चीन-पाक को कड़ा संदेश, खतरों से एकसाथ निपटेंगे भारत-अमेरिका

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भारत और अमेरिका के बीच नई दिल्ली में दो दिवसीय टू प्लस टू वार्ता के दौरान दोनों देशों ने BECA समझौता (बेसिक एक्सचेंज एंड कोऑपरेशन एग्रीमेंट) पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। इस समझौते से दोनों देशों के बीच सूचनाओं को साझा करने में और भी आसानी होगी। सिर्फ यही नहीं इसके अलावा भी कई अहम समझौतों पर हस्ताक्षर किए जा सकते हैं। यब बैठक ऐसे समय पर हो रही है जब भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनातनी जारी है। ऐसे में चीन की नजर भी भारत और अमेरिका के बीच हो रही इस बैठक पर है। वहीं दूसरी ओर अमेरिकी रक्षा और विदेश मंत्री ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक जाकर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

प्रधानमंत्री मोदी से भी मिले पोम्पियो और एस्पर
संयुक्त प्रेस वार्ता से पहले अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस जयशंकर और एनएसए अजीत डोभाल भी मौजूद थे।

सभी खतरों के खिलाफ उठा रहे कदम: पोम्पियो
पोम्पियो ने कहा कि हमारे नेताओं और नागरिकों को स्पष्ट रूप से दिखाई पड़ता है कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी लोकतंत्र, कानून का शासन और पारदर्शिता के लिए मित्रवत नहीं है… मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि भारत और अमेरिका न केवल सीसीपी की ओर से पैदा हुए खतरे के खिलाफ बल्कि सभी खतरों के खिलाफ सहयोग को मजबूत करने के लिए सभी कदम उठा रहे हैं। पोम्पियो ने कहा कि भारत को अमेरिका बहुपक्षीय साझेदार के रूप में महत्व देता है, चाहे वह क्वाड के माध्यम से हो, अफगान शांति वार्ता को सफल बनाने या संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत के आगामी कार्यकाल के दौरान एक साथ काम करने के लिए, हम यूएनएससी में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन करना जारी रखेंगे।

अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने संयुक्त प्रेस वार्ता में कहा कि अमेरिका और भारत न सिर्फ चीन की कम्युनिस्ट पार्टी बल्कि सभी तरह के खतरों के खिलाफ सहयोग को मजबूत करने के लिए जरूरी कदम उठा रहे हैं। पिछले साल हमने साइबर वर्ल्ड से जुड़े मुद्दों पर आपसी सहयोग को विस्तार दिया है, हमारी नौसेनाओं ने हिंद महासागर में संयुक्त अभ्यास किया है।

सीमा पर आतंकवाद बर्दाश्त नहीं: जयशंकर
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि वार्ता के दौरान हमारे पड़ोसी देशों के विकास को भी चर्चा की गई। हमने स्पष्ट किया कि सीमा पार (पाकिस्तान का नाम लिए बगैर) आतंकवाद पूरी तरह से अस्वीकार्य है। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि इंडो पैसिफिक क्षेत्र हमारी वार्ता का विशेष केंद्र बिंदु था। हमने इस क्षेत्र में सभी देशों के लिए स्थिरता और शांति और समृद्धि के महत्व को दोहराया।

सभी देशों की संप्रभुता का सम्मान जरूरी: राजनाथ
राजनाथ सिंह ने कहा कि हम इस बात पर भी सहमत हुए कि नियमों और कानून पर आधारित अंतरराष्ट्रीय कानून व्यवस्था और अंतरराष्ट्रीय समुद्र में नेविगेशन की स्वतंत्रता, सभी देशों की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान करना आवश्यक है। भारत-अमेरिका के बीच मंत्रिस्तरीय टू प्लस टू वार्ता के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अमेरिका के साथ सैन्य स्तर का हमारा सहयोग बहुत बेहतर तरीके से आगे बढ़ रहा है। दो दिनों की बैठक में हमने अपने पड़ोसी और उससे आगे के तीसरे देशों में संभावित रक्षा उपकरणों के संयुक्त विकास के लिए परियोजनाओं की पहचान की है।

संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन
भारत और अमेरिका के बीच हुई टू प्लस टू वार्ता से जुड़ी जानकारी साझा करने के लिए संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। इस दौरान अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने गलवां घाटी में शहीद हुए भारतीय जवानों को श्रद्धांजलि दी।



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