नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों संगठनों ने शनिवार को देशव्यापी ‘चक्का जाम’ किया। अलग-अलग राज्यों में किसान संगठनों ने हाईवे और नेशनल हाईवे पर पहुंचे कर चक्का जाम कर दिया। किसानों का यह चक्का जाम आज दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक चला।
सरकार कृषि क़ानूनों को वापस ले और MSP पर क़ानून बनाए नहीं तो आंदोलन जारी रहेगा। हम पूरे देश में यात्राएं करेंगे और पूरे देश में आंदोलन होगा : राकेश टिकैत #FarmersProtest pic.twitter.com/xDaTPoGjCJ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 6, 2021
किसानों ने सड़क जाम कर जमकर नारेबाजी की किसान बिल वापस लेने की सरकार से मांग की। किसानों के देशभर में चक्का जाम की कुछ खास तस्वीरें सामने आई हैं। हालांकि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में चक्का जाम नहीं करने का फैसला हुआ था। चक्का जाम शांतिपूर्वक पूरा हुआ और कहीं भी किसी तरह की हिंसा की कोई खबर नहीं मिली।
कर्नाटक: किसान संगठनों द्वारा आज देशभर में चक्का जाम के आह्वान पर किसानों ने बनकापुर टोल पर और टोल के पास नेशनल हाइवे पर चक्का जाम किया। #farmlaws pic.twitter.com/YSAVfy12ba
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किसानों के 3 घंटे के चक्का जाम के समापन के बाद गाजीपुर बॉर्डर के मंच से भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार नए कृषि कानूनों को वापस ले और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानून बनाए नहीं तो आंदोलन जारी रहेगा।
J&K: Farmer organisations in Jammu stage protest on Jammu-Pathankot highway as part of the nationwide 'chakka jaam' called by farmers today.
— ANI (@ANI) February 6, 2021
"We appeal to the govt to repeal these laws. We support the farmers protesting on the borders of Delhi," says a protester pic.twitter.com/cpnLBt3TTl
राकेश टिकैत ने आगे कहा कि हम पूरे देश में यात्राएं करेंगे और पूरे देश में आंदोलन होगा। टिकैत ने कहा कि हमने कानूनों को निरस्त करने के लिए सरकार को 2 अक्टूबर तक का समय दिया है। इसके बाद हम आगे की प्लानिंग करेंगे। हम दबाव में सरकार के साथ चर्चा नहीं करेंगे। नीचे दी गई तस्वीर हरियाणा के कुंडली की है जहां नए कृषि कानून के खिलाफ किसानों ने हाइवे पर पहुंचे कर चक्का जाम कर दिया।
चक्का जाम समाप्त होने के बाद प्रदर्शनकारी किसान संगठनों ने शनिवार को कहा कि वे सरकार के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन उसे नया प्रस्ताव लेकर आना चाहिए क्योंकि नए कृषि कानूनों को एक से ढेड़ साल तक के लिए निलंबित रखने का सरकार का मौजूदा प्रस्ताव उन्हें स्वीकार नहीं है।
पंजाब: किसान संगठनों द्वारा आज देशभर में दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक चक्का जाम के आह्वान पर किसानों ने अमृतसर-दिल्ली नेशनल हाईवे पर चक्का जाम किया। #FarmLaws2020 pic.twitter.com/M6Nk97ytfc
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 6, 2021
किसान यूनियनों ने स्पष्ट किया कि वे तीनों नए कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने से कम कुछ भी स्वीकार नहीं करेंगे। सिंघू बॉर्डर पर संवाददाता सम्मेलन में संयुक्त किसान मोर्चे के वरिष्ठ नेता दर्शनपाल सिंह ने कहा कि गेंद अब सरकार के पाले में है। उन्होंने कहा कि हम बातचीत के लिए तैयार हैं। गेंद सरकार के पाले में है। हमने उन्हें स्पष्ट रूप से बताया कि पिछला प्रस्ताव (कानूनों को एक से डेढ़ साल तक निलंबित रखने) हमें स्वीकार्य नहीं है। अब उन्हें नए प्रस्ताव के साथ आना चाहिए।
राहुल गांधी ने देश के लिए कृषि कानूनों को बताया घातक
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने किसान संगठनों के ‘चक्का जाम’ का समर्थन करते हुए शनिवार को कहा कि अन्नदाताओं का सत्याग्रह देश हित में है और तीनों कृषि कानून राष्ट्र के लिए घातक हैं। राहुल ने ट्वीट किया, ‘अन्नदाता का शांतिपूर्ण सत्याग्रह देशहित में है- ये तीन कानून सिर्फ किसान-मजदूर के लिए ही नहीं, जनता व देश के लिए भी घातक हैं। पूर्ण समर्थन!
अन्नदाता का शांतिपूर्ण सत्याग्रह देशहित में है- ये तीन क़ानून सिर्फ़ किसान-मज़दूर के लिए ही नहीं, जनता व देश के लिए भी घातक हैं।
पूर्ण समर्थन!#FarmersProtests
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 6, 2021