयाब रहा और फरार हो गया, जबकि 5 और यात्री अभी लापता हैं। रेवा के आईजीपी उमेश जोगा ने कहा कि प्राइवेट ट्रेवल एजेंसी की बस में 60 से अधिक यात्री थे। बस की गति बहुत तेज थी और इस वजह से चालक ने नियंत्रण खो दिया और बस बाणसागर नहर में जा गिरी। जोगा ने आगे कहा, ”बाणसागर नहर में बहाव तेज होने की वजह से बचावकर्मियों को बस को तलाशने में तीन घंटे का समय लगा।”
आईजी ने बताया कि 37 शव बस के भीतर बरामद हुए तो 9 नहर में बह चुके थे। हादसे में 24 पुरुष, 21 महिलाएं और दो बच्चों की मौत हुई है, जोकि सीधी, सिंगरौली और सतना जिलों के रहने वाले थे। मारे गए लोगों में आधों की उम्र 20 से 30 के बीच है। ये सतना और रीवा में सरकारी नौकरी के लिए परीक्षा देने जा रहे थे।
सीधी के एसपी पंकज कुमावत ने कहा, ”शुरुआती जांच में पता चला कि चालक ने छुइहा घाटी में जाम होने की वजह से चालक ने शॉर्ट रूट अपनाया और एग्जाम के लिए लेट हो रहे परीक्षार्थी चालक से स्पीड बढ़ाने को कह रहे थे। इसी दौरान चालक ने बस से नियंत्रण खो दिया और यह नहर में जा डूबी।”
एसबी ने कहा, ” नहर के पास रहने वाली 17 साल की एक लड़की शिवरानी लोनिया और उसके भाई रामप्रसाद ने कम से कम 7 लोगों को नहर से निकालने में मदद की। लोनिया ने आसपास के लोगों को बताया कि बस नहर में गिर गई है। लोनिया ने मीडिया कर्मियों से बात करते हुए कहा, ”बस की स्पीड बहुत ज्यादा थी और चालक ने नियंत्रण खो दिया। बस के नहर में गिरने के बाद हम भी कूद गए और कुछ यात्रियों को बचा पाए। हादसे के बाद बस से निकले 7 लोगों को ही हम बचा सके।”
रीवा के डिवीजनल कमिश्नर राजेश जैन ने कहा, ”प्राइवेट ट्रेवल एजेंसी की 32 सीटों वाली बस में पांच दर्जन लोग थे। बस का परमिट कैंसल कर दिया गया है। मजिस्ट्रियल जांच का आदेश दिया गया है।” राज्य के परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने भी अलग से जांच का आदेश दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताते हुए मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपए सहायता राशि देने की घोषणा की है तो राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 5-5 लाख रुपए का मुआवजा देने का ऐलान किया है। लापता लोगों की तलाश अब भी जारी है और बाहर निकाले गए लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।