दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र अमेरिका में सत्ता हस्तांतरण को लेकर मचा हुआ है बवाल

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जब सत्ता के शीर्ष पद पर बैठा व्यक्ति ही संविधान और लोकतंत्र की शपथ भूलकर जनता को गलत रास्ते पर चलने के लिए उकसाने लगे तो इसका नतीजा कितना भयावह होता है वो आप कल रात अमेरिका में हुई घटना को देखकर अंदाजा लगा सकते हैं।

हुआ यूं कि कल अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में नवनिर्वाचित जो बाइडन की जीत को प्रमाणित करने के लिए अमेरिका में संसद का संयुक्त सत्र बुलाया गया लेकिन इससे ठीक 1 घंटे पहले वर्तमान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वॉशिंगटन डीसी में अपने समर्थकों के बीच एक भड़काऊ भाषण दिया और कहा कि “मैं अपनी हार मानने के लिए तैयार नहीं हूं।” इस दक्षिणपंथी नेता का यह कहना था और फिर इसके बाद जो कुछ भी हुआ वो हमेशा के लिए अमेरिका के इतिहास के मुंह पर कालिख पोतने वाला है।

इसके बाद उनके समर्थकों ने अमेरिकी संसद के संयुक्त सत्र के दौरान ही भारी उपद्रव करते हुए संसद भवन यानी कैपिटल हाउस के भीतर घुस गए । कैपिटल हाउस के बाहर लगे सारे बैरिकेड तोड़ दिए, सुरक्षाकर्मियों से हिंसक संघर्ष में उलझ गए और उसके बाद देखते ही देखते ये प्रदर्शनकारी कैपिटल हाउस के भीतर एकत्र हो गए और चारों तरफ हाहाकार मच गया। जहां-तहां आंसू गैस के गोले चलने लगे चीख-पुकार मचने लगी, इसी दौरान एक महिला सहित 4 लोगों की मृत्यु हो गई।

अमेरिका के मौजूद उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने भी हिंसा को अमेरिकी इतिहास का काला दिन करार दिया है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘हम उन लोगों के आभारी रहेंगे जिन्होंने इस ऐतिहासिक जगह को बचाने के लिए अपनी जगह नहीं छोड़ी।’अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन ने इस घटना को ‘राजद्रोह’ करार दिया और कहा कि- कोई भी राष्ट्रपति चाहे व्यक्तिगत रूप से अच्छा हो या बुरा हो लेकिन पद पर रहते हुए उसे संविधान और लोकतंत्र की रक्षा करनी चाहिए। उन्होंने राष्ट्रपति ट्रंप से मांग की है कि वो फौरन अपने हिंसक प्रदर्शनकारी समर्थकों को तुरंत ‘कैपिटल हाउस’ की घेराबंदी छोड़ने के लिए कहे और शांतिपूर्ण तरीके से वापस लौट जाने की अपील करें।

दूसरी तरफ माइक्रोब्लॉग साइट ट्विटर ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का अकाउंट 12 घंटे के लिए बंद करते हुए चेतावनी दी कि अगर ट्रंप ने ऐसे भड़काऊ बयान देना जारी रखा तो उनका अकाउंट हमेशा के लिए ब्लॉक कर दिया जाएगा । इस घटना के बाद भले ही सब कुछ फिर से सामान्य हो जाए लेकिन इस घटना ने अमेरिकी लोकतंत्र के लंबे सुनहरे अतीत पर एक काला धब्बा जरूर लगा दिया है।

कब शुरू हुई हिंसा?

जब जो बाइडन की जीत को प्रमाणित करने के लिए सांसद संसद के संयुक्त सत्र के लिए कैपिटल के भीतर बैठे थे, तभी यूएस (अमेरिका) कैपिटल पुलिस ने इसके भीतर सुरक्षा के उल्लंघन की घोषणा की। ट्रंप समर्थक कैपिटल बिल्डिंग में घुस गए और हंगामा करने लगे। इसके चलते कांग्रेस को मजबूरन अपनी कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। कैपिटल के बाहर पुलिस और ट्रंप समर्थकों के बीच झड़प हुई। प्रदर्शनकारियों ने कैपिटल की सीढ़ियों के नीचे लगे अवरोधक तोड़ दिए। कैपिटल पुलिस ने बताया कि इलाके में एक संदिग्ध पैकेट भी मिला है।

ट्रंप ने भाषण में क्या कहा?

डोनाल्ड ट्रंप ने संसद का संयुक्त सत्र शुरू होने से ठीक पहले कहा कि वह चुनाव में हार को स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि इसमें धांधली हुई है और यह धांधली उनके डेमोक्रेटिक प्रतिद्वंद्वी जो बाइडन के लिए की गई, जो नवनिर्वाचित राष्ट्रपति हैं। ट्रंप ने वाशिंगटन डीसी में अपने हजारों समर्थकों को संबोधित करते हुए कहाकि जब धांधली हुई हो तब आपको अपनी हार स्वीकार नहीं करनी चाहिए। ट्रंप ने एक घंटे से अधिक के अपने भाषण में दावा किया कि उन्होंने इस चुनाव में शानदार जीत हासिल की है।

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