प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 100वीं किसान रेल को दिखाई हरी झंडी, कहा- सप्लाई चेन की बढ़ेगी ताक़त

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को 100वीं किसान रेल को हरी झंडी दिखाई. ये किसान महाराष्ट्र के संगोला से पश्चिम बंगाल के शालीमार तक चलेगी. पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इसकी शुरुआत की. इस मौके पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल भी मौजूद रहे. पीएम मोदी ने कहा कि ये काम किसानों की सेवा के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दिखाता है.

पीएम मोदी ने कहा कि किसान रेल सेवा, देश के किसानों की आमदनी बढ़ाने की दिशा में भी एक बहुत बड़ा कदम है. इससे खेती से जुड़ी अर्थव्वस्था में बड़ा बदलाव आएगा. इससे देश की कोल्ड सप्लाई चेन की ताकत भी बढ़ेगी. उन्होंने कहा, ”मैं देश के करोड़ों किसानों को बधाई देता हूं. कोविड-19 की चुनौती के बावजूद पिछले चार महीनों में किसान रेल नेटवर्क का विस्तार हुआ है और इसे अब 100 वीं रेल मिल गई है.”

इसके साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि ये काम किसानों की सेवा के लिए हमारी प्रतिबद्धता को दिखाता है. लेकिन ये इस बात का भी प्रमाण है कि हमारे किसान नई संभावनाओं के लिए कितनी तेजी से तैयार हैं. किसान, दूसरे राज्यों में भी अपनी फसलें बेच सकें, उसमें किसान रेल और कृषि उड़ान की बड़ी भूमिका है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि किसान रेल चलता फिरता कोल्ड स्टोरेज भी है. इसमें फल हो, सब्ज़ी हो, दूध हो, मछली हो, यानि जो भी जल्दी खराब होने वाली चीजें हैं, वो पूरी सुरक्षा के साथ एक जगह से दूसरी जगह पहुंच रही हैं.

पीएम मोदी ने कहा कि अब किसान रेल जैसी सुविधा से पश्चिम बंगाल के लाखों छोटे किसानों को एक बहुत बड़ा विकल्प मिला है और ये विकल्प किसान के साथ ही स्थानीय छोटे-छोटे व्यापारी को भी मिला है. वो किसान से ज्यादा दाम में ज्यादा माल खरीदकर किसान रेल के ज़रिए दूसरे राज्यों में बेच सकते हैं.

इसके अलावा उन्होंने कहा कि कृषि से जुड़े एक्सपर्ट्स और दुनिया भर के अनुभवों और नई टेक्नॉलॉजी का भारतीय कृषि में समावेश किया जा रहा है. स्टोरेज से जुड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर हो या फिर खेती उत्पादों में वैल्यू एडिशन से जुड़े प्रोसेसिंग उद्योग, ये हमारी सरकार की प्राथमिकता हैं.

प्रधानमंत्री ने कहा कि पीएम कृषि संपदा योजना के तहत मेगा फूड पार्क्स, कोल्ड चेन इंफ्रास्ट्रक्चर, एग्रो प्रोसेसिंग क्लस्टर, ऐसे करीब साढ़े 6 हजार प्रोजेक्ट स्वीकृत किए गए हैं. आत्मनिर्भर अभियान पैकेज के तहत माइक्रो फूड प्रोसेसिंग उद्योगों के लिए 10 हज़ार करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं.

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