चौतरफा घिरने और अपनी किरकिरी कराने के बाद यूपी सरकार ने आज राहुल, प्रियंका सहित पांच कांग्रेस नेताओं को हाथरस जाने की इजाजत दी

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज सुबह ट्वीट किया कि “दुनिया की कोई भी ताकत मुझे हाथरस के दुखी परिवार से मिलकर उनका दर्द बांटने से नहीं रोक सकती… इस प्यारी बच्ची और उसके परिवार के साथ यूपी सरकार और उसकी पुलिस द्वारा किया जा रहा व्यवहार मुझे स्वीकार नहीं है। किसी भी हिंदुस्तानी को यह स्वीकार नहीं करना चाहिए। “

इस ऐलान के बाद ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी सहित 35 सांसदों और तमाम बड़े नेताओं के साथ हाथरस जाने के लिए दिल्ली से निकले। पीड़िता के परिवारवालों से मिलने के लिए हाथरस जाने के दौरान प्रियंका गांधी खुद ड्राइविंग सीट पर बैठीं नजर आ रही है जबकि, भाई राहुल बगल की सीट पर बैठे हुए हैं। हाथरस जाने के लिए निकलने पर संवाददाताओं से बात करते हुए प्रियंका ने कहा- अगर इस बार नहीं तो हम अगली बार कोशिश करेंगे।

राहुल और कांग्रेस नेताओं के काफिले के पहुंचने से पहले कांग्रेस कार्यकर्ताओं का भारी हुजूम DND नाके पर उमड़ पड़ा। अगर प्रशासन की ओर से भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी। दोनों तरफ से टकरा होने का भी अंदेशा लग रहा था लेकिन हाथरस मामले में चौतरफा घिरी यूपी सरकार ने काफी किरकिरी के बाद आखिरकार राहुल, प्रियंका सहित पांच कांग्रेस नेताओं को हाथरस जाने की इजाजत दे दी। भारी संख्या में मौजूद कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं को खदेड़ने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया। ऐसा होता देख राहुल गांधी और प्रियंका गांधी तुरंत अपनी गाड़ी से उतरे और घायल कार्यकर्ताओं को संभालने में जुट गए। इस दौरान राहुल गाँधी मौके पर मौजूद अधिकारियों पर खासा नाराज दिखे। काफी गहमागहमी के बाद वापस गाड़ी में बैठकर राहुल और प्रियंका हाथरस के लिए रवाना हो गए।

गौरतलब है कि इससे पहले भी राहुल गांधी कांग्रेस महासचिव और यूपी की प्रभारी प्रियंका गाँधी के साथ हाथरस जाने की कोशिश की थी लेकिन, यूपी प्रशासन ने उन्हें रोक लिया और उन्हें ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे से वापस आना पड़ा था। इस दौरान राहुल के साथ धक्का मुक्की भी हुई और वो जमीन पर गिर पड़े । प्रियंका ने एक दिन पहले यानी शुक्रवार को हाथरस गैंगरेप पीड़िता के समर्थन में दिल्ली स्थित वाल्मिकी मंदिर जाकर प्रार्थना सभा में भी हिस्सा लिया था।

इससे पहले, हाथरस घटना को लेकर योगी सरकार ने शुक्रवार की रात बड़ी कार्रवाई करते हु हाथरस के एसपी, डीएसपी और इलाके के इंस्पेक्टर समेत पांच पुलिसवालों को सस्पेंड कर दिया था। गौरतलब है कि 14 सितंबर को हाथरस की दलित युवती के साथ गैंगरेप हुआ था। ऐसा आरोप है कि गैंगरेप के बाद आरोपियों ने युवती की जीभ काट दी थी और रीढ़ की हड्डी तोड़ दी थी। पीड़िता की हालत बेहद खराब होने के बाद उसे इलाज के लिए उन्हें दिल्ली ले जाया गया। लेकिन मंगलवार की सुबह पीड़िता ने सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया। उत्तर प्रदेश की पुलिस पर मामले में लीपापोती का आरोप लगा है।

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