कोरोना महामारी के बीच ब्लैक फंगस बीमारी भी तेजी से फैल रही है। यह फंगस इतना खतरनाक है कि इससे इंसान की आंखों की रोशनी तो खत्म हो ही सकती है, जान भी जान सकती है। पिछले साल दिसंबर में सबसे पहले दिल्ली में इसके केस सामने आए, फिर अहमदाबाद , राजस्थान, पंजाब समेत उत्तर भारत के कई राज्यों में इसके मामले मिलते गए। वहीं मध्यप्रदेश में ब्लैक फंगस तेजी से पैर पसार रहे हैं। भोपाल में करीब 100 मरीज सामने आ चुके हैं। ये एक फंगल बीमारी है, जो म्यूकरमायोसिस नाम के फंगाइल से पैदा होती है। ये ज्यादातर उन लोगों को होता है, जिन्हें पहले से कोई बीमारी हो या वो ऐसी दवा लेते हों जो इम्यूनिटी को कमजोर करती हो।
ब्लैक फंगस शरीर में कैसे पहुंचता है?
सांस के जरिए वातावरण में मौजूद फंगस हमारे शरीर में पहुंचते हैं। अगर शरीर में किसी तरह का कटा फटा है या घाव हो तो वहां से भी ये इंफेक्शन शरीर में फैल सकता है। अगर इसे शुरुआती दौर में पहचान नहीं की गई, तो जानलेवा साबित भी हो सकती है। आखों की रोशनी जा सकती है।
लक्षण होने पर क्या करें !
शरीर में अगर ब्लैक फंगस के लक्षण दिखे तो सबसे पहले डॉक्टर के पास जाकर इसकी जांच कराएं और डॉक्टरों की सलाह के हिसाब से दवा लें। दुकानदार से पूछकर इसकी दवा कतई ना खाएं। इससे इसके कई साइड इफेक्ट हो सकते हैं।
फंगस के लक्षण क्या हैं?
शरीर में अगर इंफेक्शन हैं तो चेहरे का एक तरफ से सूज जाना, सिरदर्द होना, नाक बंद होना, उल्टी आना, बुखार आना, चेस्ट पेन होना, साइनस कंजेशन, मुंह के ऊपर हिस्से या नाक में काले घाव होना, जो बहुत ही तेजी से गंभीर हो जाते हैं।
ये इंफेक्शन किन लोगों को होता है?
ये उन लोगों को होता है जो डायबिटिक हैं, जिन्हें कैंसर है, जिनका ऑर्गन ट्रांसप्लांट हुआ हो, जो लंबे समय से स्टेरॉयड ले रहे हों, जिन्हें कोई स्किन इंजरी हो, प्रिमेच्योर बेबी को भी ये हो सकता है। जिन लोगों को कोरोना हो रहा है, उनका भी इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है। अगर किसी हाई डायबिटिक मरीज को कोरोना हो जाता है तो उसका इम्यून सिस्टम और ज्यादा कमजोर हो जाता है। ऐसे लोगों में ब्लैक फंगस इंफेक्शन फैलने की आशंका और ज्यादा हो जाती है।
इससे कैसे बचें?
- निर्माणाधीन कार्य स्थल और धूल वाले इलाके में जाने से बचना चाहिए। साथ ही बेवजह घर से बाहर निकलने से बचें। जरूरी काम होने पर मास्क और चश्मा लगाकर ही बाहर निकले।