“प्रधानमंत्री अडानी के मुद्दे से डरे हुए हैं, देखते हैं संसद में बोलने देंगे या नहीं” -राहुल गांधी

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी आज संसद पहुंचे। यहां उन्होंने लोकसभा की कार्यवाही में भाग भी लिया। हालांकि, भाजपा और विपक्ष के बीच टकराव के चलते सदन की कार्यवाही स्थगित हो गई, जिसकी वजह से राहुल को बोलने का मौका भी नहीं मिला।

गौरतलब है कि भाजपा ने उन पर लंदन में देश विरोधी बयान देने का आरोप लगाया है। इस पर राहुल ने कहा है कि अगर सभापति ने उन्हें मौका दिया तो वे मामले पर जरूर बोलेंगे। इसी मांग के साथ बाद में राहुल ने लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला से मुलाकात भी की। 

उम्मीद है कि कल मुझे संसद में बोलने दिया जाएगा: राहुल
उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि कल मुझे संसद में बोलने दिया जाएगा। आज मेरे पहुंचने के एक मिनट के अंदर ही सदन स्थगित हो गया था। कुछ दिन पहले सदन में जो मैंने भाषण दिया। अदाणी को लेकर जो सवाल उठाए गए उसे हटा दिया गया। पूरे भाषण को ही हटा दिया गया। सरकार हंगामा कर के मामले से ध्यान हटाना चाहती है।

सरकार के चार मंत्रियों ने मुझ पर आरोप लगाए: राहुल
राहुल ने कहा कि सरकार के चार मंत्रियों ने हंगामे का नेतृत्व किया। यह सब मेरे सवालों के जवाब देने से बचने के लिए किया जा रहा है। मैं सांसद हूं तो मेरी पहली जिम्मेदारी संसद में जवाब देने की है। इसलिए पहले मैं संसद में जवाब दूंगा, उसके बाद ही आपसे रूबरू होऊंगा और विस्तार से बात करूंगा।

अदाणी पर सवाल उठाए इसलिए हंगामा: कांग्रेस सांसद
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि आज मेरे पहुंचने के एक मिनट बाद सदन को स्थगित कर दिया गया। कुछ दिन पहले जो मैंने सदन में नरेंद्र मोदी और अदाणी के रिश्ते पर जो भाषण दिया, उसे सदन की कार्रवाई से हटा दिया गया। वह भाषण ही हटा दिया गया था। भाषण में ऐसा कुछ भी नहीं था, जिसे मैंने सार्वजनिक रिकॉर्ड से न निकाला हो। 

सरकार और प्रधानमंत्री डरे हुए हैं: राहुल
राहुल गांधी ने कहा कि सरकार और प्रधानमंत्री अदाणी मामले को लेकर डरे हुए हैं, इसलिए उन्होंने यह ‘तमाशा’ तैयार किया है। मुझे लगता है कि मुझे संसद में बोलने नहीं दिया जाएगा। मुख्य सवाल यह है कि पीएम मोदी और अदाणी के बीच क्या संबंध है।

राहुल बोले- यह लोकतंत्र की परीक्षा
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि जैसा कि संसद में आरोप लगाए गए हैं, ऐसे में बोलने का अवसर मिलना मेरा लोकतांत्रिक अधिकार है। अगर भारतीय लोकतंत्र काम कर रहा होता तो मैं संसद में बोल पाता। वास्तव में आप जो देख रहे हैं वह भारतीय लोकतंत्र की परीक्षा है।

विशेष रिपोर्ट-
अजीत राय ‘विश्वास’
चीफ एडवाइजर- ELE India News

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