“चिराग सी तासीर रखिये, ये सोचिये मत की घर किसका रोशन हुआ है”

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“चिराग सी तासीर रखिये, ये सोचिये मत की घर किसका रोशन हुआ है ”

कुछ ऐसी ही शख्शियत है श्रीसंजीव शर्मा ! इनकी पैदाइश मध्यम वर्गीय परिवार में दिल्ली में हुई औऱ शिक्षा भी दिल्ली में ही हुई है। जो कुछ भी हासिल किया है वो सब अपने दम पर किया है। वो अपने माता पिता को अपना आदर्श मानते हैं जो व्यक्ति अपने बुजुर्गों का सम्मान करता है, उसकी चार चीजें स्वतः ही बढ़ जाती है। इसी संदर्भ में शास्त्रभी कहते है–
“अभिवादन शीलस्य , नित्यं वृद्धोंपसेविन : ।
चत्वारि तस्य वर्धन्ते , आयुर्विद्या यशोबलं ।।”

उनके आशीर्वाद का ही परिणाम है कि आज ,
संजीव शर्मा किसी परिचय के मोहताज नही है वो एक ऐसा दीया हैं जिसने ना जाने कितने अनगिनत लोगों को रोशनी दी हैं साथ ही स्नेह व सहयोग दे रहे हैं जब कि आज के इस युग में कहा कोई किसी की मदद करता हैं। इस बात पर वो कहते कि

कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन उनका मूल मंत्र हैं
वो कहते हैं कि
मेरा कर्म में विश्वास हैं औऱ वो मैं वही कर रहा हु
कोरोना काल जैसी महामारी में भी सर औऱ उनके सहयोगी यो ने लोगों कि हर सम्भव की मदद की हैं ,
सरल सह्दय मिलनसार सेवाभावी जिनके चेहरे पर हमेशा मुस्कान रहती हैं तनाव तो कभी देखा ही नही , सादगी उनका गहना हैं डिज़ायर न्यूज के मालिक, पोलटिक्स मीडिया ,वॉलीवुड ,ऑर्गेनिक खेती हो , मैं अगर लिखने लगूँगा उनके बारे मैं तो लीस्ट बहुत लंबी हो जाएगी । ऐसा कोनसा क्षेत्र है जिसमे उनकी पकड़ या पहुँच न हो।
वे हर फील्ड के मास्टर हैं , इतना सब होने पर भी उन्हें
कोई गुरूर नही है ,
संजीव शर्मा ने अपनी जिंदगी मैं बहुत उतार चढ़ाव देखे हैं वो लोगों के दुःख दर्द औऱ तकलीफ को समझते हैं
जाके पैर ना फटी बिवाई ,
वो क्या जाने पीर परायी।
संजीव शर्मा ने दर्द , दुख , तकलीफ को नजदीक से देखा हैं इसलिए वो खुद भी लोगों की मदद करते हैं औऱ लोगों को मदद करने के लिए प्रेरित भी करते है ,
संजीव शर्मा को उनके उत्कृष्ट कार्यो के लिये अनगिनत अवार्ड मिले है ,
उनसे जब अवार्ड के बारे मैं पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जो मजा अवार्ड देने मैं हैं वो लेने मैं कहा ,
संजीव शर्मा अपने ग्रुप के माध्यम से उत्कृष्ट कार्यो के लिए खुद अवार्ड देते हैं औऱ लोगों को प्रोत्साहित भी करते है ।
संजीव शर्मा की एक खास बात ये भी हैं कि वो अपने दोस्तों का जन्म दिन चाहे वो छोटा हो या बड़ा कभी भी नही भूल ते हैं वो अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट सेंड कर उसे जन्म दिन की बधाई अवश्य देते है
मुझे एक शेर याद आगया हैं
“कि कपड़े भले ही तुम खास पहनलो ,
पर पहचान उन्ही की बनती हैं ,
जिंनकी बाते खास होती हैं ,
अर्थात व्यक्ति की पहचान उसकी वेशभूषा से नही बल्कि व्यक्तित्व से होती है।
संजीव शर्मा से जब पूछा गया कि आप कुछ कहना चाहेंगे तो उन्होंने कहा कि
सादगी से रहो ,
सरलता को अपनाओ ,स्वार्थ मत रखो औऱ परमार्थ को अपनाओ
फिर उन्होंने कहा कि
ख्वाइश ये नही की मेरी तारीफ हर कोई करे ,
बस कोशिश मेरी ये हैं कि मुझसे किसी का बुरा न हो
तो अंत मैं भी एक शेर कहना चाहूंगा
कि खाक हो जाएगा आज गुरुर उन लोगों का भी ,
एक मुलाकात आज मेरी एक सादगी पसंद से हुई हैं।

ELE India News एवं ‘राष्ट्रीय विकास गति’ मासिक पत्रिका परिवार आपके उज्ज्वल भविष्य की कामना करता है।

(मध्य प्रदेश स्टेट ब्यूरो चीफ- प्रकाश बारोड़ की रिपोर्ट)

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