प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि आपस में जुड़ी हुई दुनिया में आपदाओं का प्रभाव केवल स्थानीय नहीं होगा। बल्कि एक क्षेत्र में आई आपदा का प्रभाव पूरी तरह से दूसरे क्षेत्र पर पड़ेगा। इसलिए, हमारी प्रतिक्रिया एकीकृत होनी चाहिए, अलग-थलग नहीं। दरअसल, पीएम मोदी आपदा प्रतिरोधी अवसंरचना 2023 (सीडीआरआई) पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संबोधित कर रहे थे।
40 से अधिक देश सीडीआरआई का हिस्सा
उन्होंने इस दौरान कहा कि यह भी उत्साहजनक है कि सिर्फ सरकारें ही इसमें शामिल नहीं हैं, बल्कि वैश्विक संस्थाएं और निजी क्षेत्र भी बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। कुछ ही वर्षों में, 40 से अधिक देश सीडीआरआई का हिस्सा बन गए हैं। इस प्रकार यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बनता जा रहा है।
My remarks at the International Conference on Disaster Resilient Infrastructure. https://t.co/OEjO3fww7n
— Narendra Modi (@narendramodi) April 4, 2023
सोशल और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर भी महत्वपूर्ण
उन्होंने आगे कहा कि उन्नत अर्थव्यवस्थाएं और विकासशील अर्थव्यवस्थाएं, छोटे देश और बड़े देश, वैश्विक उत्तर और वैश्विक दक्षिण इस मंच पर एक साथ आ रहे हैं। इन्फ्रास्ट्रक्चर को किसी को भी पीछे नहीं छोड़ना चाहिए और संकट के समय में भी लोगों की सेवा करनी चाहिए। सोशल और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर जितना ही महत्वपूर्ण है।
90 विशेषज्ञ शामिल
भारत की अगुवाई वाला सीडीआरआई नयी दिल्ली में आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे पर दो दिवसीय सम्मेलन आयोजित कर रहा है। इस प्रमुख वार्षिक कार्यक्रम में 20 से ज्यादा देशों से 50 वैश्विक संगठनों, निजी क्षेत्र और शिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधि के तौर पर लगभग 90 विशेषज्ञ शामिल हैं। इसमें अधिक मजबूत दुनिया के लिए संभावित समाधानों को बढ़ाने और आपदा एवं जलवायु अनुकूल उद्देश्यों की सुविधा पर ध्यान केंद्रित किया जाना है।
विशेष रिपोर्ट-
प्रवीण यादव
सह-संस्थापक : ELE India News