प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 75वें सत्र को संबोधित करते हुए कई अहम बातें कही है। प्रधानमंत्री ने कोरोना वैक्सीन से लेकर भारत के विकास, महिला सशक्तीकरण पर अपनी बात रखी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए बदलाव की ज़रूरत पर जोर दिया है।
उन्होंने कहा, “पिछले 8-9 महीने से पूरा विश्व कोरोना वैश्विक महामारी से संघर्ष कर रहा है. इस वैश्विक महामारी से निपटने के प्रयासों में संयुक्त राष्ट्र कहां है? एक प्रभावशाली रिस्पॉन्स कहां है?”
“विश्व के सबसे बड़े वैक्सीन उत्पादक देश के तौर पर आज मैं वैश्विक समुदाय को एक और आश्वासन देना चाहता हूं। भारत की वैक्सीन प्रोडक्शन और वैक्सीन डेलिवरी क्षमता पूरी मानवता को इस संकट से बाहर निकालने के लिए काम आएगी।
“महामारी के इस मुश्किल समय में भी भारत के दवा उद्योग ने 150 से अधिक देशों को जरूरी दवाइयां भेजीं हैं।”
भारत के लिए यूएन में बड़ी भूमिका के लिए तार्किक माँग रखी
संयुक्त राष्ट्र में दिए अपने भाषण में पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र में भारत की बड़ी भूमिका बेहतर बनाने की बात की। उन्होंने कहा, “भारत के लोग संयुक्त राष्ट्र के सुधार को लेकर जो प्रक्रिया चल रही है, उसके पूरा होने का लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं। भारत के लोग चिंतित हैं कि क्या ये प्रक्रिया कभी तार्किक अंत तक पहुंच पाएगी। आखिर कब तक भारत को संयुक्त राष्ट्र के निर्णय लेने की व्यवस्था से अलग रखा जाएगा।”
Reforms in @UN are the need of the hour.
130 crore Indians have great respect for the UN but they have also been waiting since long for the reform process in the UN to reach its logical end.
Till when can a nation like India be kept away from UN’s decision making structures? pic.twitter.com/5m1fcCGflv
— Narendra Modi (@narendramodi) September 26, 2020
“एक ऐसा देश, जो दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, एक ऐसा देश, जहां विश्व की 18 प्रतिशत से ज्यादा जनसंख्या रहती है, एक ऐसा देश, जहां सैकड़ों भाषाएं हैं, सैकड़ों बोलियां हैं, अनेकों पंथ हैं, अनेकों विचारधाराएं हैं।”
“भारत ने 50 पीसकीपिंग मिशन में जांबाज़ सैनिक भेजे। भारत ने सबसे ज़्यादा अपने वीर सैनिकों को खोया है. संयुक्त राष्ट्र में अपने योगदान को देखते हुए अपनी भूमिका भी देख रहा है।”
“जिस देश ने वर्षों तक वैश्विक अर्थव्यवस्था का नेतृत्व करने और वर्षों की गुलामी, दोनों को जिया है, जिस देश में हो रहे परिवर्तनों का प्रभाव दुनिया के बहुत बड़े हिस्से पर पड़ता है, उस देश को आखिर कब तक इंतजार करना पड़ेगा?”
“विश्व के सब से बड़े लोकतंत्र होने की प्रतिष्ठा और इसके अनुभव को हम विश्व हित के लिए उपयोग करेंगे। हमारा मार्ग जनकल्याण से जगकल्याण का है। भारत की आवाज़ हमेशा शांति, सुरक्षा, और समृद्धि के लिए उठेगी।”
पीएम मोदी ने गिनाई उपलब्धियां
पीएम मोदी ने जनरल एसेंबली के मंच पर भारत की कई उपलब्धियां गिनाई। उन्होंने कहा, “400 मिलियन लोगों को बैंकिंग व्यवस्था से जोड़ कर भारत ने कर दिखाया। 600 मिलियन लोगों को खुले में शौच से मुक्त कर के दिखाया।”
“सिर्फ 4-5 साल में 400 मिलियन से ज्यादा लोगों को बैंकिंग सिस्टम से जोड़ना आसान नहीं था, लेकिन भारत ने ये करके दिखाया। सिर्फ 4-5 साल में 600 मिलियन लोगों को खुले में शौच से मुक्त करना आसान नहीं था, लेकिन भारत ने ये करके दिखाया।”
“आज भारत अपने गांवों के 150 मिलियन घरों में पाइप से पीने का पानी पहुंचाने का अभियान चला रहा है। कुछ दिन पहले ही भारत ने अपने 6 लाख गांवों को ब्रॉडबैंड ऑप्टिकल फाइबर से कनेक्ट करने की बहुत बड़ी योजना की शुरुआत की है।”
उन्होंने कहा कि ने महिला उद्यमियों को बढ़ावा देने के लिए बड़े स्तर पर प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “भारत उन देशों में से एक है जहां महिलाओं को 26 हफ्ते की पेड मैटरनिटी छुट्टी दी जा रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत पूरे विश्व को एक परिवार मानता है और यह उसकी संस्कृति, संस्कार और सोच का हिस्सा है। उन्होंने कहा, ”संयुक्त राष्ट्र में भी भारत ने हमेशा विश्व कल्याण को ही प्राथमिकता दी है।