फ्रांस से उड़ान भरने के बाद तीन राफेल लड़ाकू विमानों की दूसरी खेप आज सीधे गुजरात के जामनगर एयरबेस पहुंची। देश को अभी तक दो खेपों में आठ राफेल लड़ाकू विमान मिले हैं। इससे भारतीय वायुसेना की ताकत में और इजाफा हो गया है। पांच राफेल विमानों की पहली खेप 29 जुलाई को भारत पहुंची थी। करीब चार साल पहले भारत ने फ्रांस सरकार के साथ 36 राफेल विमानों की खरीद के लिए 59,000 करोड़ रुपये का करार किया था।
भारतीय वायुसेना ने ट्वीट किया है, ”राफेल विमानों की दूसरी खेप चार नवंबर, 2020 को फ्रांस से उड़ान भरने के बाद बिना ठहरे शाम 8:14 बजे भारत पहुंची।”
The second batch of three Rafale aircraft got airborne from Istres airbase in France and flew for over eight hours before landing at an IAF base. They covered a distance of over 3700 nautical miles with three in-flight refuellings. pic.twitter.com/gHEixnMh2B
— Indian Air Force (@IAF_MCC) November 4, 2020
फ्रांस की एरोस्पेस कंपनी दसाल्ट एविएशन द्वारा निर्मित राफेल लड़ाकू विमान करीब ढाई दशक में भारत की सबसे बड़ी विमान खरीद हैं। इससे 23 साल पहले भारत ने रूस से सुखोई विमान खरीदे थे। हाल ही में वायुसेना में शामिल राफेल विमान पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में ड्यूटी पर हैं।
वायुसेना ने अपने लगभग सभी लड़ाकू विमानों जैसे सुखोई 30एमकेआई, जैगुआर और मिराज 2000 को पूर्वी लद्दाख और वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास विभिन्न एयरबेस में तैनात किया है। पहले खेप में आये राफेल विमानों को 10 सितंबर को वायुसेना में शामिल किया गया।
भारतीय वायुसेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर. के. एस. भदौरिया ने पांच अक्टूबर को कहा था कि सभी 36 राफेल विमानों को 2023 तक सेना में शामिल कर लिया जायेगा। राफेल लड़ाकू विमान परमाणु हथियारों को ले जाने की क्षमता रखते हैं। राफेल विमानों का पहला स्क्वाड्रन हरियाणा के अंबाला एयरबेस में हैं जबकि दूसरा पश्चिम बंगाल के हासिमारा में होगा।