कोरोना की दूसरी लहर से अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान, जीडीपी घटकर (-7.3) फीसदी

0
268

कोरोना की दूसरी लहर से भारतीय अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हुआ है। भारत सरकार के ताजा आंकड़े के अनुसार वर्ष 2020-21 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 7.3 फीसदी की कमी दर्ज की गई है। वहीं पिछले साल(2019-20) में यह 4 फीसदी रही थी।  जबकि चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में जीडीपी ग्रोथ रेट 1.6 फीसदी दर्ज की गई। वहीं खुद केंद्र सरकार ने इस साल फरवरी में पूरे वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान जीडीपी में 8 फीसदी की गिरावट का अनुमान लगाया था लेकिन उस अनुमान से 0.70 बेहतर आए हैं जीडीपी के आंकड़े।

हालांकि, जनवरी-मार्च 2021 के दौरान वृद्धि दर इससे पिछली तिमाही अक्तूबर-दिसंबर 2020 के 0.5 फीसदी वृद्धि के मुकाबले बेहतर थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार 2019-20 में जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में तीन फीसदी की वृद्धि हुई थी।

आंकड़ों के मुताबिक भारतीय अर्थव्यवस्था के आकार में 2020-21 के दौरान 7.3  फीसदी का संकुचन हुआ, जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था चार फीसदी की दर से बढ़ी थी। एनएसओ ने इस साल जनवरी में जारी अपने पहले अग्रिम अनुमानों के आधार पर कहा था कि 2020-21 के दौरान जीडीपी में 7.7 फीसदी गिरावट रहेगी । चीन ने जनवरी-मार्च 2021 में 18.3 फीसदी की आर्थिक वृद्धि दर्ज की है।

राजकोषीय घाटा 2020-21 में जीडीपी का 9.3 फीसदी 

राजकोषीय घाटा वित्त वर्ष 2020-21 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 9.3 फीसदी रहा। यह वित्त मंत्रालय के संशोधित अनुमान 9.5 फीसदी से कम है। महालेखा नियंत्रक (सीजीए) ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए केंद्र सरकार के राजस्व-व्यय का लेखा-जोखा प्रस्तुत करते हुए कहा कि पिछले वित्त वर्ष में राजस्व घाटा 7.42  फीसदी था।

निरपेक्ष रूप से राजकोषीय घाटा 18,21,461 करोड़ रुपये बैठता है जो  फीसदी में जीडीपी का 9.3 फीसदी है। सरकार ने फरवरी 2020 में पेश बजट में 2020-21 के लिये शुरू में राजकोषीय घाटा 7.96 लाख करोड़ रुपये या जीडीपी का 3.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया था।

वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में पिछले वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटा अनुमान को संशोधित कर 9.5  फीसदी यानी 18,48,655 करोड़ रुपये कर दिया गया। कोविड-19 महामारी और राजस्व प्राप्ति में कमी को देखते हुए राजकोषीय घाटे के अनुमान को बढ़ाया गया।

वित्त वर्ष 2019-20 में राजकोषीय घाटा बढ़कर जीडीपी का 4.6  फीसदी रहा था। मुख्य रूप से राजस्व कम होने से राजकोषीय घाटा बढ़ा है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here