देश के पांच राज्यों में अब भी दिख रहा कोरोना का कहर, टेस्टिंग और वैक्सीनेशन में भी कमी

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एक तरफ देश में कोरोना के मामलों में बीते दिनों में गिरावट दर्ज की गई है और दूसरी लहर का प्रभाव कम होता दिखाई दिया है। वहीं, दूसरी तरफ देश के पांच राज्य ऐसे हैं जो देश के कुल कोरोना मामलों में सबसे ज्यादा योगदान दे रहे हैं। केरल, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में कोरोना के सबसे ज्यादा मामले देखने को मिल रहे हैं। चिंता की बात यह है कि यहां टेस्टिंग और वैक्सीनेशन में भी कमी देखी गई है। केरल में रविवार को 17,466 मामले दर्ज किए गए जो पूरे देश के मामलों का आधा है। अकेले पिछले एक सप्ताह में केरल में औसत दैनिक मामलों में लगभग 16 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

मौतों में इजाफा

आंध्र प्रदेश, ओडिशा, महाराष्ट्र और तमिलनाडु अन्य चार राज्य हैं जहां इसी दौरान औसत दैनिक मामलों की संख्या सबसे अधिक है। ओडिशा में कोरोना से होने वाली मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है।  1 मई को प्रतिदिन औसतन दस मौतों से यह संख्या 1 जून को बढ़कर 34 हो गई और 1 जुलाई को यही संख्या 43 पहुंच गई। 26 जुलाई को ओडिशा में कोरोना से  65 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है।

टेस्टिंग में कमी

भारत के कोरोना मामलों में सबसे ज्यादा योगदान करने वाले पांच राज्यों में से चार ने बीते एक हफ्ते में टेस्टिंग में भी कमी की है। आंध्र प्रदेश में टेस्टिंग में 12 प्रतिशत कमी हुई है, केरल में 1.6 प्रतिशत, महाराष्ट्र में 6.6 प्रतिशत और तमिलनाडु में 2.9 फीसदी गिरावट दर्ज की गई है। 

वैक्सीनेशन में गिरावट

चिंता की बात यह है कि इनमें से तीन राज्यों में सबसे ज्यादा मामलों वाले टीकाकरण की गति में भी गिरावट आई है। पिछले एक सप्ताह में आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र में औसत दैनिक टीकाकरण में 35 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है, जबकि तमिलनाडु में यह 14 प्रतिशत कम हुआ है।

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