पंजाब के डीआईजी ने किसान आंदोलन के समर्थन में दिया इस्तीफा, कहा- मैं अपने किसान भाइयों के साथ खड़ा

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कृषि कानूनों को लेकर जहां सरकार और किसानों के बीच दोबारा से बातचीत शुरू करने की कोशिशें जारी हैं। वहीं किसान आंदोलन को रोज कहीं न कहीं से समर्थन मिलता दिख रहा है। पंजाब के उप महानिरीक्षक (कारागार) लक्षमिंदर सिंह जाखड़ ने रविवार को बताया कि उन्होंने नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। जाखड़ ने बताया कि उन्होंने शनिवार को अपना इस्तीफा राज्य सरकार को दिया। 

एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा कि मैं अपने किसान भाइयों के साथ खड़े होने के मेरे विचार के बारे में सूचित करना चाहता हूं, जो कृषि कानूनों का शांतिपूर्वक विरोध कर रहे हैं।

आपको बता दें कि नए कृषि कानूनों को लेकर चल रहे किसान आंदोलन का आज 18वां दिन है। किसान अभी दिल्ली बॉर्डर पर डटे हुए हैं। इस बीच रविवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और सोम प्रकार गृह मंत्री अमित शाह से मिलने उनके आवास पहुंचे हुए हैं। इसके साथ-साथ और भी नेता साथ में हैं। बता दें कि किसानों का आंदोलन दिन पर दिन नया रूप लेता जा रहा है।

इधर, पंजाब के खेल और युवा सेवा मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी ने कहा कि केंद्र किसानों को सही मानने के बाद नए कृषि कानूनों में संशोधन पर विचार कर रहा है। सोढ़ी ने एएनआई को बताया, “केंद्र सरकार ने स्वीकार किया है कि किसान बिल्कुल सही हैं। यही कारण है कि केंद्र अब संशोधन की बात कर रहा है। लेकिन मुझे लगता है कि अगर वे किसानों के साथ न्याय करना चाहते हैं, तो उन्हें इन कानूनों को वापस लेना चाहिए।”

उन्होंने आगे कहा- “किसान शांतिपूर्वक, अपना भोजन पकाकर, ठंड के मौसम में ये विरोध कर रहे हैं। वे चाहते हैं कि केंद्र सरकार इन कानूनों को वापस ले और तुरंत मामले को सुलझाए। पंजाब सरकार पहले दिन से ही किसानों के साथ है। यहां तक ​​कि हमारे लोक गायक और क्षेत्रीय गायक भी  उनके समर्थन में आ रहे हैं क्योंकि वे भी किसानों के परिवारों से आते हैं”।

गौरतलब है कि हरियाणा, पंजाब और अन्य स्थानों के हजारों किसान कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। किसानों के आंदोलन को बड़ी संख्या में लोगों को समर्थन मिल रहा है। इससे पहले अकाली दल के नेता एवं पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने ने कहा था कि उन्होंने इन कानूनों के विरोध में अपना पद्म विभूषण पुरस्कार वापस कर किया है। शिअद (लोकतांत्रिक) नेता सुखदेव सिंह ढींढसा ने भी किसानों के समर्थन में अपना पद्म विभूषण पुरस्कार वापस करने की घोषणा की है।

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