केंद्र सराकर ने नए श्रम कानूनों पर रायशुमारी का काम शुरू कर दिया है। श्रम मंत्रालय ने औद्योगिक संबंध संहिता 2020 के ड्राफ्ट नियम जारी करते हुए इससे जुड़े कानूनों पर आपत्तियां और सुझाव 30 दिन के भीतर मांगे है। सरकार का लक्ष्य है कि अगले साल मार्च तक देश भर में नए श्रम कानून लागू कर दिए जाएं। ड्राफ्ट नियम में प्रावधान किया गया है कि यदि नियोक्ता अपने ऐसे कर्मचारी की छंटनी करना चाहता है, जो एक साल तक निरंतर सेवा दे चुका है तो उसे इसके बारे में केंद्र सरकार और संबंधित केंद्रीय उप मुख्य श्रमायुक्त को ई-मेल या फिर पंजीकृत या स्पीडपोस्ट से इसका नोटिस देना होगा।
छंटनी किए गए कामगार को देना होगा मौका
वहीं यह भी प्रावधान किया गया है कि अगर किसी औद्योगिक प्रतिष्ठान में कोई वैकेंसी होती है और उसे भरने के प्रस्ताव से पहले एक साल के भीतर छंटनी किए गए कामगार मौजूद हों तो उन्हें ई-मेल या पोस्ट के जरिए कम से कम 10 दिन पहले जानकारी देते हुए नौकरी के लिए वरीयता देनी होगी। साथ ही सरकार ने नए नियमों में ऐसी व्यवस्था का भी प्रावधान रखा है कि छंटनी का शिकार हुए कर्मचारी के स्किल डेलवपमेंट की भी व्यवस्था हो सके। नियोक्ताओं के लिए ये जरूरी होगा कि वो छंटनी किए गए कर्मचारी के 15 दिन के वेतन के बराबर की राशि केंद्र सरकार के बताए गए खाते में ट्रांसफर करेगा। उस रकम को सरकार कर्मचारी के खाते में ट्रांसफर करेगी जिसका उपयोग कर्मचारी पुनर्कौशल के लिए कर सकेगा।
नए श्रम कानून से देश के संगठित व असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को कई प्रकार की नई सुविधाएं मिलेंगी, जैसे इसमें श्रमिकों को नियुक्ति पत्र देना, वेतन का डिजिटल भुगतान, हर साल सभी श्रमिकों का हेल्थ चेकअप अनिवार्य किया गया है। उद्यमियों के लिए भी इसमें कई प्रावधान लाए गए हैं ताकि उन्हें कारोबार करने में आसानी हो। श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने दावा किया है कि 73 साल के इतिहास में पहली बार इस प्रकार से श्रम कानून में बदलाव किए गए हैं, जो नियोक्ता और श्रमिक दोनों के लिए फायदेमंद साबित होंगे।
छंटनी की संख्या की पूरी जानकारी सरकार के साथ साझा करनी होगी
यह भी निर्देश दिए गए हैं कि कंपनियों को छंटनी की संख्या की पूरी जानकारी सरकार के साथ साझा करनी होगी। ताकि इस व्यवस्था में पारदर्शिता बनी रह सके। यही नहीं कंपनियों को इन सभी चीजों की जानकारी की एक एक प्रति श्रम ब्यूरो के महानिदेशक के साथ भी साझा करनी होंगी ताकि देश में नौकरियों के आंकड़ों की जानकारी इकट्ठा रखी जा सके। 30 दिनों के बाद मिले सुझावों के अनुसार जरूरी बदलावों के बाद इसे कानूनी रूप देने का काम शुरू कर दिया जाएगा। साथ ही वेज कोड को लेकर नोटिफिकेशन ड्राफ्ट 15 दिनों के भीतर जारी कर दिया जाएगा।