बिहार में अहम दिन- RJD का 25 वां स्थापना दिवस, तो चिराग पासवान की आशीर्वाद यात्रा

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बिहार की राजनीति में आज का दिन काफी अहम है। राष्‍ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव करीब साढ़े तीन साल बाद पार्टी के 25वें स्‍थापना दिवस समारोह को संबोधित करेंगे। वहीं, चिराग पासवान आज पिता रामविलास पासवान की जयंती के अवसर पर आशीर्वाद यात्रा निकालेंगे। चिराग को अपने पाले में करने के लिए आरजेडी भी रामविलास पासवान की जयंती मना रहा है। बताया जाता है कि एलजेपी के विवाद पर चुप्‍पी साधी भाजपा चिराग की यात्रा को मिले जनसमर्थन को आंक कर अपनी भावी रणनहति तय करेगी। अगर बीजेपी चिराग को समर्थन देती है तो इसपर मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार की कड़ी प्रतिक्रिया की भी आशंका है।

आरजेडी स्‍थापना दिवस कार्यक्रम

5 जुलाई यानि आज आरजेडी अपना 25वां स्‍थापना दिवस मना रहा है। माना जा रहा था कि इसमें शिरकत होने के लिए लालू प्रसाद यादव दिल्‍ली से पटना आएंगे, लेकिन बीमारी को देखते हुए फिलहाल वे दिल्‍ली में ही रहेंगे। वे दिल्ली से ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्‍यम से समारोह को संबोधित करेंगे। चारा घोटाला में लंबे समय तक जेल में रहने के बाद लालू कुछ महीने पहले ही जमानत पर रिहा होकर बाहर आए हैं। इसके बाद यह उनका पहला सार्वजनिक संबोधन होगा जिसपर सभी की निगाहें टिकीं हैं।

वहीं, लालू के इस सार्वजनिक अवतरण से आरजेडी को बल मिलेगा, यह तय है। लालू के मार्गदर्शन में पार्टी आगे की लड़ाई और तेज करेगी। लालू के बेटे व पिता की गैर-मौजूदगी में पार्टी की कमान संभाले तेजस्वी यादव कहते हैं कि लालू प्रसाद को प्रताड़ित किए जाने के बावजूद पार्टी ने अपनी नीतियों तथा सामाजिक न्याय व धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों से समझौता नहीं किया। यह जंग आगे भी जारी रहेगी। तेजस्वी यादव की बातों से स्‍पष्‍ट है कि आगे कोशिश पार्टी और महागठबंधन को एकजुट रखते हुए बिहार की सियासत में और लालू के बल के साथ और आक्रम‍क होने की है।

चिराग पासवान की आशीर्वाद यात्रा

एलजेपी के लिए भी आज का दिन बेहद अहम है। दो-फाड़ हो चुकी पार्टी पर चिराग पासवान की पकड़ कितनी गहरी है, यह आज की उनकी आशीर्वाद यात्रा से साफ हो जाएगा। रामविलास पासवान की विरासत की इस जंग में उनकी जयंती के अवसर पर बेटे चिराग यात्रा के माध्‍यम से सहानुभूति बटोरने के साथ जमीनी शक्ति का भी प्रदर्शन करेंगे। रामविलास पासवान की विरासत पर दावा में पार्टी का दूसरा गुट भी भला पीछे क्‍यों रहता? एलजेपी के पारस गुट के अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस भी पांच जुलाई को पटना में अपनी ताकत का एहसास कराने के लिए बड़ा आयोजन करने की तैयारी में जुटे हैं।

इसके अलावा एक बात और महत्‍वपूर्ण यह है कि एलजेपी को लेकर बीजेपी की नीति का बिहार एनडीए के साथ महागठबंधन पर भी पर गहरा असर पड़ना तय है। ये चिराग ही हैं, जिन्‍होंने एनडीए में रहते हुए बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार व उनके जनता दल यूनाइटेड का विरोध कर पार्टी को तीसरे नंबर पर धकेलने में अहम भूमिका निभाई थी। ऐसे में अगर बीजेपी ने चिराग को समर्थन दिया तो मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार इसे कहां तक बर्दाश्‍त कर पाएंगे, यह बड़ा सवाल है। उधर, बीजेपी का समर्थन नहीं मिलने पर चिराग अकेले रहने या महागठबंधन का बुलावा स्‍वीकार करने का फैसला ले सकते हैं।

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