पंजाब में किसानों ने केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन को 15 दिनों के लिया किया स्थगित

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केंद्र के कृषि कानूनों का विरोध करने के लिए पंजाब के किसानों ने राज्य भर में रेल सुविधाओं को रोक रखा था लेकिन सोमवार रात से ट्रेन (यात्री और माल दोनों) की सेवाएं फिर से शुरू होने जा रही हैं। यह घोषणा किसानों की यूनियनों और मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के बीच एक बैठक के बाद की गई। किसानों यूनियनों का कहना है कि कि वह 15 दिन की अवधि के लिए नाकाबंदी को हटाएगी लेकिन यह चेतावनी भी दी है कि यदि इस मुद्दे पर बातचीत करने और उनके मुद्दों को हल करने में सरकार विफल रही तो इसे फिर से लगाया जाएगा।

अमरिंदर सिंह ने घोषणा किए जाने के तुरंत बाद ट्वीट करते हुए कहा कि उन्होंने किसानों के फैसले का स्वागत किया है और केंद्र से राज्य में रेल सेवाओं को फिर से शुरू करने का आग्रह किया। उन्होंने यह भी कहा कि किसान यूनियनों के साथ एक उपयोगी बैठक हुई है। यह साझा करते हुई खुशी हो रही है कि 23 नवंबर की रात से किशन यूनियनों ने 15 दिनों के लिए रेल नाकाबंदी को समाप्त करने का फैसला किया है। मैं इस कदम का स्वागत करता हूं, क्योंकि यह हमारी अर्थव्यवस्था को सामान्य स्थिति बहाल करेगा। मैं केंद्र सरकार से आग्रह करता हूं कि पंजाब में रेल सेवाओं को फिर से शुरू करें।

वहीं, पंजाब के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने भी यह जानकारी दी है कि किसान यूनियनों ने कल से 15 दिनों के लिए सभी ट्रेनों को फिर से शुरू करने की अनुमति दे दी है। किसानों ने बातचीत के शर्त पर यह फैसला लिया है। यदि 15 दिनों में बातचीत नहीं होती है, तो आंदोलन फिर से शुरू होगा।

बता दें कि पंजाब में पिछले कई दिनों से केंद्र के कृषि बिल को लेकर किसान आंदोलन कर रहे हैं। इसके विरोध में किसानों ने पंजाब में रेल सेवाएं रोक दी थीं। इसके अलावा की बार चक्का जाम भी किया है। लेकिन अब मुख्यमंत्री से हुई बातचीत के बाद किसानों ने कुछ दिनों के लिए आंदोलन रोकने का फैसला लिया है। अब देखना होगा कि क्या सरकार किसानों से बातचीत कर उनकी समस्या का हल निकाल पाती है या नहीं। 

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