नागदा जं.। कोरोना महामारी इस समय भयावह स्तर पर फैली है। हर व्यक्ति सही समय पर इलाज के लिए चिंतित हैं। ऐसे में विभागीय जांच व लोकायुक्त के छापे के बाद कुछ वर्षों से निलंबित चल रहे डॉ. लहरी दंपति को फ़िर से जॉइनिंग मिल गयी है। एक वर्ष पूर्व ड्यूटी ज्वाइन करने के आदेश मंत्रालय से हो गए थे। लोकायुक्त प्रकरण विचारधीन होने के कारण ज्वाइनिंग नहीं हो पा रही थी। मग़र डॉक्टरों की कमी के चलते सोमवार को दोनों दंपति को सरकारी अस्पताल में ज्वाइनिंग मिल गई।
शासकीय अस्पताल में पदस्थ डॉ. विनोद लहरी व उनकी पत्नी डॉ. विद्या लहरी कानूनी प्रक्रियाओं के कारण पिछले लगभग 8 वर्षों से अधिक समय से विभाग से निलंबित चल रहे थे लेकिन निजी तौर पर कोरोना काल में खतरनाक स्थिति के बावजूद लोगों के लिए चिकित्सा कार्य कर रहे थे। दरअसल इनका ज्वाइनिंग आदेश एक वर्ष पूर्व मंत्रालय से हो चुका था। लोकायुक्त में प्रकरण विचारधीन होने के कारण जिला स्वास्थ्य विभाग ने ज्वाइनिंग नहीं दी थी। कोरोना के इस संकट काल में डॉक्टरों के अभाव के चलते दंपति को सोमवार को शासकीय अस्पताल में ज्वाइनिंग दे दी। डॉ. विनोद लहरी के पास डबल एमएस की डिग्री है। डॉ. विद्या लहरी एमबीबीएस हैं।
बता दें कि लगभग 11 वर्ष पूर्व लहरी दंपति शासकीय अस्पताल में पदस्थ थे। विनोद लहरी ब्लाक मेडिकल आफिसर के पद पर थे। अब लहरी आम डॉक्टर की तरह अस्पताल में सेवाएं देंगे। पति-पत्नी की विवादित कार्यशैली के कारण इनके खिलाफ शहर के नेताओं ने आंदोलन किए थे। जांच के बाद दंपति को निलबिंत कर दिया था। प्रकरण के चलते इन्हें जावरा अस्पताल में भेज दिया था। डॉ. विनोद लहरी के पास अवैध संपत्ति की लोकायुक्त में शिकायत के बाद इनके यहां छापा पड़ा था। इसके बाद दोनों को निलंबित कर दिया था। लोकायुक्त में मामला अभी भी विचाराधीन है। इन तमाम विवादों के बावजूद ये डॉक्टर दम्पति पिछले साल भी कोरोना काल में लोगों की सेवा में जुटी रही। अब आख़िरकार शहर के दो अनुभवी डॉक्टरों की सेवाएं फिर से बहाल होने पर क्षेत्रवासियों ने राहत की सांस ली है।
विशेष रिपोर्ट: स्टेट ब्यूरो चीफ- प्रकाश बारोड़ एवं संवाददाता रईस खान