वास्तविक नियंत्रण रेखा (L.A.C.) पर चीन के साथ जारी तनाव के बीच देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान के बाद अब चीन भी सीमा पर एक मिशन के तहत विवाद पैदा कर रहा है, लेकिन देश इस संकट का दृढता के साथ सामना कर रहा है। सोमवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सीमा सड़क संगठन द्वारा बनाए गए 44 पुलों और अरुणाचल प्रदेश के नेचिफु टनेल का वर्चुअल माध्यम से शिलान्यास किया।
इस मौके पर उन्होंने कहा, ‘हमारी उत्तरी और पूर्वी सीमा पर पैदा की गयी स्थितियों से भी आप भली-भांति अवगत हैं। पहले पाकिस्तान और अब चीन की ओर से एक मिशन के तहत सीमा पर विवाद पैदा किया जा रहा है। इन देशों के साथ हमारी लगभग सात हजार किलोमीटर की सीमा मिलती है, जहां आए दिन तनाव बना रहता है।’
राजनाथ सिंह ने कहा, ‘सीमावर्ती इलाकों में सड़कों, सुरंगों और पुलों का लगातार निर्माण आप लोगों की प्रतिबद्धता और सरकार के दूरदराज के इलाकों में पहुंचने के प्रयास को दर्शाता है। ये सड़कें न केवल सामरिक जरूरतों के लिए होती हैं, बल्कि राष्ट्र के विकास में सभी की बराबर भागीदारी सुनिश्चित करती है।’
कोविड के कारण देश में कई समस्याएं
राजनाथ सिंह ने कहा देश के हर क्षेत्र में कोविड 19 के कारण पैदा हुई अनेक समस्याओं का सामना कर रहा है। वह चाहे कृषि हो या अर्थव्यवस्था, उद्योग हों या सुरक्षा व्यवस्था। सभी इससे गहरे प्रभावित हुए हैं। इस विकट समय में पाकिस्तान के बाद चीन द्वारा सीमा पर एक मिशन के तहत विवाद पैदा किया जा रहा है। उन्होंने कहा, हमारी उत्तरी और पूर्वी सीमा पर पैदा की गयी स्थितियों से आप भली-भांति अवगत हैं। पहले पाकिस्तान और अब चीन के द्वारा मानो एक मिशन के तहत सीमा पर विवाद पैदा किया जा रहा है।
Extremely happy to dedicate 44 major permanent bridges to the Nation today. The Foundation Stone for Nechiphu Tunnel was also laid on this occasion in Arunachal Pradesh.
These border infrastructure projects are of strategic importance and provide connectivity to remote areas. pic.twitter.com/aaonpDFhUw
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) October 12, 2020
उन्होंने कहा, इन देशों के साथ हमारी लगभग 7 हजार किलोमीटर की सीमा मिलती है, जहां आए दिन तनाव बना रहता है। उन्होंने कहा कि समस्याओं के बावजूद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल और दूरदर्शी नेतृत्व में यह देश न केवल इन संकटों का दृढ़ता से सामना कर रहा है, बल्कि सभी क्षेत्रों में बड़े और ऐतिहासिक बदलाव भी ला रहा है।