पीएम मोदी और राहुल गांधी बिहार चुनाव प्रचार में आमने-सामने

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बिहार चुनाव-2020 के लिए शुक्रवार को अपने-अपने प्रचार अभियानों की शुरुआत की और लद्दाख में चीनी घुसपैठ के आरोपों को लेकर एक-दूसरे पर निशाना साधते हुए इसे जवानों और उनके परिजनों का ‘अपमान’ करार दिया. अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान समाप्त करने और कृषि क्षेत्र सुधार कानून के साथ ही राज्य में राजद के 15 वर्ष के शासन के दौरान ‘जंगलराज’ और प्रवासी संकट और बेरोजगारी का मुद्दा भाषणों में प्रमुखता से छाया रहा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डेहरी आन सोन, गया और भागलपुर में एक के बाद एक रैलियों को संबोधित करते हुए विपक्ष पर अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान समाप्त किये जाने और गलवान घाटी में भारतीय एवं चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प पर उसके रुख को लेकर हमला बोला. गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प राज्य के लिए एक भावनात्मक मुद्दा है क्यों इसमें बिहार रेजीमेंट के कई सैनिक शहीद हो गए थे. मोदी ने अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान समाप्त करने का मुद्दा उठाया, जिसके तहत जम्मू-कश्मीर के तत्कालीन राज्य का विशेष दर्जा समाप्त कर दिया गया था.

पीएम मोदी ने 370 को लेकर विपक्ष पर साधा निशाना
उन्होंने कहा, ‘आप मुझे बताएं, क्या देश अनुच्छेद 370 के खत्म होने का इंतजार नहीं कर रहा था? जब राजग सरकार ने ऐसा किया, तो वे सत्ता में वापस आने पर प्रावधान बहाल करने की बात कर रहे हैं.’ उन्होंने रोहतास जिले में डेहरी आन सोन में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘अभी भी उनके पास बिहार में आने और वोट मांगने का साहस है जो अपने बेटों और बेटियों को राष्ट्र की रक्षा के लिए भेजता है. क्या यह बिहार के लोगों का अपमान नहीं है?’ गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ झड़प का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि बिहार के बेटों ने तिरंगे के लिए अपने जीवन को न्यौछावर कर दिया, लेकिन ‘भारत माता का सिर झुकने नहीं दिया.’
राहुल गांधी ने पलटवार करते हुए प्रधानमंत्री पर अपनी इस टिप्पणी से सैनिकों का ‘अपमान’ करने का आरोप लगाया कि भारत में कोई चीनी घुसपैठ नहीं हुई. गांधी ने नवादा जिले के हिसुआ में एक रैली को संबोधित करते हुए लद्दाख में चीनी सेना की घुसपैठ को लेकर प्रधानमंत्री पर तीखा हमला बोला. उन्होंने दावा किया कि चीन ने हिंदुस्तान की ‘1200 वर्ग किलोमीटर’ जमीन अपने कब्जे में ले रखी है.

राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री को घेरने का प्रयास करते हुए आरोप लगाया, ‘ चीन की सेना हिंदुस्तान की सीमा के अंदर है. सवाल ये है कि जब चीनी सैनिक हमारी जमीन के अंदर आए, तो हमारे प्रधानमंत्री ने हमारे वीरों का अपमान करते हुए यह क्यों बोला कि हिंदुस्तान के अंदर कोई नहीं आया?’ कांग्रेस नेता ने लोगों से कहा कि वे (प्रधानमंत्री) आज कहते हैं कि वे सिर झुकाते हैं ‘लेकिन तब हिंदुस्तान की सेना का अपमान नरेंद्र मोदी जी ने किया, जब उन्होंने देश को झूठ बोला कि चीन का कोई भी सैनिक हिंदुस्तान के अंदर नहीं आया.’

राहुल गांधी ने चीन को लेकर पीएम मोदी पर साधा निशाना
उन्होंने कहा, ‘आप किसी भी सेना के जवान से पूछे और वह आपको बताएगा कि आज चीनी सेना उस क्षेत्र में खड़ी है, जहां हम पहले गश्त करते थे. हमारी जमीन हमसे छीन ली गई है.’ उन्होंने सवाल किया, ‘सवाल यह है कि मोदी जी, आप हमारे क्षेत्र में बैठे चीनी सैनिकों को कब बाहर निकालेंगे?’ प्रधानमंत्री ने अपने भाषणों में अपनी सरकार द्वारा लागू किए गए कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ विपक्ष को उनके आंदोलन पर आड़े हाथों लेते हुए कहा, ‘वास्तव में विरोध प्रदर्शनों का उद्देश्य न्यूनतम समर्थन मूल्य व्यवस्था और कृषि ‘मंडियों’ की आड़ में बिचौलियों और दलालों को “बचाना” है.’

मोदी ने कहा कि राफेल लड़ाकू विमान खरीदे जाने पर भी उन्होंने बिचौलियों और दलालों की भाषा बोली थी. मोदी ने कहा कि भारत ने जो फैसले किये हैं उनसे वह पीछे नहीं हटेगा. राहुल गांधी ने कहलगांव में एक रैली में फिर से प्रहार किया और कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किसानों और मध्यम एवं छोटे व्यवसायों की रीढ़ तोड़ दी है. उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने बिहार में मंडी प्रणाली और एमएसपी शासन को पहले ही समाप्त कर दिया है और अब वे देश भर में ऐसा कर रहे हैं. वह (मोदी) लाखों लोगों को बेरोजगार करने जा रहे हैं.’’

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘नरेंद्र मोदी, जो खुद को राष्ट्रवादी और देशभक्त कहते हैं, ने पिछले छह वर्षों में देश को कमजोर कर दिया है. हिंदुस्तान आज कमजोर है. इसकी अर्थव्यवस्था खस्ताहाल है, किसानों पर अत्याचार किया जा रहा है, छोटे दुकानदार परेशान हैं. इसलिए चीन ने भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की है.’’ उन्होंने प्रवासी मजदूरों का भावनात्मक मुद्दा भी उठाया जो लॉकडाउन के दौरान दूसरे राज्यों में अपने काम करने के स्थान से वापस लौटे. उन्होंने कहा, ‘‘बिहार के मजदूरों को दिल्ली और अन्य राज्यों से भगाया गया था. वे पैदल आए. जब आप भूखे-प्यासे चल रहे थे, तो क्या मोदी ने आपकी मदद की? क्या उन्होंने बिहार के मजदूरों की मदद की?’’

गांधी ने आरोप लगाया, ‘‘वे मजदूरों के सामने झुकते हैं, लेकिन जरूरत पड़ने पर उनकी मदद नहीं करते हैं. जब आप भूखे थे और हजारों किलोमीटर दूर अपने घरों की ओर चल रहे थे, तो मोदी ने आपको ट्रेन या बसों की पेशकश नहीं की. वह आपके सामने झुकेंगे लेकिन अंबानी और अडाणी के लिए काम करेंगे.’’ चुनाव भाषण में बेरोजगारी एक और प्रमुख मुद्दा है. प्रधानमंत्री ने अपने भाषणों में विपक्ष के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव पर महागठबंधन द्वारा 10 लाख सरकारी नौकरियों देने के उनके वादे को लेकर निशाना साधा और सवाल किया, ‘‘क्या वे लोग रोजगार सृजन सुनिश्चित कर सकते हैं जो लोग सरकारी नौकरियों को रिश्वत लेने के साधन के रूप में देखते हैं?’’

गांधी ने पलटवार करते हुए कहा कि अगले पांच वर्षों में बिहार में 19 लाख नौकरियां सृजित करने का भाजपा का वादा लोगों के बैंक खातों में 15 लाख रुपये जमा करने के उसके वादे की तरह है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘आपने पिछले चुनाव से पहले दो करोड़ नौकरियों का वादा किया था. क्या आपने वह वादा पूरा किया? नहीं.’’ मोदी ने बिहार में राजद के 15 साल के कार्यकाल की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘बिहार के लोग उस युग को नहीं भूल सकते जब सूरज डूबने के बाद जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता था. आज सड़क, बिजली और लाइट है. सबसे बड़ी बात यह है कि राज्य में एक आम आदमी बिना किसी डर के रह सकता है.’’

राजद का नाम लिए बिना, मोदी ने पार्टी पर तीखे हमले किए और युवा मतदाताओं से ‘‘1990 के दशक की अराजकता’’ से सावधान रहने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि बिहार में अब बिजली है, इसे ‘‘लालटेन की ज़रूरत नहीं है.’’ उल्लेखनीय है कि लालू प्रसाद की पार्टी राजद का चुनाव चिन्ह लालटेन है. मोदी ने आरोप लगाते हुए कहा कि लोग वे दिन नहीं भूल सकते, जब सरकार चलाने वालों की निगरानी में दिन-दहाड़े डकैती होती थी, हत्याएं होती थीं और रंगदारी वसूली जाती थी. यह वह दौर था, जब लोग गाड़ी इसलिए नहीं खरीदते थे, ताकि एक राजनीतिक पार्टी के कार्यकर्ताओं को उनकी कमाई का पता न चल जाए.

मोदी ने कांग्रेस का नाम लिये बिना उस पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि एक पार्टी के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार ने बिहार का विकास बाधित किया. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘दस साल तक उन्होंने राज्य के लोगों पर बिहार में अपनी हार पर गुस्सा निकाला. उन्होंने नीतीश कुमार के 10 साल बर्बाद कर दिए और उन्हें काम नहीं करने दिया.’’

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