पीएम नरेन्द्र मोदी ने किया नए संसद भवन निर्माण का भूमि पूजन, जानिए पीएम के भाषण की 10 बड़ी बातें

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नए संसद भवन के निर्माण के लिए आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूमि पूजन किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नये संसद भवन के शिलान्यास को ऐतिहासिक और भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में मील का पत्थर बताते हुए कहा कि नया भवन आत्मनिर्भर भारत के निर्माण का गवाह बनेगा और 21वीं सदी के भारत की आकांक्षाएं पूरी करेगा। भूमि पूजन के अवसर पर बोले हुए पीएम मोदी ने कहा कि हम भारत के लोग मिलकर अपनी संसद के इस नए भवन को बनाएंगे। पीएम मोदी ने कहा कि और इससे सुंदर क्या होगा, इससे पवित्र क्या होगा कि जब भारत अपनी आजादी के 75 वर्ष का पर्व मनाए, तो उस पर्व की साक्षात प्रेरणा, हमारी संसद की नई इमारत बने।

नए संसद भवन का भूमि पूजन कर शिलान्यास करने के बाद प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि नये संसद भवन का निर्माण समय और जरूरतों के अनुरूप परिवर्तन लाने का प्रयास है और आने वाली पीढ़ियां इसे देखकर गर्व करेंगी कि यह स्वतंत्र भारत में बना है। पीएम मोदी ने कहा कि पुराने संसद भवन ने स्वतंत्रता के बाद के भारत को दिशा दी तो नया भवन आत्मनिर्भर भारत के निर्माण का गवाह बनेगा। पुराने संसद भवन में देश की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए काम हुआ तो नये भवन में 21वीं सदी के भारत की आकांक्षाएं पूरी की जाएंगी।

बता दें कि इस कार्यक्रम में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता, केंद्रीय मंत्रियों और कई देशों के राजदूत शामिल हुए हैं। भूमि पूजन के बाद 1:30 बजे सर्वधर्म प्रार्थना हुई। नया संसद भवन कई मायने में खास बनने जा रहा है। इसे बनाने में 900 करोड़ से अधिक रुपए खर्च होंगे। नए संसद भवन को प्रदूषण मुक्त और पेपरलेस ऑफिस से सुसज्जित किया जाएगा। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा आज के दिन को गौरवशाली बताया है।

पीएम मोदी ने कहा कि मैं अपने जीवन में वो क्षण कभी नहीं भूल सकता जब 2014 में पहली बार एक सांसद के तौर पर मुझे संसद भवन में आने का अवसर मिला था। तब लोकतंत्र के इस मंदिर में कदम रखने से पहले, मैंने सिर झुकाकर, माथा टेककर, लोकतंत्र के इस मंदिर को नमन किया था।

पीएम मोदी के भाषण की 10 बड़ी बातें

– हमें संकल्प लेना है…ये संकल्प हो India First का। हम सिर्फ और सिर्फ भारत की उन्नति, भारत के विकास को ही अपनी आराधना बना लें। हमारा हर फैसला देश की ताकत बढ़ाए। हमारा हर निर्णय, हर फैसला, एक ही तराजू में तौला जाए। और वो है- देश का हित सर्वोपरि।

– हम भारत के लोग, ये प्रण करें- हमारे लिए देश के संविधान की मान-मर्यादा और उसकी अपेक्षाओं की पूर्ति, जीवन का सबसे बड़ा ध्येय होगी।

– हम गर्व से कह सकते हैं कि हमारे देश ने उन आशंकाओं को न सिर्फ गलत साबित किया, बल्कि 21वीं सदी की दुनिया भारत को अहम लोकतांत्रिक ताकत के रूप में आगे बढ़ते देख रही है।

– आजादी के समय किस तरह से एक लोकतांत्रिक राष्ट्र के रूप में भारत के अस्तित्व पर संदेह जताया गया था। अशिक्षा, गरीबी, सामाजिक विविधता सहित कई तर्कों के साथ ये भविष्यवाणी कर दी गई थी कि भारत में लोकतंत्र असफल हो जाएगा।

– भारत के लिए लोकतंत्र जीवन मूल्य है, जीवन पद्धति है, राष्ट्र जीवन की आत्मा है। भारत का लोकतंत्र, सदियों के अनुभव से विकसित हुई व्यवस्था है। भारत के लिए लोकतंत्र में, जीवन मंत्र भी है, जीवन तत्व भी है और साथ ही व्यवस्था का तंत्र भी है।

– जैसे आज इंडिया गेट से आगे नेशनल वॉर मेमोरियल ने नई पहचान बनाई है, वैसे ही संसद का नया भवन अपनी पहचान स्थापित करेगा। आने वाली पीढ़ियां नए संसद भवन को देखकर गर्व करेंगी कि ये स्वतंत्र भारत में बना है। आजादी के 75 वर्ष का स्मरण करके इसका निर्माण हुआ है।

– पुराने संसद भवन ने स्वतंत्रता के बाद के भारत को दिशा दी, तो नया भवन आत्मनिर्भर भारत के निर्माण का गवाह बनेगा। पुराने भवन में देश की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए काम हुआ, तो नए भवन में 21वीं सदी के भारत की आकांक्षाएं पूरी की जाएंगी।

– वर्षों से नए संसद भवन की जरूरत महसूस की गई है। ऐसे में हम सभी का दायित्व है कि 21वीं सदी के भारत को एक नया संसद भवन मिले। इसी कड़ी में ये शुभारंभ हो रहा है।

– पीएम मोदी ने कहा कि हमारे वर्तमान संसद भवन ने आजादी के आंदोलन और फिर स्वतंत्र भारत को घड़ने में अपनी अहम भूमिका निभाई है। आजाद भारत की पहली सरकार का गठन भी यहीं हुआ और पहली संसद भी यहीं बैठी।

– संसद के शक्तिशाली इतिहास के साथ ही यर्थाथ को स्वीकारना उतना ही आवश्यक है। ये इमारत अब करीब 100 साल की हो रही है। बीते वर्षों में इसे जरूरत के हिसाब से अपग्रेड किया गया। कई नए सुधारों के बाद संसद का ये भवन अब विश्राम मांग रहा है।

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