बिहार विधानसभा चुनाव कराने को लेकर हालत का जायजा लेने, फिर से बिहार दौरे पर जाएगी चुनाव आयोग की टीम

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बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर हलचल तेज हो गयी है। इस बारे में मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा है कि बिहार में दोबारा टीम भेजने पर अगले एक-दो दिनों में निर्णय लिया जाएगा। अब चुनाव आयोग की टीम एक बार फिर से बिहार में चुनाव कराने को लेकर समीक्षा करेगी। चुनाव समय पर हो या फिर इसको बढ़ाया जाए, इन तमाम चीजों की समीक्षा फिर से की जाएगी। ऐसे हालात में बिहार के राजनीतिक दलों की मिली जुली प्रतिक्रिया है। वहीं, राजनीति के जानकार भी अंतिम समय में चुनाव आयोग की टीम का आना गंभीर बता रहे हैं।

चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एक बार फिर से पूरे स्थिति का जायजा लेने का मन बनाया है। चुनाव आयोग के प्रमुख सुनील अरोड़ा ने साफ तौर पर कहा दो-तीन दिनों में वह खुद या फिर एक टीम बिहार दौरे पर जाएगी जो इस बात का जायजा लेगी कि कोरोना और बाढ़ को लेकर बिहार में क्या स्थिति है।

बिहार की बीजेपी चुनाव आयोग कि दोबारा समीक्षा को रूटीन मान रही है। बीजेपी के प्रदेश महामंत्री देवेश कुमार बताते हैं कि चुनाव आयोग का यह विशेषाधिकार है कि वह कई बार चीजों का समीक्षा कर सकती है। समीक्षा के बाद यदि चुनाव आयोग कोई भी फैसला लेता है तो बीजेपी उस फैसले के साथ है। वहीं जदयू के प्रदेश प्रवक्ता राजीव रंजन बताते हैं कि चुनाव आयोग विशेष तौर पर यह दौरे करती है। उनका विशेषाधिकार है। जदयू प्रवक्ता यह भी बताते हैं कि चुनाव समय पर हो इसके पक्ष में जेडीयू है। बिहार में कोरोना का कोई असर नहीं है। पिछले कई दिनों से इसकी संख्या काफी कम हुई है। चुनाव आयोग जो फैसला लेगी जेडीयू उसके साथ है।

चुनाव आयोग के इस दौरे को लेकर बिहार की विपक्षी पार्टी एक बार फिर से अपनी बातों को दोहराने लगी है। आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी बताते हैं कि चुनाव आयोग को जो फैसला लेना है वह ले। चुनाव आयोग स्वतंत्र है। लेकिन साथ ही मृत्यंजय तिवारी अपनी पुरानी बातों को भी याद दिलाते हैं कि विपक्षी पार्टियों ने चुनाव आयोग को लिखित दिया था कि इस कोरोना संकट में चुनाव कराना मुश्किल है। इसमें लोगों की भागीदारी कम होगी। जो राजनीतिक पार्टियां है वह चुनाव प्रचार नहीं कर पाएगी। आयोग अगर चुनाव कराने के पक्ष में फैसला लेता है तो उन्हें यह भी पुख्ता करना चाहिए चुनाव में ज्यादा से ज्यादा लोग शामिल हों। वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर कहते हैं कि चुनाव आयोग स्वतंत्र है। लेकिन चुनाव आयोग विपक्ष की बात को नहीं सुनता है । विपक्ष ने लगातार चुनाव आयोग के सामने बिहार की स्थिति को रखा है।

चुनाव आयोग के इस फैसले के बाद बिहार के राजनीति के जानकार इसे गंभीरता से ले रहे हैं । वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय बताते हैं कि बिहार में सिर्फ कोरोना कि समीक्षा ही नहीं करनी है, बाढ़ भी बड़ी समस्या है। ऐसे हालात में चुनाव आयोग सभी डीएम से इसका फीडबैक लेगा कि कोरोना में लोग कैसे सुरक्षित तरीके से वोट करें। इसकी जानकारी ली जाएगी कोरोना संक्रमित लोगों के लिए क्या व्यवस्था होगी? बाढ़ की स्थिति सामान्य हुई या नही? इन तमाम बिंदुओं पर चुनाव आयोग एक बार फिर से समीक्षा करेगा। वरिष्ठ पत्रकार अरुण पांडे बताते हैं कि जिस तरह से पूरे देश में कोरोना का संक्रमण बड़ा है उसके बावजूद बिहार में कोरोना घटा है। इस स्थिति को लेकर चुनाव आयोग दुविधा में है और इसकी जमीनी हकीकत को जानने के लिए चुनाव आयोग ने फिर से समीक्षा का निर्णय लिया है।

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